रायपुर। चुनाव से ठीक एक वर्ष पूर्व कांग्रेस आलाकमान
कमान ने बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया से
सूबे का प्रभार वापस लेते कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ की कमान सौंपी है। यदि आगे बदलाव नहीं तो यह तय है कि सूबे मे 2023 में होने वाले विधानसभा
चुनाव उन्ही के नेतृत्व में होंगे छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाए जाने पर
कुमारी शैलजा ने कहा- पार्टी आलाकमान द्वारा मुझे जो महत्त्वपूर्ण
जिम्मेदारी दी गई है, उसे पूरी ईमानदारी व मेहनत से निभाऊंगी और पार्टी को
मजबूती प्रदान करने के लिए कार्य करती रहूंगी। मिशन 2023 के लिए बदलाव किया
गया है।
कुमारी शैलजा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस
की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं।
2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। वह यूपीए की दोनों
सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1978 से 1980 तक प्रदेशाध्यक्ष
रहे थे। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
रायपुर। चुनाव से ठीक एक वर्ष पूर्व कांग्रेस आलाकमान
कमान ने बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया से
सूबे का प्रभार वापस लेते कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ की कमान सौंपी है। यदि आगे बदलाव नहीं तो यह तय है कि सूबे मे 2023 में होने वाले विधानसभा
चुनाव उन्ही के नेतृत्व में होंगे छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाए जाने पर
कुमारी शैलजा ने कहा- पार्टी आलाकमान द्वारा मुझे जो महत्त्वपूर्ण
जिम्मेदारी दी गई है, उसे पूरी ईमानदारी व मेहनत से निभाऊंगी और पार्टी को
मजबूती प्रदान करने के लिए कार्य करती रहूंगी। मिशन 2023 के लिए बदलाव किया
गया है।
कुमारी शैलजा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस
की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं।
2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। वह यूपीए की दोनों
सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1978 से 1980 तक प्रदेशाध्यक्ष
रहे थे। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।