पिछले 12 दिनों से प्रदेश में
चल रही कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। इसमें करीब 4 लाख कर्मचारी
और कई संगठन शामिल थे। इससे पहले गुरुवार को इस हड़ताल में शामिल तमाम
संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक की थी। इसमें हड़ताल खत्म करने पर सहमति
नहीं बन पाई थी, लेकिन शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद हड़ताल
खत्म करने की घोषणा कर दी गई। इस मामले में मंत्री रविंद्र चौबे
कर्मचारियों से सरकार की ओर से बात कर रहे थे।
वर्तमान
में कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता मिल रहा है इसे 34% किए जाने की मांग
थी जो 6% अटका हुआ था उसे देने की बात तय हो गई है तृतीय वर्ग कर्मचारी
संघ के संरक्षक विजय झा ने बताया दिवाली या राज्योत्सव के आसपास इस राशि का
भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा एरियस भी मिलेगा। इसी वादे के बदले
कर्मचारियों की हड़ताल हड़ताल खत्म की है आज सभी जिलों में कर्मचारी लौट
जाएंगे और सोमवार से काम शुरू होगा।
इससे पहले हंगामा और तनाव
छत्तीसगढ़
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने गुरुवार दोपहर बाद राजपत्रित अधिकारी संघ के
शंकर नगर स्थित कार्यालय में जिला संयोजकों और संबद्ध संगठनों के अध्यक्षों
की बैठक हुई। शुरुआती बातचीत में ही माहौल गर्म हो गया। वहीं कार्यालय में
जगह कम पड़ने लगी। कोई नतीजा नहीं निकला तो सभी कर्मचारी नेताओं को रायपुर
के बहु उद्देशीय स्कूल में बुलाया गया। वहां देर रात तक बैठक चली। अधिकांश
संगठनों के प्रतिनिधियों की राय थी की जो राजनीतिक पार्टी मंहगाई के खिलाफ
दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने वाली है उस पार्टी की सरकार को कर्मचारियों के
मंहगाई भत्ते की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। उनका कहना था,
जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखा जाए।
फेडरेशन
के संयोजक कमल वर्मा ने कर्मचारियों से कहा, फेडरेशन ने हड़ताल की मांगों
के संबंध में सरकार के सामने अपना पक्ष रखा है। वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र
चौबे इसमें मध्यस्थता कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मुख्य सचिव
से फेडरेशन के सुझाव अनुसार चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी से भी इस
संबंध में चर्चा हुई है। जिसमें सार्थक निर्णय लिया जायेगा। वर्मा ने कहा,
मंत्री जी (रविंद्र चौबे) ने कहा है कि फेडरेशन जनता की तकलीफ को देखते हुए
फिलहाल अपनी जिद छोड़कर हड़ताल वापस ले लें। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल की अपील का भी हवाला दिया। इस संबोधन के बाद भी कर्मचारी संगठनों के
प्रतिनिधि हंगामा करते रहे। उनका कहना था, सरकार का स्पष्ट निर्णय आने तक
हड़ताल वापस नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो फिर कर्मचारी एकता को नुकसान
पहुंचेगा।
पिछले 12 दिनों से प्रदेश में
चल रही कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। इसमें करीब 4 लाख कर्मचारी
और कई संगठन शामिल थे। इससे पहले गुरुवार को इस हड़ताल में शामिल तमाम
संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक की थी। इसमें हड़ताल खत्म करने पर सहमति
नहीं बन पाई थी, लेकिन शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद हड़ताल
खत्म करने की घोषणा कर दी गई। इस मामले में मंत्री रविंद्र चौबे
कर्मचारियों से सरकार की ओर से बात कर रहे थे।
वर्तमान
में कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता मिल रहा है इसे 34% किए जाने की मांग
थी जो 6% अटका हुआ था उसे देने की बात तय हो गई है तृतीय वर्ग कर्मचारी
संघ के संरक्षक विजय झा ने बताया दिवाली या राज्योत्सव के आसपास इस राशि का
भुगतान कर्मचारियों को किया जाएगा एरियस भी मिलेगा। इसी वादे के बदले
कर्मचारियों की हड़ताल हड़ताल खत्म की है आज सभी जिलों में कर्मचारी लौट
जाएंगे और सोमवार से काम शुरू होगा।
इससे पहले हंगामा और तनाव
छत्तीसगढ़
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने गुरुवार दोपहर बाद राजपत्रित अधिकारी संघ के
शंकर नगर स्थित कार्यालय में जिला संयोजकों और संबद्ध संगठनों के अध्यक्षों
की बैठक हुई। शुरुआती बातचीत में ही माहौल गर्म हो गया। वहीं कार्यालय में
जगह कम पड़ने लगी। कोई नतीजा नहीं निकला तो सभी कर्मचारी नेताओं को रायपुर
के बहु उद्देशीय स्कूल में बुलाया गया। वहां देर रात तक बैठक चली। अधिकांश
संगठनों के प्रतिनिधियों की राय थी की जो राजनीतिक पार्टी मंहगाई के खिलाफ
दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने वाली है उस पार्टी की सरकार को कर्मचारियों के
मंहगाई भत्ते की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। उनका कहना था,
जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखा जाए।
फेडरेशन
के संयोजक कमल वर्मा ने कर्मचारियों से कहा, फेडरेशन ने हड़ताल की मांगों
के संबंध में सरकार के सामने अपना पक्ष रखा है। वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र
चौबे इसमें मध्यस्थता कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मुख्य सचिव
से फेडरेशन के सुझाव अनुसार चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी से भी इस
संबंध में चर्चा हुई है। जिसमें सार्थक निर्णय लिया जायेगा। वर्मा ने कहा,
मंत्री जी (रविंद्र चौबे) ने कहा है कि फेडरेशन जनता की तकलीफ को देखते हुए
फिलहाल अपनी जिद छोड़कर हड़ताल वापस ले लें। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल की अपील का भी हवाला दिया। इस संबोधन के बाद भी कर्मचारी संगठनों के
प्रतिनिधि हंगामा करते रहे। उनका कहना था, सरकार का स्पष्ट निर्णय आने तक
हड़ताल वापस नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो फिर कर्मचारी एकता को नुकसान
पहुंचेगा।