अन्य post authorJournalist खबरीलाल Wednesday ,October 21,2020

कोरोना पर ऐसा क्या हुआ जो मोदी को 12 मिनट के संदेश में हाथ जोड़ने पड़े?:

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सात महीने
में सातवीं बार देश के नाम संदेश दिया। 12 मिनट सिर्फ कोरोना की बातें की।
हाथ जोड़कर लोगों से अपील की कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। आखिर
ऐसा क्या हुआ है, जो उन्हें यह करना पड़ा। इसे 5 पॉइंट्स में समझते हैं...


1. केरल में ओणम के बाद तेजी से बढ़े केस
क्या कहाः
मोदी
ने कहा कि हमने बहुत-सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि
कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। आप बिना
मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, बच्चों को,
बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।


क्यों कहाः केरल
ने शुरुआती दौर में काफी हद तक कोरोना को कंट्रोल कर लिया था। अगस्त में
ओणम में लापरवाही बरती गई। नतीजा यह हुआ कि सितंबर में एक्टिव पॉजिटिव केस
126% तक बढ़ गए थे। सितंबर अंत में केरल में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 13.6% था
जबकि नए केस बढ़ने की रफ्तार 3.5% प्रतिदिन यानी राष्ट्रीय औसत का दोगुना
था। बिहार समेत कई राज्यों से वीडियो आ रहे हैं जिनमें बड़ी संख्या में लोग
बिना मास्क के दिख रहे हैं। वहां भी केरल जैसे हालात बनने का खतरा बढ़ रहा
है। नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा और दीवाली में भी भीड़ से बचने की नसीहत
दे गए हैं मोदी।

2. यूरोप में दूसरी बार लॉकडाउन की तैयारी
क्या कहाः
मोदी
ने कहा, आप ध्यान रखिए कि आज अमेरिका हो या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन
देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे।
चिंताजनक वृद्धि हो रही है।


क्यों कहाः यूरोप
और अमेरिकी राज्य इस समय कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं।
इंफेक्शन रेट कम होने के बाद फिर पहले से ज्यादा खतरनाक ढंग से बढ़ने लगा
है। कुछ देशों में फिर लॉकडाउन लगाने की तैयारी चल रही है। इजरायल पहला देश
बन गया है जिसने तीन हफ्ते का सर्किट-ब्रेकर लागू किया है। इजरायल पहली
बार के मुकाबले इस बार अनलॉक की प्रक्रिया को धीमा कर रहा है। इसे पूरा
होने में एक साल तक लग सकता है। स्पेन के कैटालोनिया और नीदरलैंड्स में
दूसरा लॉकडाउन लगाया गया है। आयरलैंड में 6-हफ्ते का लॉकडाउन घोषित हुआ है।
ब्रिटेन में भी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।


3. फिलहाल भारत में हालात सुधर रहे हैं
क्या कहाः
हमें
ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8
महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति
में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है, और अधिक सुधार करना है।

क्यों कहाः कोरोना
इंफेक्शन के नए केस तेजी से कम हुए हैं। डेढ़ महीने में एक्टिव केस की
संख्या में 2 लाख से ज्यादा की कमी आई है। बुधवार को एक्टिव केस की संख्या
7.5 लाख से कम रही, जो सितंबर में 10 लाख का आंकड़ा पार कर गई थी। देश में
64% एक्टिव केस सिर्फ 6 राज्यों में हैं। इनमें 50% महाराष्ट्र, कर्नाटक और
केरल में हैं। बाकी के दूसरे राज्यों में हैं। 14 राज्यों और केंद्र शासित
प्रदेशों (UT) में डेथ रेट 1% से कम है। वहीं नेशनल डेथ रेट घटकर 1.51% हो
गया है।


