जानें देश के लिए पहला ऑस्कर अवार्ड लाने वाली भानु अथैया के बारे में :

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यूं तो बॉलीवुड में तमाम बेहतरीन फिल्में बनी हैं। लेकिन अभी तक कोई भी
बॉलीवुड फिल्म अवार्ड नहीं जीत पाई है। लेकिन इसके बावजूद भी कई भारतीय
कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने काम के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी
पहचान बनाई और यह अवार्ड हासिल किया है। जिनमें गुलजार साहब और एआर रहमान
जैसे कलाकार शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहला ऑस्कर अवार्ड एक
महिला द्वारा जीता गया था, जिसका नाम भानु अथैया है। भानु अथैया फिल्म जगत
में अपनी कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के लिए जानी जाती हैं। आज के आर्टिकल में हम
आपको भानू की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे।


कौन हैं भानु अथैया?


who is bhanu athaiya


भानू अथैया का जन्म 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ
था। वो ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय नागरिक थीं, अपने करियर के दौरान भानु
ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग का काम किया। यही वजह कि
आज फिल्मी दुनिया में उन्हें बड़े सम्मान के साथ याद किया जाता है। 


भानु अथैया का करियर


भानु ने साल 1956 में फिल्म ‘CID’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की
थी। जहां उन्होंने गुरु दत्त, यश चोपड़ा और राज कपूर जैसे बॉलीवुड के नामी
निर्देशकों के साथ काम किया। बता दें कि गुरु दत्त के साथ उन्होंने
कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद उन्होंने ‘चौहदवी का
चांद’ और ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर जैसी बड़ी फिल्मों की कॉस्ट्यूम
डिजाइनिंग की।



साल 1982 में रचा इतिहास


साल 1982 में भानु ने एकेडमी अवार्ड
समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जहां फिल्म ‘गांधी’ में कॉस्ट्यूम
डिजाइनिंग के लिए ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह फिल्म अंग्रेज
निर्माता एटनबरो ने बनाया था, जिसमें करीब 100 एक्टर्स के लिए ड्रेस
डिजाइनिंग की गई थी। यही वजह थी कि फिल्म जब चर्चा में आई तो लोगों ने
कॉस्ट्यूम की खूब सराहना की। साल 2012 में उन्होंने यह अवार्ड एकेडमी को
वापस लौटा दिया। 


कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग से जुड़े विषय पर लिखी किताब


bhanu athaiya biography


भानु अथैया ने अपने अनुभव को ध्यान में रखते हुए ‘आर्ट ऑफ कॉस्ट्यूम डिजाइन’ के नाम से बुक लिखी, जो लोगों में काफी फेमस हुई। 



साल 2020 में हुआ निधन


भानु अथैया ने 15 अक्टूबर को जीवन की आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर गूंजी।


यूं तो बॉलीवुड में तमाम बेहतरीन फिल्में बनी हैं। लेकिन अभी तक कोई भी
बॉलीवुड फिल्म अवार्ड नहीं जीत पाई है। लेकिन इसके बावजूद भी कई भारतीय
कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने काम के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी
पहचान बनाई और यह अवार्ड हासिल किया है। जिनमें गुलजार साहब और एआर रहमान
जैसे कलाकार शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहला ऑस्कर अवार्ड एक
महिला द्वारा जीता गया था, जिसका नाम भानु अथैया है। भानु अथैया फिल्म जगत
में अपनी कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के लिए जानी जाती हैं। आज के आर्टिकल में हम
आपको भानू की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे।


कौन हैं भानु अथैया?


who is bhanu athaiya


भानू अथैया का जन्म 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ
था। वो ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय नागरिक थीं, अपने करियर के दौरान भानु
ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग का काम किया। यही वजह कि
आज फिल्मी दुनिया में उन्हें बड़े सम्मान के साथ याद किया जाता है। 


भानु अथैया का करियर


भानु ने साल 1956 में फिल्म ‘CID’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की
थी। जहां उन्होंने गुरु दत्त, यश चोपड़ा और राज कपूर जैसे बॉलीवुड के नामी
निर्देशकों के साथ काम किया। बता दें कि गुरु दत्त के साथ उन्होंने
कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद उन्होंने ‘चौहदवी का
चांद’ और ‘साहेब बीवी और गैंगस्टर जैसी बड़ी फिल्मों की कॉस्ट्यूम
डिजाइनिंग की।



साल 1982 में रचा इतिहास


साल 1982 में भानु ने एकेडमी अवार्ड
समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जहां फिल्म ‘गांधी’ में कॉस्ट्यूम
डिजाइनिंग के लिए ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह फिल्म अंग्रेज
निर्माता एटनबरो ने बनाया था, जिसमें करीब 100 एक्टर्स के लिए ड्रेस
डिजाइनिंग की गई थी। यही वजह थी कि फिल्म जब चर्चा में आई तो लोगों ने
कॉस्ट्यूम की खूब सराहना की। साल 2012 में उन्होंने यह अवार्ड एकेडमी को
वापस लौटा दिया। 


कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग से जुड़े विषय पर लिखी किताब


bhanu athaiya biography


भानु अथैया ने अपने अनुभव को ध्यान में रखते हुए ‘आर्ट ऑफ कॉस्ट्यूम डिजाइन’ के नाम से बुक लिखी, जो लोगों में काफी फेमस हुई। 



साल 2020 में हुआ निधन


भानु अथैया ने 15 अक्टूबर को जीवन की आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर गूंजी।


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