Raipur :: प्रधानमंत्री के राजभवन में रुकने पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत किया:

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रायपुर/23 अप्रैल 2024। प्रधानमंत्री के राजभवन में रूकने पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत किया। शिकायत में कहा गया कि दिनांक 23 अप्रैल 2024 मंगलवार को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का रायपुर आगमन हो रहा है और उनका रात्रि विश्राम राजभवन में प्रस्तावित है जो कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल का निवास स्थान है। 

राज्य के संवैधानिक प्रमुख के निवास पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का रात्रि विश्राम करना सीधे-सीधे पूरे राज्य के मतदाताओं को और पूरी सरकारी मशीनरी को प्रभावित करेगा और यह निष्पक्ष चुनाव की परिस्थितियों को दूषित करेगा। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार होते हैं और उनकी सुरक्षा की आवश्यकताएं भी होती हैं जिन्हें हम सब बखूबी समझते हैं और उन्हें हर हालत में पूरा किया जाना चाहिए। 

लेकिन प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार प्रजातंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की मूलभूत बातों से ऊपर नहीं है। यदि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख के शासकीय निवास राजभवन में रूकते हैं तो इससे पूरे छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी। आखिर राज्यपाल ही तो निर्वाचन कार्य में लगी हुयी पूरी कार्यपालिका के प्रमुख हैं और इससे चुनावी कार्य में लगे सारे सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों की निष्पक्षता प्रभावित होगी और चुनाव का वातावरण सत्ताधारी दल के पक्ष में प्रदूषित किया जायेगा। 

यह निश्चित रूप से निष्पक्ष चुनाव की परिस्थितियों को प्रभावित करने की भाजपा की चाल है जिसका हम विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री के रात्रि विश्राम के लिए उनकी गरिमा और उनकी सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप राजभवन की जगह किसी और उपयुक्त और विधि विधान के अनुरूप स्थान में आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए शासन को निर्देशित करे। 

यह निष्पक्ष चुनाव के लिए आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है और निर्वाचन आयोग इस संबंध में तत्काल सर्वोच्च प्राथमिकता से निर्णय लेकर कार्यवाही करे यह निर्वाचन की निष्पक्षता के हित में होगा। पूर्व में जब-जब राज्य सरकार के  मुख्यमंत्री चुनावों के दौरान आचार संहिता लगी होने के बावजूद निर्वाचन आयोग की अनुमति से शासकीय विश्राम गृहों में रूकते रहें हैं तब-तब निर्वाचन आयोग के द्वारा नियुक्त निर्वाचन पर्यवेक्षकों ने वहां उपस्थित रहकर यह सुनिश्चित किया है कि वे किसी भी राजनैतिक या चुनाव कार्य से जुड़े शासकीय व्यक्ति से न मिले। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रवास के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी के विश्राम के लिए निर्धारित शासकीय परिसर में किसी भी राजनैतिक या चुनाव कार्य से जुड़े शासकीय व्यक्ति से प्रधानमंत्री मुलाकात न करे इसे भी निर्वाचन आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के प्रवास और रात्रि विश्राम का दुरूपयोग निष्पक्ष निर्वाचन को प्रभावित करने के लिए न किया जाए यह सुनिश्चित करने का हम बेहद विनय पूर्वक लेकिन उतनी ही दृढ़ता के साथ निवेदन करते हैं। 

यदि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है और वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख के निवास पर रूकते हैं तो इससे पूरे राज्य के चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी। यदि ऐसा होता है तो राज्य से भाजपा के एक भी लोकसभा सदस्य के निर्वाचित होने की स्थिति में मैं उसके निर्वाचन को चुनौती देने और न्यायहित में अदालत की शरण में जाने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता हूं। 

ज्ञापन सौपने वाले में प्रदेश कांग्रेस वार रूम अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग अध्यक्ष देवा देवांगन, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, वार रूम उपाध्यक्ष प्रवीण साहू, मीडिया कोऑर्डिनेटर परवेज अहमद, राम शंकर सोनकर उपस्थित थे। 


