महिला आयोग के समक्ष आवेदिका को 10 लाख का चेक और 5 लाख के आभूषण मिले:

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष
डॉ. किरणमयी नायक व सदस्य डॉ. अर्चना उपाध्याय, ने सोमवार को महिला आयोग के
कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 236 वीं सुनवाई हुई।
रायपुर जिले में कुल 112 वीं जनसुनवाई।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण
में अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका को दहेज के नाम पर घर से निकाल देने,
मारपीट करने व अपशब्द करने पर सुनवाई हुई। पूर्व में सुनवाई के दौरान दोनो
ने अपना पक्ष रखा था और पारिवारिक सदस्यों से चर्चा करने के लिए समय मांगा
था। उभय पक्षों के मध्य काउंसलिंग करवाई गई। सूची के अनुसार आवेदिका को
लगभग 5 लाख का स्त्रीधन दिलवाया गया। जिसकी फोटोग्राफी कर आयोग में रखी गई
है। दोनों पक्षों के मध्य निम्न बिंदुओं पर सहमति बनी। जिसमें अनावेदक
आवेदिका को एकमुश्त भरण-पोषण व विवाह खर्च मिलाकर कुल 25 लाख रू. देगा।
जिसमें से अनावेदक ने 10 लाख रू. का चेक भी आयोग के समक्ष आवेदिका को
प्रदान किया। काउंसलर की मदद से आवेदिका अपने ससुराल में रखा सामान लेकर
आयेगी। दोनो पक्षों के मध्य काउंसलर नियुक्त किया गया व राजीनामा की शर्ते
तैयार कर प्रकरण अगली सुनवाई हेतु रखा जायेगा।











रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष
डॉ. किरणमयी नायक व सदस्य डॉ. अर्चना उपाध्याय, ने सोमवार को महिला आयोग के
कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 236 वीं सुनवाई हुई।
रायपुर जिले में कुल 112 वीं जनसुनवाई।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण
में अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका को दहेज के नाम पर घर से निकाल देने,
मारपीट करने व अपशब्द करने पर सुनवाई हुई। पूर्व में सुनवाई के दौरान दोनो
ने अपना पक्ष रखा था और पारिवारिक सदस्यों से चर्चा करने के लिए समय मांगा
था। उभय पक्षों के मध्य काउंसलिंग करवाई गई। सूची के अनुसार आवेदिका को
लगभग 5 लाख का स्त्रीधन दिलवाया गया। जिसकी फोटोग्राफी कर आयोग में रखी गई
है। दोनों पक्षों के मध्य निम्न बिंदुओं पर सहमति बनी। जिसमें अनावेदक
आवेदिका को एकमुश्त भरण-पोषण व विवाह खर्च मिलाकर कुल 25 लाख रू. देगा।
जिसमें से अनावेदक ने 10 लाख रू. का चेक भी आयोग के समक्ष आवेदिका को
प्रदान किया। काउंसलर की मदद से आवेदिका अपने ससुराल में रखा सामान लेकर
आयेगी। दोनो पक्षों के मध्य काउंसलर नियुक्त किया गया व राजीनामा की शर्ते
तैयार कर प्रकरण अगली सुनवाई हेतु रखा जायेगा।











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