अधुरे निर्माण कार्यों को 31 मार्च तक पूरा कराएं : डॉ अलंग:

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रायपुर । मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के साढ़े पांच सौ से अधिक विकास कार्यों के लंबे समय से अधूरे पड़े होने पर संभागायुक्त ने गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक में नाराजगी जाताई। उन्होंने इन सभी कामों को चालू वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देष दिए। संभागायुक्त कार्यालय में हुई इस समीक्षा बैठक में उपायुक्त श्रीमती सरिता तिवारी सहित जिलों के आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त भी शामिल हुए। बैठक में कमिश्नर डॉ. अलंग ने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित गुणवत्ता और स्वीकृत राशि के अन्दर ही पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इन कामों के अब तक अधूरे पड़े रहने का कारण भी अधिकारियों से पूछा और उनका समाधान करने के उपाय भी बताएं। डॉ. अलंग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को भी मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत विकास कार्यो की निरंतर समीक्षा करने के साथ सहायक आयुक्तों को जरूरी सहयोग करने के लिए पत्र भेजने को भी कहा।
 
बैठक में धमतरी, गरियाबंद, महासमंुद, बलौदाबाजार-भाटापारा, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा मरवाही, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा और सक्ति जिले में स्वीकृत विकास कार्यों की समीक्षा हुई। बैठक में बताया गया कि मध्य क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले पांच वर्ष में 2 हजार 287 विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इन कार्यों के लिए लगभग 140 करोड़ रूपये मंजूर किए गए है। इनमें से 1 हजार 618 कार्य पूरे हो चुके हैं। 648 विकास कार्य अपूर्ण या प्रगतिरत हैं और 21 काम विभिन्न स्थानीय कारणों से अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। कमिश्नर डॉ. अलंग ने अपूर्ण कामों को तेजी से पूरा करने और अब तक शुरू नहीं हुए कामों को जल्द से जल्द शुरू कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।




रायपुर । मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के साढ़े पांच सौ से अधिक विकास कार्यों के लंबे समय से अधूरे पड़े होने पर संभागायुक्त ने गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक में नाराजगी जाताई। उन्होंने इन सभी कामों को चालू वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देष दिए। संभागायुक्त कार्यालय में हुई इस समीक्षा बैठक में उपायुक्त श्रीमती सरिता तिवारी सहित जिलों के आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त भी शामिल हुए। बैठक में कमिश्नर डॉ. अलंग ने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित गुणवत्ता और स्वीकृत राशि के अन्दर ही पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इन कामों के अब तक अधूरे पड़े रहने का कारण भी अधिकारियों से पूछा और उनका समाधान करने के उपाय भी बताएं। डॉ. अलंग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को भी मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत विकास कार्यो की निरंतर समीक्षा करने के साथ सहायक आयुक्तों को जरूरी सहयोग करने के लिए पत्र भेजने को भी कहा।
 
बैठक में धमतरी, गरियाबंद, महासमंुद, बलौदाबाजार-भाटापारा, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा मरवाही, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा और सक्ति जिले में स्वीकृत विकास कार्यों की समीक्षा हुई। बैठक में बताया गया कि मध्य क्षेत्र आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले पांच वर्ष में 2 हजार 287 विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इन कार्यों के लिए लगभग 140 करोड़ रूपये मंजूर किए गए है। इनमें से 1 हजार 618 कार्य पूरे हो चुके हैं। 648 विकास कार्य अपूर्ण या प्रगतिरत हैं और 21 काम विभिन्न स्थानीय कारणों से अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। कमिश्नर डॉ. अलंग ने अपूर्ण कामों को तेजी से पूरा करने और अब तक शुरू नहीं हुए कामों को जल्द से जल्द शुरू कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।




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