खेल post authorJournalist खबरीलाल Tuesday ,January 17,2023

हॉकी विश्वकप की कई टीमों में खेल रही सगे भाइयों की जोड़ी:

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ओडिशा में चल रहे पुरुष हॉकी विश्वकप में कई टीमों में दो सगे भाई साथ
में खेल रहे हैं, जिससे खराब समय में उन्हें एक दूसरे का भावनात्मक सहयोग
भी मिल जाता है. स्पेन को पिछले सप्ताह भारत ने जब पहले मैच में 2-0 से
हराया तो उस टीम में पाउ कुनिल और पेपे कुनिल दोनों भाई साथ खेल रहे थे.
वेल्स टीम में भी जेरेथ फर्लोंग और रोड्री फर्लोंग साथ खेलते हैं, जिनकी
टीम लगातार दूसरी हार के साथ टूर्नामेंट से लगभग बाहर ही हो गई है.

जर्मन टीम में ग्रामबुश और स्पेन में कुनिल भाइयों का समावेश
भुवनेश्वर
में जर्मन टीम में मैट्स और टॉम ग्रामबुश दोनों भाई है जिनकी टीम ने पहले
मैच में जापान को 3-0 से हराया. पाउ ने कहा कि, परिवार का कोई साथ में अगर
ऐसे बड़े टूर्नामेंट में खेल रहा है तो भावनात्मक रूप से काफी मदद मिलती
है. आपके खराब समय में साथ देने के अलावा वह आत्मविश्वास भी बढाता है. पाउ
और पेपे दोनों स्पेन में एक ही क्लब एटलेटिक टेरासा के लिए भी साथ खेलते
हैं. उनका एक कजिन गेरार्ड क्लेप्स भी स्पेनिश टीम में है.

भारत में हॉकी खेलने का अलग अनुभव
पाउ ने कहा कि मेरे
पिता और मां दोनों ने हॉकी खेली. मेरे दादा ने भी हॉकी खेली. आप कह सकते हो
कि हम हॉकी फैमिली हैं. उन्होंने कहा कि भारत में हॉकी खेलने का अनुभव ही
अलग है. भारत में हॉकी का स्तर ही अलग है. यहां का बुनियादी ढांचा और लोगों
का खेल के लिए प्यार. यही वजह है कि भारत हॉकी में इतना अच्छा कर रहा है.


ओडिशा में चल रहे पुरुष हॉकी विश्वकप में कई टीमों में दो सगे भाई साथ
में खेल रहे हैं, जिससे खराब समय में उन्हें एक दूसरे का भावनात्मक सहयोग
भी मिल जाता है. स्पेन को पिछले सप्ताह भारत ने जब पहले मैच में 2-0 से
हराया तो उस टीम में पाउ कुनिल और पेपे कुनिल दोनों भाई साथ खेल रहे थे.
वेल्स टीम में भी जेरेथ फर्लोंग और रोड्री फर्लोंग साथ खेलते हैं, जिनकी
टीम लगातार दूसरी हार के साथ टूर्नामेंट से लगभग बाहर ही हो गई है.

जर्मन टीम में ग्रामबुश और स्पेन में कुनिल भाइयों का समावेश
भुवनेश्वर
में जर्मन टीम में मैट्स और टॉम ग्रामबुश दोनों भाई है जिनकी टीम ने पहले
मैच में जापान को 3-0 से हराया. पाउ ने कहा कि, परिवार का कोई साथ में अगर
ऐसे बड़े टूर्नामेंट में खेल रहा है तो भावनात्मक रूप से काफी मदद मिलती
है. आपके खराब समय में साथ देने के अलावा वह आत्मविश्वास भी बढाता है. पाउ
और पेपे दोनों स्पेन में एक ही क्लब एटलेटिक टेरासा के लिए भी साथ खेलते
हैं. उनका एक कजिन गेरार्ड क्लेप्स भी स्पेनिश टीम में है.

भारत में हॉकी खेलने का अलग अनुभव
पाउ ने कहा कि मेरे
पिता और मां दोनों ने हॉकी खेली. मेरे दादा ने भी हॉकी खेली. आप कह सकते हो
कि हम हॉकी फैमिली हैं. उन्होंने कहा कि भारत में हॉकी खेलने का अनुभव ही
अलग है. भारत में हॉकी का स्तर ही अलग है. यहां का बुनियादी ढांचा और लोगों
का खेल के लिए प्यार. यही वजह है कि भारत हॉकी में इतना अच्छा कर रहा है.


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