चेंबर छोड़ नगर निगम के दरवाजे पर बैठी AAP की महापौर:

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सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली नगर निगम
की महापौर (Mayor) आज अपना चेंबर छोड़ नगर निगम के दरवाजे पर बैठकर लोगों
की समस्या सुनते नजर आई। महापौर का आरोप है कि अधिकारी हितग्राहियों की तो
छोड़िए उनकी खुद की नहीं सुनी जा रही हैं। हालांकि इस मामले में अधिकारी
(Officer) अपनी सफाई दे रहे हैं।

सिंगरौली जिले में काबिज आम आदमी पार्टी  की प्रदेश की
इकलौती महापौर रानी अग्रवाल  इन दिनों नगर निगम के
अधिकारियों से बेहद खफा और परेशान हैं। मेयर रानी अग्रवाल का कहना है कि
अधिकारी उनके बुलावे पर ना ही उनके पास पहुंचते हैं और ना ही उनके दिए गए
निर्देशों का पालन करते हैं। बल्कि गोलमोल जवाब देकर उन्हें गुमराह करने का
प्रयास करते हैं।



इसी से नाराज होकर आज महापौर रानी अग्रवाल अपना चेंबर छोड़
नगर निगम दफ्तर के दरवाजे पर लगी कुर्सी टेबल में बैठ गई। वहां उन्होंने
आने वाले हितग्राहियों की समस्याएं (Problem) सुनी। मेयर ने कहा कि नगर
निगम के अफसर उन्हें नजर अंदाज भी कर रहे हैं।


इस मामले में अधिकारियों का अपना अलग तर्क़ है। उनका कहना है कि महापौर
के आदेशों का अक्षर सह पालन किया जाता है, लेकिन कुछ मुद्दों पर वह भी
गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सिंगरौली नगर निगम
(Singrauli Municipal Corporation) में महापौर और अधिकारियों के बीच तनातनी
हुई हो। इसके पहले भी महापौर ने उनकी उपेक्षा (Ignore) का आरोप लगाया है
और उनका कहना है कि यहां बीजेपी (BJP) के लोग अपनी सत्ता चलाना चाहते हैं।

सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली नगर निगम
की महापौर (Mayor) आज अपना चेंबर छोड़ नगर निगम के दरवाजे पर बैठकर लोगों
की समस्या सुनते नजर आई। महापौर का आरोप है कि अधिकारी हितग्राहियों की तो
छोड़िए उनकी खुद की नहीं सुनी जा रही हैं। हालांकि इस मामले में अधिकारी
(Officer) अपनी सफाई दे रहे हैं।

सिंगरौली जिले में काबिज आम आदमी पार्टी  की प्रदेश की
इकलौती महापौर रानी अग्रवाल  इन दिनों नगर निगम के
अधिकारियों से बेहद खफा और परेशान हैं। मेयर रानी अग्रवाल का कहना है कि
अधिकारी उनके बुलावे पर ना ही उनके पास पहुंचते हैं और ना ही उनके दिए गए
निर्देशों का पालन करते हैं। बल्कि गोलमोल जवाब देकर उन्हें गुमराह करने का
प्रयास करते हैं।



इसी से नाराज होकर आज महापौर रानी अग्रवाल अपना चेंबर छोड़
नगर निगम दफ्तर के दरवाजे पर लगी कुर्सी टेबल में बैठ गई। वहां उन्होंने
आने वाले हितग्राहियों की समस्याएं (Problem) सुनी। मेयर ने कहा कि नगर
निगम के अफसर उन्हें नजर अंदाज भी कर रहे हैं।


इस मामले में अधिकारियों का अपना अलग तर्क़ है। उनका कहना है कि महापौर
के आदेशों का अक्षर सह पालन किया जाता है, लेकिन कुछ मुद्दों पर वह भी
गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सिंगरौली नगर निगम
(Singrauli Municipal Corporation) में महापौर और अधिकारियों के बीच तनातनी
हुई हो। इसके पहले भी महापौर ने उनकी उपेक्षा (Ignore) का आरोप लगाया है
और उनका कहना है कि यहां बीजेपी (BJP) के लोग अपनी सत्ता चलाना चाहते हैं।

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