भारत ने ग्यालसुंग परियोजना के लिए भूटान को 500 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की:

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थिंपू । भारत ने ग्यालसुंग परियोजना से संबंधित बुनियादी
ढांचे के विकास के लिए भूटान को 500 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की
है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  23 मार्च को भूटान की दो दिवसीय यात्रा
के दौरान भूटान को विकास परियोजनाओं के लिए समर्थन देने का आश्वासन दिया
था और अगले पांच वर्ष में इस हिमालयी राष्ट्र को दस हजार करोड़ रुपये
प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की थी।

दूसरी किस्त भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला ने भूटान के विदेश
मामलों और विदेश व्यापार मंत्री, ल्योनपो डी एन धुंगयेल को सौंपी। इस साल
28 जनवरी को 500 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई थी।

भारतीय दूतावास के एक बयान में कहा गया, ‘‘भारत को भूटान नरेश की एक
ऐतिहासिक पहल पर भूटान के साथ साझेदारी करने का मौका मिला है और इस
साझेदारी के तहत युवाओं और कौशल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही, भारत सरकार ने ग्यालसुंग परियोजना के
लिए रियायती वित्तपोषण व्यवस्था पर समझौता ज्ञापन के तहत भूटान सरकार को
कुल 1,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह वित्तपोषण भूटान सरकार को भारत सरकार की नियोजित सहायता के अतिरिक्त है।


थिंपू । भारत ने ग्यालसुंग परियोजना से संबंधित बुनियादी
ढांचे के विकास के लिए भूटान को 500 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की
है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  23 मार्च को भूटान की दो दिवसीय यात्रा
के दौरान भूटान को विकास परियोजनाओं के लिए समर्थन देने का आश्वासन दिया
था और अगले पांच वर्ष में इस हिमालयी राष्ट्र को दस हजार करोड़ रुपये
प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की थी।

दूसरी किस्त भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला ने भूटान के विदेश
मामलों और विदेश व्यापार मंत्री, ल्योनपो डी एन धुंगयेल को सौंपी। इस साल
28 जनवरी को 500 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई थी।

भारतीय दूतावास के एक बयान में कहा गया, ‘‘भारत को भूटान नरेश की एक
ऐतिहासिक पहल पर भूटान के साथ साझेदारी करने का मौका मिला है और इस
साझेदारी के तहत युवाओं और कौशल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही, भारत सरकार ने ग्यालसुंग परियोजना के
लिए रियायती वित्तपोषण व्यवस्था पर समझौता ज्ञापन के तहत भूटान सरकार को
कुल 1,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह वित्तपोषण भूटान सरकार को भारत सरकार की नियोजित सहायता के अतिरिक्त है।


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