4. सर्दियों में हालात और खराब हो सकते हैं
क्या कहाः
मोदी
ने कहा- संत कबीरदास जी कह गए हैं कि पकी खेती देखिके, गरब किया किसान।
अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान। कई बार हम पकी हुई फसल देखकर ही अति
आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि अब तो काम हो गया। लेकिन जब तक फसल घर न आ
जाए तब तक काम पूरा नहीं मानना चाहिए।

क्यों कहाः एक्सपर्ट
कह रहे हैं कि सर्दियों में प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल हो जाता
है। ऐसे में कोरोनावायरस की घातकता और बढ़ सकती है। जरूरी है कि जब तक पूरी
तरह से केस खत्म नहीं हो जाते, तब तक ढिलाई दी जाए।


5. दवा मिलने तक मास्क ही वैक्सीन है
क्या कहाः
मोदी
ने कहा- रामचरितमानस में कहा गया है- रिपु रुज पावक पाप, प्रभु अहि गनिअ न
छोट करि। यानी, आग, शत्रु, पाप यानी कि गलती और बीमारी, इन्हें कभी छोटा
नहीं समझना चाहिए। जब तक इनका पूरा इलाज न हो जाए, इन्हें हल्के में नहीं
लेना चाहिए। याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। त्योहारों का
समय हमारे जीवन में खुशियों का समय है, उल्लास का समय है।

क्यों कहाः इस
समय दुनिया में एक भी वैक्सीन ऐसा नहीं है जिसके ह्यूमन ट्रायल्स पूरे हो
गए हो और उन्हें अप्रूवल मिल गया हो। चीन के तीन वैक्सीन और रूस के एक
वैक्सीन को उनके देशों ने इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी है, लेकिन उनके भी
तीसरे और अंतिम फेज के ट्रायल्स चल रहे हैं। वहीं, भारत में भी तीन
वैक्सीन (कोवैक्सिन, कोवीशील्ड और जायडस कैडिला का वैक्सीन) के ह्यूमन
ट्रायल्स चल रहे हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि वैक्सीन के अप्रूवल के बाद भी
सभी तक उसे पहुंचाने में 2021 का पूरा साल लग सकता है। ऐसे में वैक्सीन के
आने तक मास्क ही वैक्सीन है।




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सात महीने
में सातवीं बार देश के नाम संदेश दिया। 12 मिनट सिर्फ कोरोना की बातें की।
हाथ जोड़कर लोगों से अपील की कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। आखिर
ऐसा क्या हुआ है, जो उन्हें यह करना पड़ा। इसे 5 पॉइंट्स में समझते हैं...


1. केरल में ओणम के बाद तेजी से बढ़े केस
क्या कहाः
मोदी
ने कहा कि हमने बहुत-सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि
कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। आप बिना
मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, बच्चों को,
बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।


क्यों कहाः केरल
ने शुरुआती दौर में काफी हद तक कोरोना को कंट्रोल कर लिया था। अगस्त में
ओणम में लापरवाही बरती गई। नतीजा यह हुआ कि सितंबर में एक्टिव पॉजिटिव केस
126% तक बढ़ गए थे। सितंबर अंत में केरल में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 13.6% था
जबकि नए केस बढ़ने की रफ्तार 3.5% प्रतिदिन यानी राष्ट्रीय औसत का दोगुना
था। बिहार समेत कई राज्यों से वीडियो आ रहे हैं जिनमें बड़ी संख्या में लोग
बिना मास्क के दिख रहे हैं। वहां भी केरल जैसे हालात बनने का खतरा बढ़ रहा
है। नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा और दीवाली में भी भीड़ से बचने की नसीहत
दे गए हैं मोदी।

2. यूरोप में दूसरी बार लॉकडाउन की तैयारी
क्या कहाः
मोदी
ने कहा, आप ध्यान रखिए कि आज अमेरिका हो या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन
देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे।
चिंताजनक वृद्धि हो रही है।


