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Bilaspur :: कलेक्टर अवनीश शरण ने पद्मश्री रामलाल बरेठ का किया अभिनंदन:

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बिलासपुर, 13 मई 2024/ कलेक्टर अवनीश शरण ने मंगला स्थित निवास पहुंचकर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कत्थक गुरू श्री रामलाल बरेठ का अभिनंदन किया। उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे जाने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु से नई दिल्ली में पुरस्कार ग्रहण करने के बाद श्री बरेठ बिलासपुर लौटे हैं। कलेक्टर ने बड़ी दिलचस्पी के साथ श्री बरेठ से चर्चा करते हुए उनकी कला यात्रा के बारे में जानकारी ली और बाल्यकाल से ही कठोर साधना एवं समर्पण के लिए खूब सराहना की। श्री बरेठ की मंशा के अनुरूप बिलासपुर में उनके शिष्य कलाकारों के सम्मेलन आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि रामलाल बरेठ को रायगढ़ कत्थक घराने को सहेजने और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 88 वर्षीय रामलाल बरेठ जाने माने कत्थक नर्तक हैं। वे राजा चक्रधर के दरबार रत्नों में से एक माने जाते हैं। रामलाल बरेठ ने राजा चक्रधर के सानिध्य में नृत्य की शिक्षा दीक्षा ली। उन्होंने बड़ी संख्या में कलाकारों को कत्थक नृत्य विधा से जोड़ा और उन्हें नृत्य में पारंगत किया। केन्द्र सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1996 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान से नवाजा जा चुका है। साल 2002 में उन्हें शिखर सम्मान भी मिल चुका है। वर्ष 2006 में छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें राजा चक्रधर सम्मान से सम्मानित किया। रामलाल बरेठ के बेटै भूपेन्द्र बरेठ भी कत्थक गुरू हैं।


बिलासपुर, 13 मई 2024/ कलेक्टर अवनीश शरण ने मंगला स्थित निवास पहुंचकर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कत्थक गुरू श्री रामलाल बरेठ का अभिनंदन किया। उन्होंने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजे जाने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु से नई दिल्ली में पुरस्कार ग्रहण करने के बाद श्री बरेठ बिलासपुर लौटे हैं। कलेक्टर ने बड़ी दिलचस्पी के साथ श्री बरेठ से चर्चा करते हुए उनकी कला यात्रा के बारे में जानकारी ली और बाल्यकाल से ही कठोर साधना एवं समर्पण के लिए खूब सराहना की। श्री बरेठ की मंशा के अनुरूप बिलासपुर में उनके शिष्य कलाकारों के सम्मेलन आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि रामलाल बरेठ को रायगढ़ कत्थक घराने को सहेजने और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 88 वर्षीय रामलाल बरेठ जाने माने कत्थक नर्तक हैं। वे राजा चक्रधर के दरबार रत्नों में से एक माने जाते हैं। रामलाल बरेठ ने राजा चक्रधर के सानिध्य में नृत्य की शिक्षा दीक्षा ली। उन्होंने बड़ी संख्या में कलाकारों को कत्थक नृत्य विधा से जोड़ा और उन्हें नृत्य में पारंगत किया। केन्द्र सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1996 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान से नवाजा जा चुका है। साल 2002 में उन्हें शिखर सम्मान भी मिल चुका है। वर्ष 2006 में छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें राजा चक्रधर सम्मान से सम्मानित किया। रामलाल बरेठ के बेटै भूपेन्द्र बरेठ भी कत्थक गुरू हैं।


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