पुनर्वास व रोजगार की मांग:दो खदानों में रुका डिस्पैच, एसईसीएल को 100 करोड़ नुकसान:

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छाल। लगातार आंदोलनों की वजह से एसईसीएल की खदानों में प्रोडक्शन और डिस्पैच प्रभावित हो रहा है। पुनर्वास और रोजगार की मांग पर छाल में 17 दिनों से और बिजारी में 8 दिनों से ग्रामीण हड़ताल पर बैठे हैं। जिले की खदानों से कोयला ओडिशा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र भेजा जाता है।

लगातार आंदोलनों से माइंस में कामकाज प्रभावित है। साल के आखिर में कोल माइंस से उत्पादन ज्यादा होता है। हड़ताल के कारण डिस्पैच रुकने से छाल माइंस में 90 करोड़ और बेजारी माइंस को 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

बिजारी कोल माइंस को भी एक हफ्ते बंद किया है। इलाके के 250 परिवारों को विस्थापित करने के लिए बरौद के पास एसईसीएल ने एक जमीन ली है। जमीन 23 एकड़ है, विस्थापन के लिए यह छोटी पड़ेगी। प्रभावित गांव के लोग टेरम के पास जमीन लेना चाहते हैं।

यहां एसईसीएल अर्जन के लिए सहमत नहीं है। व्यवस्थापन के साथ ही हॉस्पिटल, स्कूल सहित सारी सुविधाएं दी जानी है। इसी बात को लेकर ग्रामीण और एसईसीएल के बीच में सहमति नहीं बन पाई है और विवाद बढ़ गया है। तहसीलदार विद्याभूषण साव ने बताया कि इस मामले गुरुवार को विधायक के साथ एसईसीएल और ग्रामीणों के बीच बातचीत की जाएगी।

गिरफ्तारी के बाद भी आंदोलन पर :: एसईसीएल के अफसरों ने कुछ दिनों पहले आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर कराया था। आंदोलन कर रहे युवकों को गिरफ्तार नहीं किया था, बुधवार को करीब 19 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर दिया। इसके बाद लात के प्रभावितों 50 के परिवार सदस्य और साथियों ने आंदोलन स्थल आकर खदान के बाहर धरना स्थल पर बैठ गए। पुलिस भी इतने बड़ी मात्रा लोगों मौजूदगी देखने के बाद वापस लौट गई। बुधवार देर शाम तक गिरफ्तारियां होने के बाद भी आंदोलन चलता रहा। इधर भू विस्थापितों का कहना है कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

बेरोजगारों को आश्वासन के बाद भी नौकरी नहीं दी ::  2005-06 में छाल माइंस के लिए लात की जमीन का अधिग्रहण किया था। प्रभावित धमेंन्द्र साहू ने बताया 423 को रोजगार का आश्वासन दिया पर सिर्फ 288 को नौकरी दी। अब तक 135 लोगों को नौकरी नहीं मिली है। पहले एसईसीएल के अफसरों के साथ भू- विस्थापितों की बैठक भी हुई पर अफसरों ने नौकरी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद से लात गांवों के प्रभावितों ने 8 दिसंबर से छाल खदान को बंद कर रखा है, डिस्पैच व प्रोडक्शन दोनों बंद है।

दो खदानों में डिस्पैच प्रभावित :: 17 दिन हड़ताल जारी है। रोजाना 11 हजार टन कोयला डिस्पैच बंद है। एसईसीएल को 5 करोड़ 28 लाख का नुकसान रोज हो रहा है। अब तक 90 करोड़ नुकसान हो गया है। बिजारी कोल माइंस में भी 7 हजार टन हर रोज डिस्पैच होता है, लेकिन 21 दिसंबर से यहां भी हड़ताल चल रही है।


छाल। लगातार आंदोलनों की वजह से एसईसीएल की खदानों में प्रोडक्शन और डिस्पैच प्रभावित हो रहा है। पुनर्वास और रोजगार की मांग पर छाल में 17 दिनों से और बिजारी में 8 दिनों से ग्रामीण हड़ताल पर बैठे हैं। जिले की खदानों से कोयला ओडिशा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र भेजा जाता है।

लगातार आंदोलनों से माइंस में कामकाज प्रभावित है। साल के आखिर में कोल माइंस से उत्पादन ज्यादा होता है। हड़ताल के कारण डिस्पैच रुकने से छाल माइंस में 90 करोड़ और बेजारी माइंस को 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

बिजारी कोल माइंस को भी एक हफ्ते बंद किया है। इलाके के 250 परिवारों को विस्थापित करने के लिए बरौद के पास एसईसीएल ने एक जमीन ली है। जमीन 23 एकड़ है, विस्थापन के लिए यह छोटी पड़ेगी। प्रभावित गांव के लोग टेरम के पास जमीन लेना चाहते हैं।

यहां एसईसीएल अर्जन के लिए सहमत नहीं है। व्यवस्थापन के साथ ही हॉस्पिटल, स्कूल सहित सारी सुविधाएं दी जानी है। इसी बात को लेकर ग्रामीण और एसईसीएल के बीच में सहमति नहीं बन पाई है और विवाद बढ़ गया है। तहसीलदार विद्याभूषण साव ने बताया कि इस मामले गुरुवार को विधायक के साथ एसईसीएल और ग्रामीणों के बीच बातचीत की जाएगी।

गिरफ्तारी के बाद भी आंदोलन पर :: एसईसीएल के अफसरों ने कुछ दिनों पहले आंदोलनकारियों के खिलाफ एफआईआर कराया था। आंदोलन कर रहे युवकों को गिरफ्तार नहीं किया था, बुधवार को करीब 19 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर दिया। इसके बाद लात के प्रभावितों 50 के परिवार सदस्य और साथियों ने आंदोलन स्थल आकर खदान के बाहर धरना स्थल पर बैठ गए। पुलिस भी इतने बड़ी मात्रा लोगों मौजूदगी देखने के बाद वापस लौट गई। बुधवार देर शाम तक गिरफ्तारियां होने के बाद भी आंदोलन चलता रहा। इधर भू विस्थापितों का कहना है कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

बेरोजगारों को आश्वासन के बाद भी नौकरी नहीं दी ::  2005-06 में छाल माइंस के लिए लात की जमीन का अधिग्रहण किया था। प्रभावित धमेंन्द्र साहू ने बताया 423 को रोजगार का आश्वासन दिया पर सिर्फ 288 को नौकरी दी। अब तक 135 लोगों को नौकरी नहीं मिली है। पहले एसईसीएल के अफसरों के साथ भू- विस्थापितों की बैठक भी हुई पर अफसरों ने नौकरी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद से लात गांवों के प्रभावितों ने 8 दिसंबर से छाल खदान को बंद कर रखा है, डिस्पैच व प्रोडक्शन दोनों बंद है।

दो खदानों में डिस्पैच प्रभावित :: 17 दिन हड़ताल जारी है। रोजाना 11 हजार टन कोयला डिस्पैच बंद है। एसईसीएल को 5 करोड़ 28 लाख का नुकसान रोज हो रहा है। अब तक 90 करोड़ नुकसान हो गया है। बिजारी कोल माइंस में भी 7 हजार टन हर रोज डिस्पैच होता है, लेकिन 21 दिसंबर से यहां भी हड़ताल चल रही है।


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