रायपुर। पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम कोर्ट लेकर पहुंची, जहां सिविल जज की कोर्ट में पेश किया है. बता दें कि शराब घोटाले मामले में अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया गया है. नई ईसीआईआर दर्ज होने के बाद तकड़े अनिल टूटेजा की गिरफ्तारी की गई है. वहीं कल लंबी पूछताछ के बाद अनिल टूटेजा के बेटे यश टूटेजा को देर रात छोड़ा गया था.
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने ईसीआईआर 4/2024 की विवेचना के संदर्भ में अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया है. ईडी की यह ईसीआईआर राज्य के कथित शराब घोटाला मामले , मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर है. ईडी की इस ईसीआईआर का आधार छत्तीसगढ़ सरकार के एसीबी थाने में 17 जनवरी को दर्ज एफआईआर है, जिसमें प्रार्थी खुद ईडी है. ईडी ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाला मामले के सबसे प्रभावशाली भुमिका अदा करने वाला व्यक्ति माना है. प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा को गिरफ्तार करने के लिए पांच कारण बताए हैं.
- ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी की पांच वजह बताई है. जो इस प्रकार हैं -
- 1. साक्ष्यों को नष्ट होने से बचाना
- 2. इस अपराध में शामिल अन्य लोगों/आरोपियों से आमने सामने पूछताछ करना
- 3. अपराध से अर्जित आय का पता करना
- 4. गवाहों को प्रभावित करने से रोकना
- 5. सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करना.
रायपुर। पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम कोर्ट लेकर पहुंची, जहां सिविल जज की कोर्ट में पेश किया है. बता दें कि शराब घोटाले मामले में अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया गया है. नई ईसीआईआर दर्ज होने के बाद तकड़े अनिल टूटेजा की गिरफ्तारी की गई है. वहीं कल लंबी पूछताछ के बाद अनिल टूटेजा के बेटे यश टूटेजा को देर रात छोड़ा गया था.
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने ईसीआईआर 4/2024 की विवेचना के संदर्भ में अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया है. ईडी की यह ईसीआईआर राज्य के कथित शराब घोटाला मामले , मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर है. ईडी की इस ईसीआईआर का आधार छत्तीसगढ़ सरकार के एसीबी थाने में 17 जनवरी को दर्ज एफआईआर है, जिसमें प्रार्थी खुद ईडी है. ईडी ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाला मामले के सबसे प्रभावशाली भुमिका अदा करने वाला व्यक्ति माना है. प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा को गिरफ्तार करने के लिए पांच कारण बताए हैं.
- ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी की पांच वजह बताई है. जो इस प्रकार हैं -
- 1. साक्ष्यों को नष्ट होने से बचाना
- 2. इस अपराध में शामिल अन्य लोगों/आरोपियों से आमने सामने पूछताछ करना
- 3. अपराध से अर्जित आय का पता करना
- 4. गवाहों को प्रभावित करने से रोकना
- 5. सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करना.