NEWS SECL :: इस वित्तीय वर्ष में एसईसीएल का ओबीआर पहुंचा 100 MCuM के पार:

post

बिलासपुर - देश की अग्रणी कोयला कंपनी एसईसीएल ने वित्तीय वर्ष 23-24 में 100 MCuM ओवरबर्डन रिमूवल (ओबीआर) हासिल कर लिया है। इसी के साथ यह कंपनी के इतिहास में सबसे कम समय में हासिल किया गया 100 MCuM ओबीआर का आंकड़ा है। इससे पहले पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में कंपनी द्वारा सितंबर माह में 100 MCuM ओबीआर हासिल किया गया था। हाल ही में कंपनी ने अब तक के सबसे तेज़ 50 मिलियन टन कोयला प्रेषण का कीर्तिमान दर्ज किया था।

कोयला उद्योग में ओपन कास्ट खदानों में मिट्टी, पत्थर आदि की परतें हटाकर ही कोयला निकाला जा सकता है और इसे ही ओवरबर्डन कहते हैं। इस ओवरबर्डन को हटाने को "ओवर बर्डन रिमूवल" (ओबीआर) के रूप में जाना जाता है और इसमें भारी लागत शामिल होती है। ओबीआर एक महत्वपूर्ण निष्पादन मानदंड है क्योंकि यह कम समय में भविष्य के उत्पादन के लिए कोयला सीम को तैयार करता है।

ओवरबर्डन प्रक्रिया में कोयले तक पहुँचने के लिए ब्लास्टिंग के बाद भारी मात्रा में मिट्टी को हटा पड़ता है। इसके लिए एसईसीएल द्वारा 42 क्यूबिक मीटर शॉवेल और 240 टन डंपर को प्रयोग में लाया जाता है जोकि पूरे एशिया में कोयला उद्योग में प्रयोग में ली जाने वाली सबसे बड़ी मशीनों में से एक हैं। इन मशीनों के प्रयोग से कंपनी कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा ओवरबर्डन हटाकर अधिक से अधिक कोयला खनन सुनिश्चित कर राष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रही है।

कंपनी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में 35% की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 264 MCuM ओबीआर किया गया था और इस वित्तीय वर्ष में कंपनी को 310 MCuM ओबीआर करने का लक्ष्य मिला है। कंपनी 200 MT कोयला उत्पादन के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।   


बिलासपुर - देश की अग्रणी कोयला कंपनी एसईसीएल ने वित्तीय वर्ष 23-24 में 100 MCuM ओवरबर्डन रिमूवल (ओबीआर) हासिल कर लिया है। इसी के साथ यह कंपनी के इतिहास में सबसे कम समय में हासिल किया गया 100 MCuM ओबीआर का आंकड़ा है। इससे पहले पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में कंपनी द्वारा सितंबर माह में 100 MCuM ओबीआर हासिल किया गया था। हाल ही में कंपनी ने अब तक के सबसे तेज़ 50 मिलियन टन कोयला प्रेषण का कीर्तिमान दर्ज किया था।

कोयला उद्योग में ओपन कास्ट खदानों में मिट्टी, पत्थर आदि की परतें हटाकर ही कोयला निकाला जा सकता है और इसे ही ओवरबर्डन कहते हैं। इस ओवरबर्डन को हटाने को "ओवर बर्डन रिमूवल" (ओबीआर) के रूप में जाना जाता है और इसमें भारी लागत शामिल होती है। ओबीआर एक महत्वपूर्ण निष्पादन मानदंड है क्योंकि यह कम समय में भविष्य के उत्पादन के लिए कोयला सीम को तैयार करता है।

ओवरबर्डन प्रक्रिया में कोयले तक पहुँचने के लिए ब्लास्टिंग के बाद भारी मात्रा में मिट्टी को हटा पड़ता है। इसके लिए एसईसीएल द्वारा 42 क्यूबिक मीटर शॉवेल और 240 टन डंपर को प्रयोग में लाया जाता है जोकि पूरे एशिया में कोयला उद्योग में प्रयोग में ली जाने वाली सबसे बड़ी मशीनों में से एक हैं। इन मशीनों के प्रयोग से कंपनी कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा ओवरबर्डन हटाकर अधिक से अधिक कोयला खनन सुनिश्चित कर राष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रही है।

कंपनी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में 35% की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 264 MCuM ओबीआर किया गया था और इस वित्तीय वर्ष में कंपनी को 310 MCuM ओबीआर करने का लक्ष्य मिला है। कंपनी 200 MT कोयला उत्पादन के लक्ष्य की ओर अग्रसर है।   


शयद आपको भी ये अच्छा लगे!