Raipur :: नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन में सीएम भूपेश ने कहा - राजीव गांधी जी ने पंचायती राज को सशक्त बनाने का काम किया :

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायती राज और नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन में स्वागत किया। आज कांकेर में सम्मेलन हो रहा है आप सभी को मालूम है एक समय मे सिर्फ 5 हजार जनप्रतिनिधि होते थे, राजीव गांधी जी ने पंचायती राज को सशक्त बनाने का काम किया।जब से पंचायती राज लागू हुआ है एक तिहाई महिलाओ को भी आरक्षण देने का काम किया गया।

छत्तीसगढ़ में पंचायती राज और नगरीय निकाय में महिलाओं को प्राथमिकता दिए हैं। हमारे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला मतदाता है। पंचायती राज राज को सशक्त करने का काम हमारी सरकार ने की है, हमने सभी जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। पेसा कानून लागू करने का काम हमने लागू किया है। कई एकड़ से अधिक जमीन को हमने वापस दिलाने का काम किया हैं। 

लगातर बस्तर में विकास के काम छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हो रहा है, चाहे ऋणमाफी, समर्थन मूल्य में धान खरीदी, वनोपज खरीदी, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी, रीपा का विकास से रोजगार के नए रास्ते दे रहे हैं। मिलेट्स को खरीदने की व्यवस्था, इमली से कैंडी बनाने की व्यवस्था हमने किया है। आदिवासी संस्कृति को बचाने और देवगुड़ी बनाने का काम हमने किया है।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायती राज और नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन में स्वागत किया। आज कांकेर में सम्मेलन हो रहा है आप सभी को मालूम है एक समय मे सिर्फ 5 हजार जनप्रतिनिधि होते थे, राजीव गांधी जी ने पंचायती राज को सशक्त बनाने का काम किया।जब से पंचायती राज लागू हुआ है एक तिहाई महिलाओ को भी आरक्षण देने का काम किया गया।

छत्तीसगढ़ में पंचायती राज और नगरीय निकाय में महिलाओं को प्राथमिकता दिए हैं। हमारे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला मतदाता है। पंचायती राज राज को सशक्त करने का काम हमारी सरकार ने की है, हमने सभी जनप्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। पेसा कानून लागू करने का काम हमने लागू किया है। कई एकड़ से अधिक जमीन को हमने वापस दिलाने का काम किया हैं। 

लगातर बस्तर में विकास के काम छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हो रहा है, चाहे ऋणमाफी, समर्थन मूल्य में धान खरीदी, वनोपज खरीदी, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी, रीपा का विकास से रोजगार के नए रास्ते दे रहे हैं। मिलेट्स को खरीदने की व्यवस्था, इमली से कैंडी बनाने की व्यवस्था हमने किया है। आदिवासी संस्कृति को बचाने और देवगुड़ी बनाने का काम हमने किया है।


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