उमरिया बांधवगढ. जिले
के बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे वायसन के सफल पुर्नस्थापन के बाद अब प्रबंधन
बारहसिंघों को लाने की कवायद मे जुट गया है। विभागीय स्तर पर इस सबंध मे
औपचारिक कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। लिहाजा अधिकारी अब प्रक्रिया को अंतिम
रूप देने मे जुट गये हैं। गत दिवस उद्यान का दल कान्हा पहुंचा है। बताया
गया है कि यह दल बारहसिंघों को व्यवस्थित तरीके से लाने के मार्ग सहित अन्य
परिस्थितियों का अवलोकन कर कान्हा से उन्हे विस्थापित कर बांधवगढ़ लाये
जाने के संबंध मे आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। दल मे अनुविभागीय
अधिकारी, रेंजर, वन्यजीव विशेषज्ञ डाक्टर और आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी
शामिल हैं।
कई चरणो मे पूरा होगा आपरेशन
राष्ट्रीय
उद्यान के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने बताया कि कान्हा से 50 बारहसिंघे
बांधवगढ़ लाये जाने की योजना है। यह कार्यवाही कई चरणो मे पूरी की जायेगी।
यह देखना होगा कि एक बार मे कितने जानवर लाये जा सकते हैं। सांथ ही इन्हे
किस रास्ते और किस तरह लाना उचित होगा। इन सभी प्रक्रियाओं की जानकारी के
लिये पार्क की टीम कान्हा गई है। टीम की रिपोर्ट पर ही आगे की रणनीति तय
होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कान्हा से ही बारहसिंघे सतपुड़ा टाईगर
रिजर्व भेजे जा चुके हैं।(बांधव भूमि से साभार)
उमरिया बांधवगढ. जिले
के बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे वायसन के सफल पुर्नस्थापन के बाद अब प्रबंधन
बारहसिंघों को लाने की कवायद मे जुट गया है। विभागीय स्तर पर इस सबंध मे
औपचारिक कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। लिहाजा अधिकारी अब प्रक्रिया को अंतिम
रूप देने मे जुट गये हैं। गत दिवस उद्यान का दल कान्हा पहुंचा है। बताया
गया है कि यह दल बारहसिंघों को व्यवस्थित तरीके से लाने के मार्ग सहित अन्य
परिस्थितियों का अवलोकन कर कान्हा से उन्हे विस्थापित कर बांधवगढ़ लाये
जाने के संबंध मे आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। दल मे अनुविभागीय
अधिकारी, रेंजर, वन्यजीव विशेषज्ञ डाक्टर और आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी
शामिल हैं।
कई चरणो मे पूरा होगा आपरेशन
राष्ट्रीय
उद्यान के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने बताया कि कान्हा से 50 बारहसिंघे
बांधवगढ़ लाये जाने की योजना है। यह कार्यवाही कई चरणो मे पूरी की जायेगी।
यह देखना होगा कि एक बार मे कितने जानवर लाये जा सकते हैं। सांथ ही इन्हे
किस रास्ते और किस तरह लाना उचित होगा। इन सभी प्रक्रियाओं की जानकारी के
लिये पार्क की टीम कान्हा गई है। टीम की रिपोर्ट पर ही आगे की रणनीति तय
होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कान्हा से ही बारहसिंघे सतपुड़ा टाईगर
रिजर्व भेजे जा चुके हैं।(बांधव भूमि से साभार)