महंगाई काबू में, आने वाले महीनों में RBI कर सकता है Repo Rate में कटौती: पीयूष गोयल:

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नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल  ने सोमवार को भरोसा जताया कि महंगाई के काबू में आने के साथ भारतीय
रिजर्व बैंक  नीतिगत दर में कटौती करेगा. रेपो रेट
फरवरी, 2023 से 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है. आरबीआई
महंगाई को काबू में लाने के लिए रेपो रेट का उपयोग करता है.

भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5% रही

पीयूष गोयल ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई नियंत्रण
में है. उन्होंने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5
प्रतिशत रही है. यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था और इसके कारण,
ब्याज दर में उल्लेखनीय रूप से कमी आई और केंद्रीय बैंक मजबूत हुआ. अब
आरबीआई ब्याज दर (RBI Policy) को नीचे लाने की क्षमता रखता है.

उन्होंने
कहा, ‘‘बेशक पिछले डेढ़ साल में, यूक्रेन-संकट के बाद, ब्याज दर में फिर
से 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन अब जब महंगाई काफी हद तक
नियंत्रण में है, मुझे उम्मीद है कि ब्याज दर की स्थिति पलटेगी और जल्दी ही
इसमें कमी आएगी. भले ही ब्याज दर में यह कमी अगली मौद्रिक नीति समीक्षा
में हो या फिर उसके बाद वाली दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में.''

कम हो सकती है आपके लोन की EMI

ऐसे में अगर रिजर्व बैंक रेपो दर (RBI Policy Rate) में कटौती करता है, तो
कंपनियों और व्यक्तियों दोनों के लिए कर्ज लेने की लागत कम हो जाएगी और लोन
की मासिक किस्त यानी ईएमआई (EMI) कम होगी. केंद्रीय बैंक ने आठ फरवरी को
लगातार छठी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था.आरबीआई की
अगली मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI MPC Meeting) पांच अप्रैल को होगी.

जनवरी में महंगाई दर में आई गिरावट

कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई इस साल जनवरी में 5.1
प्रतिशत पर थी, जो एक साल पहले समान महीने में 6.52 प्रतिशत के स्तर पर थी.
होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) आधारित महंगाई जनवरी में तीन महीने के निचले
स्तर 0.27 प्रतिशत रही. देश में मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में कमी
से थोक महंगाई दर कम हुई है.

 इसके आगे  पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि
सरकार का 2047 तक 30,000 अरब डॉलर से 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था
बनाने का लक्ष्य है जो अभी 3,700 अरब डॉलर है.

 


नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल  ने सोमवार को भरोसा जताया कि महंगाई के काबू में आने के साथ भारतीय
रिजर्व बैंक  नीतिगत दर में कटौती करेगा. रेपो रेट
फरवरी, 2023 से 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है. आरबीआई
महंगाई को काबू में लाने के लिए रेपो रेट का उपयोग करता है.

भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5% रही

पीयूष गोयल ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई नियंत्रण
में है. उन्होंने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5
प्रतिशत रही है. यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था और इसके कारण,
ब्याज दर में उल्लेखनीय रूप से कमी आई और केंद्रीय बैंक मजबूत हुआ. अब
आरबीआई ब्याज दर (RBI Policy) को नीचे लाने की क्षमता रखता है.

उन्होंने
कहा, ‘‘बेशक पिछले डेढ़ साल में, यूक्रेन-संकट के बाद, ब्याज दर में फिर
से 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन अब जब महंगाई काफी हद तक
नियंत्रण में है, मुझे उम्मीद है कि ब्याज दर की स्थिति पलटेगी और जल्दी ही
इसमें कमी आएगी. भले ही ब्याज दर में यह कमी अगली मौद्रिक नीति समीक्षा
में हो या फिर उसके बाद वाली दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में.''

कम हो सकती है आपके लोन की EMI

ऐसे में अगर रिजर्व बैंक रेपो दर (RBI Policy Rate) में कटौती करता है, तो
कंपनियों और व्यक्तियों दोनों के लिए कर्ज लेने की लागत कम हो जाएगी और लोन
की मासिक किस्त यानी ईएमआई (EMI) कम होगी. केंद्रीय बैंक ने आठ फरवरी को
लगातार छठी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था.आरबीआई की
अगली मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI MPC Meeting) पांच अप्रैल को होगी.

जनवरी में महंगाई दर में आई गिरावट

कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई इस साल जनवरी में 5.1
प्रतिशत पर थी, जो एक साल पहले समान महीने में 6.52 प्रतिशत के स्तर पर थी.
होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) आधारित महंगाई जनवरी में तीन महीने के निचले
स्तर 0.27 प्रतिशत रही. देश में मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में कमी
से थोक महंगाई दर कम हुई है.

 इसके आगे  पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि
सरकार का 2047 तक 30,000 अरब डॉलर से 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था
बनाने का लक्ष्य है जो अभी 3,700 अरब डॉलर है.

 


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