10 मार्च को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय करेंगे जगार 2024 का आगाज :

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रायपुर,  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा जगार 2024 का 10 मार्च शाम 7
बजे शुभारंभ किया जाएगा। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के द्वारा
प्रतिवर्ष लगाए जाने वाले इस हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी के शुभारंभ
कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव करेंगे।




जगार 2024 में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प
(ढोकरा), लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शिशल शिल्प,
गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छींद-कांसा शिल्प की प्रदर्शनी
लगाई जाएगी। हाथकरघा वस्त्रों में कोसा साड़ियाँ, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस
मटेरियल एवं कॉटन बेडशीट, चादरें, ड्रेस मटेरियल, सर्टिंग एवं विभिन्न
प्रकार की खादी रेडीमेड वस्त्रों आदि जगार का मुख्य आकर्षण रहेंगे। जगार
में अन्य राज्यों से उत्तरप्रदेश लखनऊ की चिकनकारी, बनारसी साड़ी, ड्रेस
मटेरियल, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों एवं बाघ प्रिंट की ड्रेस
मटेरियल एवं टिकमगढ़ का पीतल की मूर्तियाँ, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथा
वर्क तथा बंगाली साड़ियाँ सहित, पंजाब की फुलकारी एवं पंजाबी जुतियाँ,
राजस्थान की चर्मशिल्प की मोजरी एवं एम्बाईडरी के सलवार सूट, दिल्ली की
ज्वेलरी, हरियाणा पानीपत का बेडशीट, महाराष्ट्र के कोल्हापुरी चप्पल, बिहार
के भागलपुरी ड्रेस मटेरियल, जम्मू कश्मीर के शॉल एवं साड़ियाँ इस प्रकार
कुल 11 राज्यों के विभिन्न शिल्पकलाओं एवं हाथकरघा सामग्री का विशाल
संग्रहण उपलब्ध रहेगा, जिसमें स्वयं शिल्पकार अपनी उन्नत शिल्पकला के हुनर
का प्रदर्शन सह विक्रय करेंगे।



जगार 2024 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन 10 मार्च से 19
मार्च 2024 तक छत्तीसगढ़ हाट परिसर पंडरी, रायपुर में होगा, जिसमें प्रतिदिन
संध्या 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए
जाएंगे।




रायपुर,  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा जगार 2024 का 10 मार्च शाम 7
बजे शुभारंभ किया जाएगा। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के द्वारा
प्रतिवर्ष लगाए जाने वाले इस हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी के शुभारंभ
कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव करेंगे।




जगार 2024 में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प
(ढोकरा), लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शिशल शिल्प,
गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छींद-कांसा शिल्प की प्रदर्शनी
लगाई जाएगी। हाथकरघा वस्त्रों में कोसा साड़ियाँ, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस
मटेरियल एवं कॉटन बेडशीट, चादरें, ड्रेस मटेरियल, सर्टिंग एवं विभिन्न
प्रकार की खादी रेडीमेड वस्त्रों आदि जगार का मुख्य आकर्षण रहेंगे। जगार
में अन्य राज्यों से उत्तरप्रदेश लखनऊ की चिकनकारी, बनारसी साड़ी, ड्रेस
मटेरियल, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों एवं बाघ प्रिंट की ड्रेस
मटेरियल एवं टिकमगढ़ का पीतल की मूर्तियाँ, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथा
वर्क तथा बंगाली साड़ियाँ सहित, पंजाब की फुलकारी एवं पंजाबी जुतियाँ,
राजस्थान की चर्मशिल्प की मोजरी एवं एम्बाईडरी के सलवार सूट, दिल्ली की
ज्वेलरी, हरियाणा पानीपत का बेडशीट, महाराष्ट्र के कोल्हापुरी चप्पल, बिहार
के भागलपुरी ड्रेस मटेरियल, जम्मू कश्मीर के शॉल एवं साड़ियाँ इस प्रकार
कुल 11 राज्यों के विभिन्न शिल्पकलाओं एवं हाथकरघा सामग्री का विशाल
संग्रहण उपलब्ध रहेगा, जिसमें स्वयं शिल्पकार अपनी उन्नत शिल्पकला के हुनर
का प्रदर्शन सह विक्रय करेंगे।



जगार 2024 हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी का आयोजन 10 मार्च से 19
मार्च 2024 तक छत्तीसगढ़ हाट परिसर पंडरी, रायपुर में होगा, जिसमें प्रतिदिन
संध्या 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए
जाएंगे।


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