रायपुर/23 अप्रैल 2024। प्रधानमंत्री के राजभवन में रूकने पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत किया। शिकायत में कहा गया कि दिनांक 23 अप्रैल 2024 मंगलवार को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का रायपुर आगमन हो रहा है और उनका रात्रि विश्राम राजभवन में प्रस्तावित है जो कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल का निवास स्थान है। 

राज्य के संवैधानिक प्रमुख के निवास पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का रात्रि विश्राम करना सीधे-सीधे पूरे राज्य के मतदाताओं को और पूरी सरकारी मशीनरी को प्रभावित करेगा और यह निष्पक्ष चुनाव की परिस्थितियों को दूषित करेगा। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार होते हैं और उनकी सुरक्षा की आवश्यकताएं भी होती हैं जिन्हें हम सब बखूबी समझते हैं और उन्हें हर हालत में पूरा किया जाना चाहिए। 

लेकिन प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार प्रजातंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की मूलभूत बातों से ऊपर नहीं है। यदि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख के शासकीय निवास राजभवन में रूकते हैं तो इससे पूरे छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी। आखिर राज्यपाल ही तो निर्वाचन कार्य में लगी हुयी पूरी कार्यपालिका के प्रमुख हैं और इससे चुनावी कार्य में लगे सारे सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों की निष्पक्षता प्रभावित होगी और चुनाव का वातावरण सत्ताधारी दल के पक्ष में प्रदूषित किया जायेगा। 

यह निश्चित रूप से निष्पक्ष चुनाव की परिस्थितियों को प्रभावित करने की भाजपा की चाल है जिसका हम विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री के रात्रि विश्राम के लिए उनकी गरिमा और उनकी सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप राजभवन की जगह किसी और उपयुक्त और विधि विधान के अनुरूप स्थान में आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए शासन को निर्देशित करे। 

यह निष्पक्ष चुनाव के लिए आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है और निर्वाचन आयोग इस संबंध में तत्काल सर्वोच्च प्राथमिकता से निर्णय लेकर कार्यवाही करे यह निर्वाचन की निष्पक्षता के हित में होगा। पूर्व में जब-जब राज्य सरकार के  मुख्यमंत्री चुनावों के दौरान आचार संहिता लगी होने के बावजूद निर्वाचन आयोग की अनुमति से शासकीय विश्राम गृहों में रूकते रहें हैं तब-तब निर्वाचन आयोग के द्वारा नियुक्त निर्वाचन पर्यवेक्षकों ने वहां उपस्थित रहकर यह सुनिश्चित किया है कि वे किसी भी राजनैतिक या चुनाव कार्य से जुड़े शासकीय व्यक्ति से न मिले। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रवास के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी के विश्राम के लिए निर्धारित शासकीय परिसर में किसी भी राजनैतिक या चुनाव कार्य से जुड़े शासकीय व्यक्ति से प्रधानमंत्री मुलाकात न करे इसे भी निर्वाचन आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के प्रवास और रात्रि विश्राम का दुरूपयोग निष्पक्ष निर्वाचन को प्रभावित करने के लिए न किया जाए यह सुनिश्चित करने का हम बेहद विनय पूर्वक लेकिन उतनी ही दृढ़ता के साथ निवेदन करते हैं। 

यदि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है और वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख के निवास पर रूकते हैं तो इससे पूरे राज्य के चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी। यदि ऐसा होता है तो राज्य से भाजपा के एक भी लोकसभा सदस्य के निर्वाचित होने की स्थिति में मैं उसके निर्वाचन को चुनौती देने और न्यायहित में अदालत की शरण में जाने का अपना अधिकार सुरक्षित रखता हूं। 

ज्ञापन सौपने वाले में प्रदेश कांग्रेस वार रूम अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग अध्यक्ष देवा देवांगन, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, वार रूम उपाध्यक्ष प्रवीण साहू, मीडिया कोऑर्डिनेटर परवेज अहमद, राम शंकर सोनकर उपस्थित थे। 


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