नई दिल्ली:- लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाएंगे। इसके लिए एनडीए ने तैयारी शुरू कर दी है। इस तरह किंगमेकर बन चुके नीतीश कुमार और अन्य घटक दलों ने बीजेपी को असमंजस में डालना शुरू कर दिया है। चूंकि पिछले दो कार्यकालों में भाजपा बहुमत में थी, इसलिए सहयोगियों के पास उनके द्वारा दिए गए मंत्री पद लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अब दिन बदल गए हैं। अब सहयोगी दल सत्ता में बने रहने के लिए मंत्री पद मांग रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेता चुना गया, जिसने लोकसभा चुनाव में 293 सीटें जीतीं। बुधवार को दिल्ली में हुई इस बैठक में तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और यूनाइटेड जनता दल के नेता नीतीश कुमार समेत सभी घटक दलों के नेताओं ने एनडीए को समर्थन पत्र सौंपा। लिहाजा फैसले के बाद चंद्रबाबू और नीतीश कुमार की राजनीतिक भूमिका को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया।
अब नीतीश कुमार सत्ता में बड़ी हिस्सेदारी मिलने तक दिल्ली में डेरा डालने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने मंत्री पद बंटवारे को लेकर बीजेपी के सामने एक फॉर्मूला रखा है। इसके मुताबिक हर चार सांसदों पर एक कैबिनेट मंत्री मिलना चाहिए। इस हिसाब से जेडीयू के पास 12 सांसद हैं तो नीतीश कुमार तीन कैबिनेट मंत्री चाहते हैं।
उधर चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी में भी संकट शुरू हो गया है। उनके पास 16 सांसद हैं। इसके चलते टीडीपी लोकसभा अध्यक्ष पद, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और वित्त विभाग मांग सकती है। चूंकि बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई, इसलिए अब उसे इन दोनों की मांगों को पूरा करना होगा।
नई दिल्ली:- लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाएंगे। इसके लिए एनडीए ने तैयारी शुरू कर दी है। इस तरह किंगमेकर बन चुके नीतीश कुमार और अन्य घटक दलों ने बीजेपी को असमंजस में डालना शुरू कर दिया है। चूंकि पिछले दो कार्यकालों में भाजपा बहुमत में थी, इसलिए सहयोगियों के पास उनके द्वारा दिए गए मंत्री पद लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अब दिन बदल गए हैं। अब सहयोगी दल सत्ता में बने रहने के लिए मंत्री पद मांग रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेता चुना गया, जिसने लोकसभा चुनाव में 293 सीटें जीतीं। बुधवार को दिल्ली में हुई इस बैठक में तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और यूनाइटेड जनता दल के नेता नीतीश कुमार समेत सभी घटक दलों के नेताओं ने एनडीए को समर्थन पत्र सौंपा। लिहाजा फैसले के बाद चंद्रबाबू और नीतीश कुमार की राजनीतिक भूमिका को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया।
अब नीतीश कुमार सत्ता में बड़ी हिस्सेदारी मिलने तक दिल्ली में डेरा डालने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने मंत्री पद बंटवारे को लेकर बीजेपी के सामने एक फॉर्मूला रखा है। इसके मुताबिक हर चार सांसदों पर एक कैबिनेट मंत्री मिलना चाहिए। इस हिसाब से जेडीयू के पास 12 सांसद हैं तो नीतीश कुमार तीन कैबिनेट मंत्री चाहते हैं।
उधर चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी में भी संकट शुरू हो गया है। उनके पास 16 सांसद हैं। इसके चलते टीडीपी लोकसभा अध्यक्ष पद, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और वित्त विभाग मांग सकती है। चूंकि बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई, इसलिए अब उसे इन दोनों की मांगों को पूरा करना होगा।