15 अगस्त को भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और देशभर में आजादी
का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसी कंपनियों के
बारे में बता रहे हैं, जिनकी स्थापना आजादी के पहले हुई थी और आज भी
दुनियाभर में उनका झंडा बुलंद है.
आजादी
से पहले शुरू हुई कंपनियों में बसे पहला नाम टाटा ग्रुप का
आता है, जिसकी शुरुआत साल 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी. टाटा ग्रुप का
कारोबार आईटी सेक्टर, मेटल सेक्टर, ऑटो सेक्टर के अलावा कई अन्य क्षेत्रों
में है. टाटा समूह एविएशन सेक्टर में भी बड़ा नाम है और टाटा ने 27 जनवरी
को एअर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था.
ब्रिटानिया
ग्रुप की स्थापना कोलकाता में वाडिया परिवार ने आजादी से पहले साल 1892 में की थी और यह आज फूड सेक्टर (Food
Sector) की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. 11878 करोड़ रुपये के
रेवेन्यू वाली ब्रिटानिया ग्रुप का दबदबा आज भी बिस्किट से लेकर अन्य खाद्य
उत्पादों के कारोबार में है और इसका कारोबार दुनियाभर में फैला हुआ है.
गोदरेज
समूह की स्थापना अर्देशिर गोदरेज और फीरोजशा गोदरेज ने साल 1897 में की थी.
गोदरेज ग्रुप का कारोबार मेटल, इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा रिएलिटी सेक्टर तक
में है और दुनियाभर में इनका कारोबार है.
बिड़ला
ग्रुप ने भी अपने कारोबार की शुरुआत आजादी से पहले की थी और
इसकी स्थापना साल 1857 में घनश्याम दास बिड़ला के दादा सेठ शिव
नारायण बिड़ला ने की थी. मौजूदा समय में ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम
बिड़ला हैं और ग्रुप का कारोबार 36 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है.बिड़ला
ग्रुप का कारोबार फाइबर, धातु, सीमेंट, ब्रांडेड कपड़े, कार्बन ब्लैक,
रसायन, उर्वरक, इंसुलेटर, वित्तीय सेवाएं और दूरसंचार में है.
दुपहिया
वाहन बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक टीवीएस ग्रुप की स्थापना साल 1911 में टीवी सुंदरम अयंगर ने की थी. कंपनी का
मुख्यालय चेन्नई में है और कंपनी का कारोबार टू व्हीलर और ऑटोमोटिव
कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग से लेकर ऑटोमोटिव डीलरशिप, फाइनेंस और
इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस में है.
डॉक्टर
एसके बर्मन नाम के वैद्य ने साल 1884 में डाबर कंपनी की शुरुआत की थी, जो
अपनी छोटी सी क्लीनिक में लोगों का आयुर्वेदिक इलाज करते थे. नेचुरल
प्रोडक्ट की बढ़ती मांग के बीच डाबर का बिजनेस लगातार बढ़ता जा रहा है और
आज कंपनी का कारोबार हेल्थकेयर, फैमिली प्रोडक्ट और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट
में है. कंपनी का टर्नओवर 1 हजार करोड़ से ज्यादा का है.
रेमंड
कंपनी की शुरुआत साल 1925 में विजयपत सिंघानिया ने की थी और साल
1958 में उन्होंने इसका पहला रिटेल शोरूम मुंबई में खोला था. आज भी रेमंड
ग्रुप का कोर बिजनेस फेब्रिक्स ही है और कंपनी के शोरूम ना सिर्फ भारत में,
बल्कि विदेश में भी हैं.
15 अगस्त को भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और देशभर में आजादी
का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसी कंपनियों के
बारे में बता रहे हैं, जिनकी स्थापना आजादी के पहले हुई थी और आज भी
दुनियाभर में उनका झंडा बुलंद है.
आजादी
से पहले शुरू हुई कंपनियों में बसे पहला नाम टाटा ग्रुप का
आता है, जिसकी शुरुआत साल 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी. टाटा ग्रुप का
कारोबार आईटी सेक्टर, मेटल सेक्टर, ऑटो सेक्टर के अलावा कई अन्य क्षेत्रों
में है. टाटा समूह एविएशन सेक्टर में भी बड़ा नाम है और टाटा ने 27 जनवरी
को एअर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था.
ब्रिटानिया
ग्रुप की स्थापना कोलकाता में वाडिया परिवार ने आजादी से पहले साल 1892 में की थी और यह आज फूड सेक्टर (Food
Sector) की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. 11878 करोड़ रुपये के
रेवेन्यू वाली ब्रिटानिया ग्रुप का दबदबा आज भी बिस्किट से लेकर अन्य खाद्य
उत्पादों के कारोबार में है और इसका कारोबार दुनियाभर में फैला हुआ है.
गोदरेज
समूह की स्थापना अर्देशिर गोदरेज और फीरोजशा गोदरेज ने साल 1897 में की थी.
गोदरेज ग्रुप का कारोबार मेटल, इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा रिएलिटी सेक्टर तक
में है और दुनियाभर में इनका कारोबार है.
बिड़ला
ग्रुप ने भी अपने कारोबार की शुरुआत आजादी से पहले की थी और
इसकी स्थापना साल 1857 में घनश्याम दास बिड़ला के दादा सेठ शिव
नारायण बिड़ला ने की थी. मौजूदा समय में ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम
बिड़ला हैं और ग्रुप का कारोबार 36 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है.बिड़ला
ग्रुप का कारोबार फाइबर, धातु, सीमेंट, ब्रांडेड कपड़े, कार्बन ब्लैक,
रसायन, उर्वरक, इंसुलेटर, वित्तीय सेवाएं और दूरसंचार में है.
दुपहिया
वाहन बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक टीवीएस ग्रुप की स्थापना साल 1911 में टीवी सुंदरम अयंगर ने की थी. कंपनी का
मुख्यालय चेन्नई में है और कंपनी का कारोबार टू व्हीलर और ऑटोमोटिव
कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग से लेकर ऑटोमोटिव डीलरशिप, फाइनेंस और
इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस में है.
डॉक्टर
एसके बर्मन नाम के वैद्य ने साल 1884 में डाबर कंपनी की शुरुआत की थी, जो
अपनी छोटी सी क्लीनिक में लोगों का आयुर्वेदिक इलाज करते थे. नेचुरल
प्रोडक्ट की बढ़ती मांग के बीच डाबर का बिजनेस लगातार बढ़ता जा रहा है और
आज कंपनी का कारोबार हेल्थकेयर, फैमिली प्रोडक्ट और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट
में है. कंपनी का टर्नओवर 1 हजार करोड़ से ज्यादा का है.
रेमंड
कंपनी की शुरुआत साल 1925 में विजयपत सिंघानिया ने की थी और साल
1958 में उन्होंने इसका पहला रिटेल शोरूम मुंबई में खोला था. आज भी रेमंड
ग्रुप का कोर बिजनेस फेब्रिक्स ही है और कंपनी के शोरूम ना सिर्फ भारत में,
बल्कि विदेश में भी हैं.