सानिया मिर्जा का जहां से शुरू हुआ था प्रोफेशनल टेनिस का सफर वहीं हुआ खत्म:

post

मेलबोर्न। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने
प्रोफेशनल टेनिस को अलविदा कह दिया है. सानिया ने आस्ट्रेलिया ओपन से अपने
सफर की शुरुआत की थी, और अंत भी उसी टूर्नामेंट से किया. मिक्स्ड डबल्स के
फाइनल में अपने जोड़ीदार रोहन बोपन्ना के साथ हार का सामना करने के साथ
उनका सफर खत्म हो गया. पुरस्कार ग्रहण के दौरान सानिया की आंखों से आंसू
छलक पड़े.


आस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में भारतीय जोड़ी का मुकाबला ब्राजील की जोड़ी
लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस से था. इस मैच में सानिया-बोपन्ना की जोड़ी
को 6-7(2) 2-6 से हार झेलनी पड़ी. हार के बाद रोहन बोपन्ना ने सानिया को
उनके शानदार करियर के लिए शुभकामनाएं दीं, लेकिन इसी दौरान सानिया अपने
आंसू नहीं रोक सकीं.


बोपन्ना ने बताया कि सानिया ने देश के ढेरों युवाओं को खेल के प्रति
प्रेरित किया है. जब बोपन्ना तारीफ कर रहे थे, तब सानिया भावुक हो गईं और
उनकी आंख से आंसू छलक पड़े.


सानिया ने इस दौरान सभी का शुक्रिया अदा करने के साथ विजेता जोड़ी को
बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा प्रोफेशनल करियर मेलबर्न से ही
2005 में शुरू हुआ था. ग्रैंड स्लैम करियर को अलविदा कहने के लिए इससे
अच्छी जगह हो ही नहीं सकती थी. माफी चाहूंगी (रोते हुए).


सानिया ने कहा कि यहां जब सेरेना विलियमस के खिलाफ खेली थी तो 18 साल की
थी. 18 साल पहले ही कैरोलिना के खिलाफ खेली. यहां खेलना हमेशा मेरे लिए
सम्मान की बात रही. यह मेरे घर जैसा है.


सानिया ने इतने ग्रैंड स्लैम खिताब जीते


बता दें कि सानिया ने मिक्स्ड डबल्स में 3 ग्रैंड स्लैम जीते हैं.
सानिया के छह ग्रैंड स्लैम खिताब में से तीन मिश्रित युगल हैं, जो उन्होंने
महेश भूपति (2009 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 2012 फ्रेंच ओपन) और ब्राजील के
ब्रूनो सोरेस (2014 अमेरिकी ओपन) के साथ जीते. सानिया ने अपने तीनों महिला
युगल ग्रैंड स्लैम खिताब हिंगिस (विम्बलडन 2015, अमेरिकी ओपन 2015 और
ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2016) के साथ मिलकर जीते.


मेलबोर्न। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने
प्रोफेशनल टेनिस को अलविदा कह दिया है. सानिया ने आस्ट्रेलिया ओपन से अपने
सफर की शुरुआत की थी, और अंत भी उसी टूर्नामेंट से किया. मिक्स्ड डबल्स के
फाइनल में अपने जोड़ीदार रोहन बोपन्ना के साथ हार का सामना करने के साथ
उनका सफर खत्म हो गया. पुरस्कार ग्रहण के दौरान सानिया की आंखों से आंसू
छलक पड़े.


आस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में भारतीय जोड़ी का मुकाबला ब्राजील की जोड़ी
लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस से था. इस मैच में सानिया-बोपन्ना की जोड़ी
को 6-7(2) 2-6 से हार झेलनी पड़ी. हार के बाद रोहन बोपन्ना ने सानिया को
उनके शानदार करियर के लिए शुभकामनाएं दीं, लेकिन इसी दौरान सानिया अपने
आंसू नहीं रोक सकीं.


बोपन्ना ने बताया कि सानिया ने देश के ढेरों युवाओं को खेल के प्रति
प्रेरित किया है. जब बोपन्ना तारीफ कर रहे थे, तब सानिया भावुक हो गईं और
उनकी आंख से आंसू छलक पड़े.


सानिया ने इस दौरान सभी का शुक्रिया अदा करने के साथ विजेता जोड़ी को
बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा प्रोफेशनल करियर मेलबर्न से ही
2005 में शुरू हुआ था. ग्रैंड स्लैम करियर को अलविदा कहने के लिए इससे
अच्छी जगह हो ही नहीं सकती थी. माफी चाहूंगी (रोते हुए).


सानिया ने कहा कि यहां जब सेरेना विलियमस के खिलाफ खेली थी तो 18 साल की
थी. 18 साल पहले ही कैरोलिना के खिलाफ खेली. यहां खेलना हमेशा मेरे लिए
सम्मान की बात रही. यह मेरे घर जैसा है.


सानिया ने इतने ग्रैंड स्लैम खिताब जीते


बता दें कि सानिया ने मिक्स्ड डबल्स में 3 ग्रैंड स्लैम जीते हैं.
सानिया के छह ग्रैंड स्लैम खिताब में से तीन मिश्रित युगल हैं, जो उन्होंने
महेश भूपति (2009 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 2012 फ्रेंच ओपन) और ब्राजील के
ब्रूनो सोरेस (2014 अमेरिकी ओपन) के साथ जीते. सानिया ने अपने तीनों महिला
युगल ग्रैंड स्लैम खिताब हिंगिस (विम्बलडन 2015, अमेरिकी ओपन 2015 और
ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2016) के साथ मिलकर जीते.


...
...
...
...
...
...
...
...