क्यों कहाः यूरोप
और अमेरिकी राज्य इस समय कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं।
इंफेक्शन रेट कम होने के बाद फिर पहले से ज्यादा खतरनाक ढंग से बढ़ने लगा
है। कुछ देशों में फिर लॉकडाउन लगाने की तैयारी चल रही है। इजरायल पहला देश
बन गया है जिसने तीन हफ्ते का सर्किट-ब्रेकर लागू किया है। इजरायल पहली
बार के मुकाबले इस बार अनलॉक की प्रक्रिया को धीमा कर रहा है। इसे पूरा
होने में एक साल तक लग सकता है। स्पेन के कैटालोनिया और नीदरलैंड्स में
दूसरा लॉकडाउन लगाया गया है। आयरलैंड में 6-हफ्ते का लॉकडाउन घोषित हुआ है।
ब्रिटेन में भी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।


3. फिलहाल भारत में हालात सुधर रहे हैं
क्या कहाः
हमें
ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8
महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति
में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है, और अधिक सुधार करना है।

क्यों कहाः कोरोना
इंफेक्शन के नए केस तेजी से कम हुए हैं। डेढ़ महीने में एक्टिव केस की
संख्या में 2 लाख से ज्यादा की कमी आई है। बुधवार को एक्टिव केस की संख्या
7.5 लाख से कम रही, जो सितंबर में 10 लाख का आंकड़ा पार कर गई थी। देश में
64% एक्टिव केस सिर्फ 6 राज्यों में हैं। इनमें 50% महाराष्ट्र, कर्नाटक और
केरल में हैं। बाकी के दूसरे राज्यों में हैं। 14 राज्यों और केंद्र शासित
प्रदेशों (UT) में डेथ रेट 1% से कम है। वहीं नेशनल डेथ रेट घटकर 1.51% हो
गया है।


4. सर्दियों में हालात और खराब हो सकते हैं
क्या कहाः
मोदी
ने कहा- संत कबीरदास जी कह गए हैं कि पकी खेती देखिके, गरब किया किसान।
अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान। कई बार हम पकी हुई फसल देखकर ही अति
आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि अब तो काम हो गया। लेकिन जब तक फसल घर न आ
जाए तब तक काम पूरा नहीं मानना चाहिए।

क्यों कहाः एक्सपर्ट
कह रहे हैं कि सर्दियों में प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल हो जाता
है। ऐसे में कोरोनावायरस की घातकता और बढ़ सकती है। जरूरी है कि जब तक पूरी
तरह से केस खत्म नहीं हो जाते, तब तक ढिलाई दी जाए।


5. दवा मिलने तक मास्क ही वैक्सीन है
क्या कहाः
मोदी
ने कहा- रामचरितमानस में कहा गया है- रिपु रुज पावक पाप, प्रभु अहि गनिअ न
छोट करि। यानी, आग, शत्रु, पाप यानी कि गलती और बीमारी, इन्हें कभी छोटा
नहीं समझना चाहिए। जब तक इनका पूरा इलाज न हो जाए, इन्हें हल्के में नहीं
लेना चाहिए। याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। त्योहारों का
समय हमारे जीवन में खुशियों का समय है, उल्लास का समय है।

क्यों कहाः इस
समय दुनिया में एक भी वैक्सीन ऐसा नहीं है जिसके ह्यूमन ट्रायल्स पूरे हो
गए हो और उन्हें अप्रूवल मिल गया हो। चीन के तीन वैक्सीन और रूस के एक
वैक्सीन को उनके देशों ने इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी है, लेकिन उनके भी
तीसरे और अंतिम फेज के ट्रायल्स चल रहे हैं। वहीं, भारत में भी तीन
वैक्सीन (कोवैक्सिन, कोवीशील्ड और जायडस कैडिला का वैक्सीन) के ह्यूमन
ट्रायल्स चल रहे हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि वैक्सीन के अप्रूवल के बाद भी
सभी तक उसे पहुंचाने में 2021 का पूरा साल लग सकता है। ऐसे में वैक्सीन के
आने तक मास्क ही वैक्सीन है।



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