Raipur :: श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह धूम धाम से मनाने का शिक्षा मंत्री बृजमोहन ने लिया निर्णय:

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22 जनवरी को छत्तीसगढ़ के स्कूल कॉलेज में रहेगी छुट्टी बृजमोहन ने की घोषणा। मकर संक्रांति पर होगा पतंग उत्सव।

रायपुर/11/01/2024/ आगामी 22 जनवरी  को छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेजों में अवकाश रहेगा यह घोषणा छत्तीसगढ़ के धर्मस्व, पर्यटन,संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान की।

 पत्रकारों से चर्चा के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को श्री राम लला दर्शन योजना के तहत अयोध्या ले जाया जाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार रेलवे विभाग से अनुबंध कर एक ट्रेन बुक करेगी जो हफ्ते में एक दिन चलेगी। जिसमें एक बार में 850 से 1000 श्रद्धालु अयोध्या प्रभु श्री राम के दर्शन करने जाएंगे। ट्रेन में बुजुर्गों और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनके साथ सहायक को जाने की जाने की अनुमति होगी। साथ ही डॉक्टर भी तैनात किया जाएगा। साथ ही जिस जिले के श्रद्धालु जाएंगे वहां को कोई जानकार व्यक्ति भी जायेगा।  श्रद्धालुओं के रहने और खाने की व्यवस्था शासन की रहेगी।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और ब्लॉक स्तर पर प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती, पूजा और भजन का आयोजन होगा, वहीं इस दिन शाम नदी या तालाब के किनारे गंगा आरती का आयोजन किया जाए। और रौशनी की जाएगी।

मकर संक्रांति पर होगा पतंग उत्सव - श्री अग्रवाल ने बताया  कि मकर संक्रांति के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन परिसर में भव्य पतंग उत्सव का आयोजन किया जाए। इसके लिए राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी पतंगबाजों को आमंत्रित किया जाए। पतंग महोत्सव को भव्य और आकर्षक रूप देने के लिए दर्शकों और आम नागरिकों के लिए लोक कलाकारों द्वारा गीत-संगीत का भी आयोजन किया जाएगा।

श्रीराम वनगमन पथ के वास्तविक स्वरूप का रखा जायेगा ध्यान - बृजमोहन ने कहा कि सरकार श्रीराम वनगमन पथ को उसके वास्तविक स्वरूप को ध्यान में रखकर कार्य करेगी। उन्होंने  गरियाबंद जिले के भूतेश्वर महादेव, जतमई घटारानी, शिवमहापीठ, सिरकट्टी आश्रम और कोपरा के कोपेश्वर महादेव को ट्रॉयबल परिपथ के रूप में विकसित करने की बात कही। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।


22 जनवरी को छत्तीसगढ़ के स्कूल कॉलेज में रहेगी छुट्टी बृजमोहन ने की घोषणा। मकर संक्रांति पर होगा पतंग उत्सव।

रायपुर/11/01/2024/ आगामी 22 जनवरी  को छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेजों में अवकाश रहेगा यह घोषणा छत्तीसगढ़ के धर्मस्व, पर्यटन,संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान की।

 पत्रकारों से चर्चा के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को श्री राम लला दर्शन योजना के तहत अयोध्या ले जाया जाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार रेलवे विभाग से अनुबंध कर एक ट्रेन बुक करेगी जो हफ्ते में एक दिन चलेगी। जिसमें एक बार में 850 से 1000 श्रद्धालु अयोध्या प्रभु श्री राम के दर्शन करने जाएंगे। ट्रेन में बुजुर्गों और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनके साथ सहायक को जाने की जाने की अनुमति होगी। साथ ही डॉक्टर भी तैनात किया जाएगा। साथ ही जिस जिले के श्रद्धालु जाएंगे वहां को कोई जानकार व्यक्ति भी जायेगा।  श्रद्धालुओं के रहने और खाने की व्यवस्था शासन की रहेगी।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और ब्लॉक स्तर पर प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती, पूजा और भजन का आयोजन होगा, वहीं इस दिन शाम नदी या तालाब के किनारे गंगा आरती का आयोजन किया जाए। और रौशनी की जाएगी।

मकर संक्रांति पर होगा पतंग उत्सव - श्री अग्रवाल ने बताया  कि मकर संक्रांति के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन परिसर में भव्य पतंग उत्सव का आयोजन किया जाए। इसके लिए राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी पतंगबाजों को आमंत्रित किया जाए। पतंग महोत्सव को भव्य और आकर्षक रूप देने के लिए दर्शकों और आम नागरिकों के लिए लोक कलाकारों द्वारा गीत-संगीत का भी आयोजन किया जाएगा।

श्रीराम वनगमन पथ के वास्तविक स्वरूप का रखा जायेगा ध्यान - बृजमोहन ने कहा कि सरकार श्रीराम वनगमन पथ को उसके वास्तविक स्वरूप को ध्यान में रखकर कार्य करेगी। उन्होंने  गरियाबंद जिले के भूतेश्वर महादेव, जतमई घटारानी, शिवमहापीठ, सिरकट्टी आश्रम और कोपरा के कोपेश्वर महादेव को ट्रॉयबल परिपथ के रूप में विकसित करने की बात कही। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।


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