ज्योतिषशास्त्र
में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनिदेव को पापी और क्रूर ग्रह कहा
जाता है। शनि का अशुभ प्रभाव हर व्यक्ति पर पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और
ढैय्या से हर कोई भयभीत रहता है। शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि
की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती
और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि ढाई साल में एक बार राशि
परिवर्तन करते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक
न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है।
- मेष राशि
साढे़साती - 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक
ढैय्या- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक
- 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक
- वृषभ राशि
साढे़साती - 3 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक
ढैय्या-
27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक
- मिथुन राशि
साढ़ेसाती - 8 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक
ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक
- 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक
- कर्क राशि
साढ़ेसाती - 31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक
ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 स 29 मार्च 2025 तक
- 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक
- सिंह राशि
साढ़ेसाती - 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक
ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक
-12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक
- कन्या राशि
साढ़ेसाती - 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक
ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक
- तुला राशि
साढ़ेसाती - 22 अक्टूबर 2038 से 8 दिसंबर 2046 तक
ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक
- 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2033 तक
- वृश्चिक राशि
साढे़साती - 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049
ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 से 29 मार्च 2025 तक
- 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक
धनु राशि
साढ़ेसाती - 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक
ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक
- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक
मकर राशि
साढ़ेसाती - 26 जनवरी 2017 से 29 मार्च 2025 तक
ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक
- 27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक
- कुंभ राशि
साढ़ेसाती - 24 जनवरी 2020 से 3 जून 2027 तक
ढैय्या- 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2032 तक
- 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक
- मीन राशि
साढ़ेसाती - 29 अप्रैल 2022 से 8 अगस्त 2029 तक
ढैय्या - 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक
- 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक
ज्योतिषशास्त्र
में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनिदेव को पापी और क्रूर ग्रह कहा
जाता है। शनि का अशुभ प्रभाव हर व्यक्ति पर पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और
ढैय्या से हर कोई भयभीत रहता है। शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि
की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती
और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि ढाई साल में एक बार राशि
परिवर्तन करते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक
न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है।
- मेष राशि
साढे़साती - 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक
ढैय्या- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक
- 12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक
- वृषभ राशि
साढे़साती - 3 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक
ढैय्या-
27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक
- मिथुन राशि
साढ़ेसाती - 8 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक
ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक
- 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक
- कर्क राशि
साढ़ेसाती - 31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक
ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 स 29 मार्च 2025 तक
- 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक
- सिंह राशि
साढ़ेसाती - 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक
ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक
-12 दिसंबर 2043 से 8 दिसंबर 2046 तक
- कन्या राशि
साढ़ेसाती - 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक
ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक
- तुला राशि
साढ़ेसाती - 22 अक्टूबर 2038 से 8 दिसंबर 2046 तक
ढैय्या- 24 जनवरी 2020 से 29 अप्रैल 2022 तक
- 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2033 तक
- वृश्चिक राशि
साढे़साती - 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049
ढैय्या- 29 अप्रैल 2022 से 29 मार्च 2025 तक
- 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक
धनु राशि
साढ़ेसाती - 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक
ढैय्या- 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक
- 13 जुलाई 2034 से 27 अगस्त 2036 तक
मकर राशि
साढ़ेसाती - 26 जनवरी 2017 से 29 मार्च 2025 तक
ढैय्या- 3 जून 2027 से 8 अगस्त 2029 तक
- 27 अगस्त 2036 से 22 अक्टूबर 2038 तक
- कुंभ राशि
साढ़ेसाती - 24 जनवरी 2020 से 3 जून 2027 तक
ढैय्या- 8 अगस्त 2029 से 31 मई 2032 तक
- 22 अक्टूबर 2038 से 29 जनवरी 2041 तक
- मीन राशि
साढ़ेसाती - 29 अप्रैल 2022 से 8 अगस्त 2029 तक
ढैय्या - 31 मई 2032 से 13 जुलाई 2034 तक
- 29 जनवरी 2041 से 12 दिसंबर 2043 तक