खबरीलाल न्यूज़
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल
गांधी ने कहा है कि कुछ ‘विभाजनकारी ताकतें' देश की विविधता को देशवासियों
के खिलाफ ही इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन ‘नफरत की राजनीति' ज्यादा दिनों तक
नहीं चलने वाली है। उन्होंने यह टिप्पणी देश को संबोधित उस पत्र में की
है, जो कांग्रेस अपने ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' के तहत राहुल गांधी के
संदेश के तौर पर लोगों के बीच बांटेगी।
ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा पूरी करने के बाद लिख रहा हूँ। कन्याकुमारी से
कश्मीर तक की इस पदयात्रा में हमारे साथ करोड़ों भारतीयों ने हिस्सा लिया।
यह मेरे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा थी, और इस यात्रा के दौरान आपसभी
ने जो प्यार और स्नेह मुझे दिया उससे में अभिभूत हूँ। इस यात्रा के दौरान
मैने आप सब के विचारों और आपकी परेशानियों को बहुत ही ध्यान से सुना। आज
भारत गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, युवा बेरोजगार है, मंहगाई
आसमान छू रही है, किसान कर्ज के बोझ तले दबा है, और देश की सारी संपत्ति
चंद उद्योगपतियों के जेब में है। आज भारत में लोगों को उनकी नौकरी जाने का
डर है, उनकी आय कम होती जा रही है, और बेहतर भविष्य का उनका सपना टूटता जा
रहा है। देश में चारों तरफ निराशा का माहौल है।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि, 'आज हमारी विविधता भी खतरे में है। कुछ
विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता को हमारे ही खिलाफ इस्तेमाल कर रही हैं।
एक धर्म को दूसरे धर्म से एक जाति को दूसरी जाति से, एक भाषा को दूसरी भाषा
से, और एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़ाया जा रहा है। ये विभाजनकारी
ताकतें जानती है कि लोगों के दिलों में असुरक्षा और डर पैदा करके ही वो
समाज में नफ़रत के बीज बो सकते हैं। लेकिन इस यात्रा के बाद मुझे पूरा
विश्वास हो गया है कि नफरत की राजनीति की अपनी सीमायें है और यह ज्यादा दिन
तक नहीं चल सकती। मैं सड़क से लेकर संसद तक प्रति दिन इन बुराइयों के
खिलाफ़ लडूंगा। मैं एक ऐसा भारत बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ जहाँ हर एक
भारतीय के पास सामाजिक खुशहाली के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि के समान अवसर हो,
जहाँ किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले, युवाओं को रोजगार मिले, छोटे
और मध्यम वर्ग के उद्योगों को प्रोत्साहन मिले, डीजल-पेट्रोल सस्ता हो,
रुपया डॉलर के सामने मजबूत हो, और गैस सिलिंडर की कीमत 500 रुपये से अधिक न
हो।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि, 'आज हर भारतीय ये महसूस कर रहा है कि आपसी
नफ़रत और झगड़े हमारे देश के विकास में बाधक है। मुझे इस बात का पूरा
विश्वास है कि हम सब समाज में बुराई पैदा करने वाले जाति, धर्म, क्षेत्र,
और भाषा के मतभेदों से ऊपर उठेंगे। हमारी महानता 'विविधता में एकता' की
हमारी पहचान है। मेरा आप सभी को यही सन्देश है- डरो मत! अपने दिल से डर को
निकाल दो, नफरत अपने आप हमारे समाज से खत्म हो जाएगी। इस यात्रा ने मुझे आप
सब के हक में लड़ने के लिए एक नई ताकत दी है। ये यात्रा मेरे लिए एक
तपस्या थी। इस यात्रा ने मुझे सिखाया है कि मेरे व्यक्तिगत और राजनैतिक
जीवन का लक्ष्य एक ही है-हक़ की लड़ाई में कमजोरों की डाल बनना, जिनकी आवाज
दबाई जा रही है उनकी आवाज उठाना। मेरा सपना हमारे देश को अँधेरे से उजाले
की ओर, नफ़रत से मोहब्बत की ओर, और निराशा से आशा की ओर ले जाना है और इस
लक्ष्य को पाने के लिए में भारत को एक महान संविधान देने वाले हमारे
महापुरुषों के बताये हुए सिद्धांतों और मूल्यों को अपना आदर्श बनाकर आगे
बढूंगा।'
राहुल गांधी ने अंत में लिखा कि, 'कांग्रेस परिवार पिछले 137 सालों से
भारत के प्रगति के लिए समर्पित है चाहे आज़ादी की लड़ाई हो, आज़ादी के बाद
देश को एक सूत्र में पिरोना हो, या फिर आजाद देश को सामाजिक, आर्थिक, और
वैज्ञानिक ऊंचाईयों पर ले जाना हो। कांग्रेस ने हर मुश्किल समय में भारत को
जोड़ने का काम किया है। आज फिर भारत एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। हमने
एकता और भाईचारे का सन्देश घर घर तक ले जाने के लिए हाथ से हाथ जोड़ो
अभियान की शुरुआत की है। आप सब इस अभियान का हिस्सा बने और कांग्रेस के हाथ
से हाथ जोड़कर एक ऐसे स्वर्णिम भारत के निर्माण में हमारा साथ दें जहाँ हर
भारतीय के पास सपने देखने और उन्हें पूरा करने के समान अवसर हों।'
