जोशीमठ भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित, 600 से ऊपर इमारतों में बढ़ी दरारें:

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नई दिल्ली. उत्तराखंड के जोशीमठ में तमाम घरों और इमारतों में दरार आने के बाद सरकार एक्टिव मोड में आई गई है. जोशीमठ को लेकर लागातार समीक्षा बैठक चल रही है. लोगों के नुकसान और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम तेजी से जारी है. इस बीच सरकार ने जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित कर दिया है. साथ ही दरकते शहर के क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया है. मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने जोशीमठ की स्थिति की उच्च स्तरीय समीक्षा की है. भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं.

एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं. प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नुकसान की सीमा को देखते हुए, कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द खाली करवाया जाएगा. जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे ये रहने लायक नहीं रह गई हैं. उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र, जिसमें पहले दरारें आ गई थीं और जो हाल ही में क्षतिग्रस्त हुए थे, एक बड़ा आर्च बनाता है जो 1.5 किमी में फैला हो सकता है.


नई दिल्ली. उत्तराखंड के जोशीमठ में तमाम घरों और इमारतों में दरार आने के बाद सरकार एक्टिव मोड में आई गई है. जोशीमठ को लेकर लागातार समीक्षा बैठक चल रही है. लोगों के नुकसान और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम तेजी से जारी है. इस बीच सरकार ने जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित कर दिया है. साथ ही दरकते शहर के क्षतिग्रस्त घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया है. मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने जोशीमठ की स्थिति की उच्च स्तरीय समीक्षा की है. भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं.

एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं. प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नुकसान की सीमा को देखते हुए, कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द खाली करवाया जाएगा. जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे ये रहने लायक नहीं रह गई हैं. उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र, जिसमें पहले दरारें आ गई थीं और जो हाल ही में क्षतिग्रस्त हुए थे, एक बड़ा आर्च बनाता है जो 1.5 किमी में फैला हो सकता है.


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