असम: बाढ़ की चपेट में 3.9 लाख से अधिक लोग, 19 जिले प्रभावित, घर, सड़कें, पुल सभी क्षतिग्रस्त:

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असम में बाढ़ के कारण गंभीर स्थिति बनी हुई है। बाढ़ में लगभग 3.90 लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं। यही नहीं लगभग 19 जिले अभी भी बाढ़ के कारण प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण घर, सड़कें, पुल, मवेशी शेड तटबंध आदि क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से असम के कई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं। हालांकि कुछ क्षेत्रों में राहत मिली है, क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश कम हुई। लेकिन अभी भी लगभग 19 जिले प्रभावित हैं। 15,000 से अधिक लोगों को आश्रय देने वाले 100 से अधिक राहत शिविर खोले गए हैं, जबकि 125 अन्य राहत वितरण केंद्र भी काम कर रहे हैं। यही नहीं बाढ़ के कारण कई जिलों में घर, मवेशी शेड, सड़कें, पुल, तटबंध और अन्य बुनियादी ढांचे प्रभावित या क्षतिग्रस्त हुए हैं। शुक्रवार शाम तक की स्थिति यह थी कि कामरूप, तामुलपुर, हैलाकांडी, उदलगुरी, होजई, धुबरी, बारपेटा, विश्वनाथ, नलबाड़ी, बोंगाईगांव, बक्सा, करीमगंज, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, दरांग, बाजाली, नागांव, कछार और कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिलों में कुल मिलाकर 3,90,491 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वही बृहस्पतिवार को यह आंकड़ा 4.09 लाख था। प्रशासन की मानें तो बृहस्पतिवार से शुक्रवार को आंकड़ों में सुधार हुआ है, लेकिन प्रभावित इलाकों की संख्या में कमी नहीं आई है। अभी भी 19 जिले बाढ़ के प्रभाव में हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान की चपेट में आने अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। एक व्यक्ति लापता है। अधिकारियों के अनुसार करीमगंज सबसे अधिक प्रभावित जिला रहा है, जहां 2.40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। शुक्रवार शाम को मिली रिपोर्ट के अनुसार, खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली प्रमुख नदियों में कामपुर और धर्मतुल में कोपिली, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा शामिल हैं।


असम में बाढ़ के कारण गंभीर स्थिति बनी हुई है। बाढ़ में लगभग 3.90 लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं। यही नहीं लगभग 19 जिले अभी भी बाढ़ के कारण प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण घर, सड़कें, पुल, मवेशी शेड तटबंध आदि क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से असम के कई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं। हालांकि कुछ क्षेत्रों में राहत मिली है, क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश कम हुई। लेकिन अभी भी लगभग 19 जिले प्रभावित हैं। 15,000 से अधिक लोगों को आश्रय देने वाले 100 से अधिक राहत शिविर खोले गए हैं, जबकि 125 अन्य राहत वितरण केंद्र भी काम कर रहे हैं। यही नहीं बाढ़ के कारण कई जिलों में घर, मवेशी शेड, सड़कें, पुल, तटबंध और अन्य बुनियादी ढांचे प्रभावित या क्षतिग्रस्त हुए हैं। शुक्रवार शाम तक की स्थिति यह थी कि कामरूप, तामुलपुर, हैलाकांडी, उदलगुरी, होजई, धुबरी, बारपेटा, विश्वनाथ, नलबाड़ी, बोंगाईगांव, बक्सा, करीमगंज, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, दरांग, बाजाली, नागांव, कछार और कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिलों में कुल मिलाकर 3,90,491 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वही बृहस्पतिवार को यह आंकड़ा 4.09 लाख था। प्रशासन की मानें तो बृहस्पतिवार से शुक्रवार को आंकड़ों में सुधार हुआ है, लेकिन प्रभावित इलाकों की संख्या में कमी नहीं आई है। अभी भी 19 जिले बाढ़ के प्रभाव में हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान की चपेट में आने अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। एक व्यक्ति लापता है। अधिकारियों के अनुसार करीमगंज सबसे अधिक प्रभावित जिला रहा है, जहां 2.40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। शुक्रवार शाम को मिली रिपोर्ट के अनुसार, खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली प्रमुख नदियों में कामपुर और धर्मतुल में कोपिली, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा शामिल हैं।


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