खबरीलाल न्यूज़
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल
गांधी ने कहा है कि कुछ ‘विभाजनकारी ताकतें' देश की विविधता को देशवासियों
के खिलाफ ही इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन ‘नफरत की राजनीति' ज्यादा दिनों तक
नहीं चलने वाली है। उन्होंने यह टिप्पणी देश को संबोधित उस पत्र में की
है, जो कांग्रेस अपने ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' के तहत राहुल गांधी के
संदेश के तौर पर लोगों के बीच बांटेगी।
ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा पूरी करने के बाद लिख रहा हूँ। कन्याकुमारी से
कश्मीर तक की इस पदयात्रा में हमारे साथ करोड़ों भारतीयों ने हिस्सा लिया।
यह मेरे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा थी, और इस यात्रा के दौरान आपसभी
ने जो प्यार और स्नेह मुझे दिया उससे में अभिभूत हूँ। इस यात्रा के दौरान
मैने आप सब के विचारों और आपकी परेशानियों को बहुत ही ध्यान से सुना। आज
भारत गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, युवा बेरोजगार है, मंहगाई
आसमान छू रही है, किसान कर्ज के बोझ तले दबा है, और देश की सारी संपत्ति
चंद उद्योगपतियों के जेब में है। आज भारत में लोगों को उनकी नौकरी जाने का
डर है, उनकी आय कम होती जा रही है, और बेहतर भविष्य का उनका सपना टूटता जा
रहा है। देश में चारों तरफ निराशा का माहौल है।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि, 'आज हमारी विविधता भी खतरे में है। कुछ
विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता को हमारे ही खिलाफ इस्तेमाल कर रही हैं।
एक धर्म को दूसरे धर्म से एक जाति को दूसरी जाति से, एक भाषा को दूसरी भाषा
से, और एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़ाया जा रहा है। ये विभाजनकारी
ताकतें जानती है कि लोगों के दिलों में असुरक्षा और डर पैदा करके ही वो
समाज में नफ़रत के बीज बो सकते हैं। लेकिन इस यात्रा के बाद मुझे पूरा
विश्वास हो गया है कि नफरत की राजनीति की अपनी सीमायें है और यह ज्यादा दिन
तक नहीं चल सकती। मैं सड़क से लेकर संसद तक प्रति दिन इन बुराइयों के
खिलाफ़ लडूंगा। मैं एक ऐसा भारत बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ जहाँ हर एक
भारतीय के पास सामाजिक खुशहाली के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि के समान अवसर हो,
जहाँ किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले, युवाओं को रोजगार मिले, छोटे
और मध्यम वर्ग के उद्योगों को प्रोत्साहन मिले, डीजल-पेट्रोल सस्ता हो,
रुपया डॉलर के सामने मजबूत हो, और गैस सिलिंडर की कीमत 500 रुपये से अधिक न
हो।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि, 'आज हर भारतीय ये महसूस कर रहा है कि आपसी
नफ़रत और झगड़े हमारे देश के विकास में बाधक है। मुझे इस बात का पूरा
विश्वास है कि हम सब समाज में बुराई पैदा करने वाले जाति, धर्म, क्षेत्र,
और भाषा के मतभेदों से ऊपर उठेंगे। हमारी महानता 'विविधता में एकता' की
हमारी पहचान है। मेरा आप सभी को यही सन्देश है- डरो मत! अपने दिल से डर को
निकाल दो, नफरत अपने आप हमारे समाज से खत्म हो जाएगी। इस यात्रा ने मुझे आप
सब के हक में लड़ने के लिए एक नई ताकत दी है। ये यात्रा मेरे लिए एक
तपस्या थी। इस यात्रा ने मुझे सिखाया है कि मेरे व्यक्तिगत और राजनैतिक
जीवन का लक्ष्य एक ही है-हक़ की लड़ाई में कमजोरों की डाल बनना, जिनकी आवाज
दबाई जा रही है उनकी आवाज उठाना। मेरा सपना हमारे देश को अँधेरे से उजाले
की ओर, नफ़रत से मोहब्बत की ओर, और निराशा से आशा की ओर ले जाना है और इस
लक्ष्य को पाने के लिए में भारत को एक महान संविधान देने वाले हमारे
महापुरुषों के बताये हुए सिद्धांतों और मूल्यों को अपना आदर्श बनाकर आगे
बढूंगा।'
राहुल गांधी ने अंत में लिखा कि, 'कांग्रेस परिवार पिछले 137 सालों से
भारत के प्रगति के लिए समर्पित है चाहे आज़ादी की लड़ाई हो, आज़ादी के बाद
देश को एक सूत्र में पिरोना हो, या फिर आजाद देश को सामाजिक, आर्थिक, और
वैज्ञानिक ऊंचाईयों पर ले जाना हो। कांग्रेस ने हर मुश्किल समय में भारत को
जोड़ने का काम किया है। आज फिर भारत एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। हमने
एकता और भाईचारे का सन्देश घर घर तक ले जाने के लिए हाथ से हाथ जोड़ो
अभियान की शुरुआत की है। आप सब इस अभियान का हिस्सा बने और कांग्रेस के हाथ
से हाथ जोड़कर एक ऐसे स्वर्णिम भारत के निर्माण में हमारा साथ दें जहाँ हर
भारतीय के पास सपने देखने और उन्हें पूरा करने के समान अवसर हों।'