महाशिवरात्रि पर की जाती है भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा. :

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 महाशिवरात्रि का व्रत साल के
सबसे बड़े और महत्वपूर्ण व्रतों में गिना जाता है. माना जाता है कि
शिवरात्रि के दिन महादेव का पूरे मनोभाव से पूजन किया जाए तो भगवान शिव
(Lord Shiva) हर इच्छा पूर्ण करते हैं. इस व्रत को महिलाएं व पुरुष दोनों
रखते हैं, वहीं कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और महादेव
का विवाह हुआ था. इस चलते हर माह इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता
है और साल में एक बार महाशिवरात्रि मनाई जाती है. जानिए इस साल किस दिन
महाशिवरात्रि है और किस तरह भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है.

महाशिवरात्रि का व्रत -

पंचांग
के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि
का व्रत रखा जाता है. इस साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि
की शुरुआत 8 मार्च को संध्याकाल 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और इस तिथि का अंत 9
मार्च शाम 6 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा. इस चलते 8 मार्च, शुक्रवार के दिन
मनाई जाएगी. शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त  चार प्रहर
में पड़ रहा है. 

महाशिवरात्रि के चार प्रहर के मुहूर्त 

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त - रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त- रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त - प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37

महाशिवरात्रि की पूजा और शुभ रंग के कपड़े 

महाशिवरात्रि
के दिन सुबह स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इस दिन हरे
रंग के कपड़े पहनने बेहद शुभ कहे जाते हैं. इसके अलावा, अन्य रंग के कपड़े
भी पहने जा सकते हैं लेकिन काले रंग के कपड़े पहनने की मनाही होती है. पूजा
के दौरान बेलपत्र, भांग, धतूर, जायफल, फल, मीठा पान और सफेद रंग के भोग को
पूजा सामग्री में शामिल करने का विशेष महत्व होता है.


 महाशिवरात्रि का व्रत साल के
सबसे बड़े और महत्वपूर्ण व्रतों में गिना जाता है. माना जाता है कि
शिवरात्रि के दिन महादेव का पूरे मनोभाव से पूजन किया जाए तो भगवान शिव
(Lord Shiva) हर इच्छा पूर्ण करते हैं. इस व्रत को महिलाएं व पुरुष दोनों
रखते हैं, वहीं कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और महादेव
का विवाह हुआ था. इस चलते हर माह इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता
है और साल में एक बार महाशिवरात्रि मनाई जाती है. जानिए इस साल किस दिन
महाशिवरात्रि है और किस तरह भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है.

महाशिवरात्रि का व्रत -

पंचांग
के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि
का व्रत रखा जाता है. इस साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि
की शुरुआत 8 मार्च को संध्याकाल 9 बजकर 57 मिनट पर होगी और इस तिथि का अंत 9
मार्च शाम 6 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा. इस चलते 8 मार्च, शुक्रवार के दिन
मनाई जाएगी. शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त  चार प्रहर
में पड़ रहा है. 

महाशिवरात्रि के चार प्रहर के मुहूर्त 

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त - रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त- रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का शुभ मुहूर्त - प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37

महाशिवरात्रि की पूजा और शुभ रंग के कपड़े 

महाशिवरात्रि
के दिन सुबह स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इस दिन हरे
रंग के कपड़े पहनने बेहद शुभ कहे जाते हैं. इसके अलावा, अन्य रंग के कपड़े
भी पहने जा सकते हैं लेकिन काले रंग के कपड़े पहनने की मनाही होती है. पूजा
के दौरान बेलपत्र, भांग, धतूर, जायफल, फल, मीठा पान और सफेद रंग के भोग को
पूजा सामग्री में शामिल करने का विशेष महत्व होता है.


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