कब्ज से पीड़ित लोगों को अक्सर पाइल्स होने का खतरा
बना रहता है। पाइल्स को बवासीर या Hemorrhoids भी कहा जाता है। बवासीर एक
ऐसी बीमारी है,जो बेहद तकलीफदेह होती है। जिसमें मरीज के गुदा के अंदर और
बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं। यह डाइजेशन से जुड़ी परेशानी है। जो अक्सर
कब्ज होने पर होती है। अगर आप भी पाइल्स की समस्या से परेशान रहते हैं तो
अपने रूटिन में बालासन को जरूर शामिल करें। बालासन का नियमित अभ्यास पाइल्स
की समस्या से जल्द राहत दे सकता है।
बालासन करने का तरीका-
बालासन करने के लिए सबसे पहले मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब सांस लेते
हुए अपनी बाहों को आगे बढ़ाएं और अपने सिर को अपनी जांघों के बीच झुकाएं।
ऐसा करते हुए आपके कंधे आपके कूल्हे पर होने चाहिए। अब अपने सिर से जमीन को
छूने की कोशिश करें और हाथों को जमीन पर टिका दें। 5 मिनट तक इसी स्थिति
में बने रहें। 5 मिनट बाद वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं और शरीर को
ढीला छोड़ दें।
बालासन के फायदे-
बालासन को अंग्रेजी में चाइल्ड पोज भी कहा जाता है। बालासन करने से
गैस,कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर रखने में मदद मिलती है। इसके
अलावा लोअर बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन तेजी से होने लगता है। जिससे दर्द और
सूजन में आराम मिलता है। बालासन व्यक्ति का अंदरुनी फोकस बढ़ाने के साथ
एनर्जी लेवल अच्छा बनाए रखने में भी मदद करता है। यह योगासन मानसिक
स्वास्थ्य बेहतर करने के साथ शरीर को रिलैक्स भी करता है। जिससे तनाव को
पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है।
बालासन करने के अन्य फायदे-
-डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद।
-छाती और फेफड़े खुलते हैं।
-लोअर बैक का दर्द दूर होता है।
-दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है।
-पेट दर्द में राहत।
-थकान और तनाव से छुटकारा।
कब्ज से पीड़ित लोगों को अक्सर पाइल्स होने का खतरा
बना रहता है। पाइल्स को बवासीर या Hemorrhoids भी कहा जाता है। बवासीर एक
ऐसी बीमारी है,जो बेहद तकलीफदेह होती है। जिसमें मरीज के गुदा के अंदर और
बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं। यह डाइजेशन से जुड़ी परेशानी है। जो अक्सर
कब्ज होने पर होती है। अगर आप भी पाइल्स की समस्या से परेशान रहते हैं तो
अपने रूटिन में बालासन को जरूर शामिल करें। बालासन का नियमित अभ्यास पाइल्स
की समस्या से जल्द राहत दे सकता है।
बालासन करने का तरीका-
बालासन करने के लिए सबसे पहले मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब सांस लेते
हुए अपनी बाहों को आगे बढ़ाएं और अपने सिर को अपनी जांघों के बीच झुकाएं।
ऐसा करते हुए आपके कंधे आपके कूल्हे पर होने चाहिए। अब अपने सिर से जमीन को
छूने की कोशिश करें और हाथों को जमीन पर टिका दें। 5 मिनट तक इसी स्थिति
में बने रहें। 5 मिनट बाद वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं और शरीर को
ढीला छोड़ दें।
बालासन के फायदे-
बालासन को अंग्रेजी में चाइल्ड पोज भी कहा जाता है। बालासन करने से
गैस,कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर रखने में मदद मिलती है। इसके
अलावा लोअर बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन तेजी से होने लगता है। जिससे दर्द और
सूजन में आराम मिलता है। बालासन व्यक्ति का अंदरुनी फोकस बढ़ाने के साथ
एनर्जी लेवल अच्छा बनाए रखने में भी मदद करता है। यह योगासन मानसिक
स्वास्थ्य बेहतर करने के साथ शरीर को रिलैक्स भी करता है। जिससे तनाव को
पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है।
बालासन करने के अन्य फायदे-
-डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद।
-छाती और फेफड़े खुलते हैं।
-लोअर बैक का दर्द दूर होता है।
-दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है।
-पेट दर्द में राहत।
-थकान और तनाव से छुटकारा।