चीता सफारी शुरू करने पर रोक:

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श्योपुर । कूनो नेशनल पार्क में प्रस्तावित चीता सफारी
निर्माण का काम फिलहाल रुक गया है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने वन
संरक्षण को लेकर एक आदेश में कहा था कि वन भूमि पर चिडिय़ाघर खोलने या सफारी
शुरू करने के लिए अब उसकी अनुमति लेनी होगी। इसी कारण 26 फरवरी को
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव प्रस्तावित चीता सफारी का भूमिपूजन नहीं करेंगे।



सेसईपुरा आ रहे मुख्यमंत्री अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम चीता मित्रों को
साइकिल वितरण और कूनो के पेट्रोल पंप का भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव जंगल रिसार्ट में चीता प्रोजेक्ट रिव्यू बैठक
लेंगे।

दरअसल, वर्ष 2023 के वन संरक्षण कानून में संशोधन को चुनौती देने वाली
याचिकाओं के संबंध में 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं।


इसमें कहा गया है कि देशभर में कहीं भी चिडिय़ाघर खोलने या वन भूमि पर
सफारी शुरू करने के किसी भी नए प्रस्ताव को अब सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की
आवश्यकता होगी। कूनो में प्रस्तावित चीता सफारी में भी 124 हेक्टेयर का
क्षेत्र कूनो वनमंडल का आ रहा है यानी चीता सफारी बनाने के लिए भी सुप्रीम
कोर्ट की अनुमति जरूरी होगी। अब डीपीआर बनाने से पहले कूनो प्रबंधन सुप्रीम
कोर्ट से अनुमति लेगा, इसके बाद ही काम शुरू होगा। श्योपुर वन मंडल के
डीएफओ थिरुकुराल आर ने भी इसकी पुष्टि की है।





श्योपुर । कूनो नेशनल पार्क में प्रस्तावित चीता सफारी
निर्माण का काम फिलहाल रुक गया है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने वन
संरक्षण को लेकर एक आदेश में कहा था कि वन भूमि पर चिडिय़ाघर खोलने या सफारी
शुरू करने के लिए अब उसकी अनुमति लेनी होगी। इसी कारण 26 फरवरी को
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव प्रस्तावित चीता सफारी का भूमिपूजन नहीं करेंगे।



सेसईपुरा आ रहे मुख्यमंत्री अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम चीता मित्रों को
साइकिल वितरण और कूनो के पेट्रोल पंप का भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव जंगल रिसार्ट में चीता प्रोजेक्ट रिव्यू बैठक
लेंगे।

दरअसल, वर्ष 2023 के वन संरक्षण कानून में संशोधन को चुनौती देने वाली
याचिकाओं के संबंध में 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किए हैं।


इसमें कहा गया है कि देशभर में कहीं भी चिडिय़ाघर खोलने या वन भूमि पर
सफारी शुरू करने के किसी भी नए प्रस्ताव को अब सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की
आवश्यकता होगी। कूनो में प्रस्तावित चीता सफारी में भी 124 हेक्टेयर का
क्षेत्र कूनो वनमंडल का आ रहा है यानी चीता सफारी बनाने के लिए भी सुप्रीम
कोर्ट की अनुमति जरूरी होगी। अब डीपीआर बनाने से पहले कूनो प्रबंधन सुप्रीम
कोर्ट से अनुमति लेगा, इसके बाद ही काम शुरू होगा। श्योपुर वन मंडल के
डीएफओ थिरुकुराल आर ने भी इसकी पुष्टि की है।





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