टिप्पणी :: छत्तीसगढ़ सरकार को अंग दान कानून शीघ्र लागू करना चाहिए, बचेगी जिंदगी मिलेगा नया जीवन:

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अंग दान महा दान है। इससे हजारों लोगों की जिंदगी असमय समाप्त होने से बच जाएगी। लोग मरने से पहले अपना देह दान मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल कॉलेजों में दान कर देते हैं जिससे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को शरीर के विभिन्न अंग प्रत्यंगों के बारे में बारीकी से जानकारी मिले। लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश में अंग दान का कोई भी कानून अभी तक तैयार नहीं हुआ है और न ही बचा है। अंग दान कानून शीघ्र लागू करने हेतु रायपुर के प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश मिश्रा भी कह चुके हैं जो विभिन्न अखबारों में प्रकाशित भी हुए हैं।





डॉ दिनेश मिश्रा ने उक्त समाचार को 28 जनवरी 2018 को फेसबुक पर पोस्ट किए थे। एक बार छत्तीसगढ़ में अंग दान कानून लागू हो जाने पर लोग जो मरणासम्पन्न हैं, जिनका ब्रेन डेड हो चुका है, जिनका बचने का कोई रास्ता न हो वे अपना अंग दान कर किडनी के मरीजों, लिवर के मरीजों, किसी कारण वर्ष आंखों की रोशनी चली गयी हो व आदि में यह दान व्यक्ति को नया जीवन प्रदान कर सकता है। जीवन व्यक्ति को एक बार ही मिलता है जो व्यक्ति स्वस्थता के साथ जीवन जीना चाहता है।

प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को समूचा विश्व "अंतरराष्ट्रीय अंग दान दिवस " के रूप में मनाता है। लेकिन यह एक दिन की बात नहीं है। इसके लिए एक ठोस कानून बनाने की सख्त जरूरत है जिससे लोग अनायास ही अंग दान कर लाखों लोगों को नया जीवन दे सके। यह तो समय के गर्त में है कि कब यह कानून बनेगा और प्रदेश में लागू किया जाएगा जिससे लाखों लोगों को समय से पहले नया जीवन मिल सके।




अंग दान महा दान है। इससे हजारों लोगों की जिंदगी असमय समाप्त होने से बच जाएगी। लोग मरने से पहले अपना देह दान मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए मेडिकल कॉलेजों में दान कर देते हैं जिससे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को शरीर के विभिन्न अंग प्रत्यंगों के बारे में बारीकी से जानकारी मिले। लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश में अंग दान का कोई भी कानून अभी तक तैयार नहीं हुआ है और न ही बचा है। अंग दान कानून शीघ्र लागू करने हेतु रायपुर के प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ दिनेश मिश्रा भी कह चुके हैं जो विभिन्न अखबारों में प्रकाशित भी हुए हैं।





डॉ दिनेश मिश्रा ने उक्त समाचार को 28 जनवरी 2018 को फेसबुक पर पोस्ट किए थे। एक बार छत्तीसगढ़ में अंग दान कानून लागू हो जाने पर लोग जो मरणासम्पन्न हैं, जिनका ब्रेन डेड हो चुका है, जिनका बचने का कोई रास्ता न हो वे अपना अंग दान कर किडनी के मरीजों, लिवर के मरीजों, किसी कारण वर्ष आंखों की रोशनी चली गयी हो व आदि में यह दान व्यक्ति को नया जीवन प्रदान कर सकता है। जीवन व्यक्ति को एक बार ही मिलता है जो व्यक्ति स्वस्थता के साथ जीवन जीना चाहता है।

प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को समूचा विश्व "अंतरराष्ट्रीय अंग दान दिवस " के रूप में मनाता है। लेकिन यह एक दिन की बात नहीं है। इसके लिए एक ठोस कानून बनाने की सख्त जरूरत है जिससे लोग अनायास ही अंग दान कर लाखों लोगों को नया जीवन दे सके। यह तो समय के गर्त में है कि कब यह कानून बनेगा और प्रदेश में लागू किया जाएगा जिससे लाखों लोगों को समय से पहले नया जीवन मिल सके।




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