केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें एक दोस्त ने कांग्रेस में जाने का सुझाव दिया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। रविवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त और कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकर ने मुझे सलाह दी थी कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ जाऊं। इस पर मैंने कहा कि मेरी विचारधारा उससे मेल नहीं खाती है। मैं कुंए में कूद जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकता। नितिन गडकरी ने कहा कि यह उस दौर की बात है, जब मैं छात्र नेता था और भाजपा को अकसर हार का सामना करना पड़ता था। नितिन गडकरी ने कहा कि जब आपको सफलता मिलती है और उसकी खुशी आपको अकेले होती है तो फिर उसका कोई मतलब नहीं है। यदि आपको मिली सफलता की खुशी आपके साथ काम करने वाले लोगों को भी होती है तो फिर यह अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि कारोबार हो या फिर राजनीति मानवीय संबंध दोनों में ही अहम हैं। उन्होंने कहा कि कैसे भी हालात हों, किसी को इस्तेमाल करके फेंकना नहीं चाहिए।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें एक दोस्त ने कांग्रेस में जाने का सुझाव दिया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था। रविवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त और कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकर ने मुझे सलाह दी थी कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ जाऊं। इस पर मैंने कहा कि मेरी विचारधारा उससे मेल नहीं खाती है। मैं कुंए में कूद जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकता। नितिन गडकरी ने कहा कि यह उस दौर की बात है, जब मैं छात्र नेता था और भाजपा को अकसर हार का सामना करना पड़ता था। नितिन गडकरी ने कहा कि जब आपको सफलता मिलती है और उसकी खुशी आपको अकेले होती है तो फिर उसका कोई मतलब नहीं है। यदि आपको मिली सफलता की खुशी आपके साथ काम करने वाले लोगों को भी होती है तो फिर यह अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि कारोबार हो या फिर राजनीति मानवीय संबंध दोनों में ही अहम हैं। उन्होंने कहा कि कैसे भी हालात हों, किसी को इस्तेमाल करके फेंकना नहीं चाहिए।