दर्द से छुटकारा दिला सकती हैं 5 बरसों पुरानी ये घरेलू औषधियां:

post

दादी के घुटनों में उठते-बैठते वक्त अक्सर दर्द बना रहता था। ऐसे में मां तेल की मसाज से लेकर हल्दी और घी को दूध में मिलाकर उन्हें दिया करती थी। मां की रसोई में मौजूद ये सभी नुस्खे बेहद कारगर है, जो आज भी दर्द को चुटकियों में गायब कर देते हैं। हांलाकि इन दिनों पेन किलर (Pain killer) का प्रचलन तेज़ी से बढ़ा रहा है, जिसके चलते एक बड़ी आबादी को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (antibiotic resistance) का सामना करना पड़ रहा है। औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों के सेवन से न केवल शरीर को आराम मिलता है बल्कि साइड इफेक्ट का खतरा भी कम होने लगता है। जानते हैं मां की रसोई में मौजूद वो चीजें जो दर्द को दूर करने में होती हैं कारगर साबित।

दर्द जागरुकता माह -

पेन अवेयरनेस मंथ की शुरूआत अमेरिकन क्रॉनिक पेन एसोसिएशन  की ओर से साल 2001 में की गई थी। सालाना सितंबर में मनाए जाने वाले इस अवेयरनेस मंथ का मकसद लोगों को दर्द और उसके इलाज की जानकारी देना है ताकि वो क्रॉनिक रूप धारण न कर सके। इस साल मनाए जाने वाले इस अवेयरनेस मंथ की थीम सॉल्व पेन टूगेदर  है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और कई अन्य संस्थानों में सेमिना और कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों में जागरूकता पैदा की जाती है।

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2016 के अनुसार दर्द मुख्य रूप से पीठ के निचले हिस्से, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गर्दन और माइग्रेन के कारण  बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव, कैंसर, मधुमेह और अल्जाइमर रोग में ये गंभीर रूप धारण कर लेता है।

दर्द के कितने प्रकार होते हैं -

इस बारे में नैचुरोपैथ अनिल बंसल बताते हैं कि कई कारणों से होने वाला दर्द दो तरह का होता है, एक एक्यूट और दूसरा क्रॉनिक पेन (Causes of chronic pain) । एक्यूट पेन अल्पकाल यानि कुछ घंटों से दिनों तक रहता है। उसके बाद ठीक हो जाता है। मगर क्रॉनिक पेन उस स्थिति को कहते है, जो लंबे वक्त तक बनी रहती है, जैसे कमर में दर्द  घुटनों में दर्द और अन्य पेन। दर्द को दूर करने के लिए हल्दी का दूध (turmeric milk benefits) में मिलाकर पीने, मसाज, और सिकाई कारगर उपाय है। इसके अलावा सूजन को दूर करने के लिए ठंडी सिकाई (cold compress benefits) भी फायदेमंद साबित होती है। लगातार बढ़ने वाला दर्द शारीरिक समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है।

दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय -

1. हर्बल चाय, लहसुन और हल्दी

दर्द दूर करने के लिए लहसुन को दूध में उबालकर पीने से फायदा मिलता है। रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द और मसल्स पेन को कम करने के लिए 1 कप दूध में चुटकी भर हल्दी, लहसुन, छुआरा और एक चौथाई चम्मच हर्बल चाय को उबाल लें। अब इसे छालकर पीएं, जिससे दर्द की समस्या दूर होने लगती है।

2. ज्वार के आटे का सेवन करें

नैचुरोपैथ अनिल बंसल बताते हैं कि ज्वार के आटे में एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते है। इससे शरीर में रहने वाली दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है। दर्द को दूर करने के लिए ज्वार के आटे का रोस्ट कर लें। उसके बाद उस आटे से रोटी बनाकर खाएं। इसके अलावा ज्वार के आटे में पाई जाने वाली फाइबर की मात्रा डाइजेशन को बूस्ट करती है।

3. हॉट व कोल्ड क्रप्रैंस

टांगों और कंधों की मांसपेशियों में होने वाले के दूर करने के लिए गर्म सिकाई करें। इससे मसल्स को गर्माहट मिलती है और ब्लड वेसल्स रिलैक्स होने लगती हैं। इसके अलावा जोड़ों में मौजूद ल्यूब्रिकेशन में भी सुधार आने लगता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है और दर्द कम होने लगता है। वहीं कोल्ड कंप्रैस यानि ठंडी सिकाई से मांसपेशियों में मौजूद सूजन को कम किया जा सकता है।

4. सॉल्ट बाथ

पैरों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए सॉल्ट बाथ की मदद लें। इसके लिए बाल्टी को गुनगुने पानी से आधा भर लें और उसमें आधा कप एप्सम सॉल्ट डालें। अब इसमें 10 से 15 मिनट तक पैरों को भिगोकर रखें। इससे मसल्स रिलैक्स होते हैं और दर्द कम होने लगता है।

5. जायफल के तेल से करें मसाज

अधिकतर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए मसाज की मदद लेते है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है और मांसपेशियों को आराम मिलने लगता है। जायफल के तेल से मसाज करने से शरी में बढ़ने वाली सूजन को भी कम किया जा सकता है। जायफल के तेल को नारियल के तेल में बराबर मात्रा में मिलाकर लगाएं। इसे घुटनों, पैरों, पीठ, बाजूओं और कंधों में होने वाले दर्द को दूर करने में मदद मिलती है।


दादी के घुटनों में उठते-बैठते वक्त अक्सर दर्द बना रहता था। ऐसे में मां तेल की मसाज से लेकर हल्दी और घी को दूध में मिलाकर उन्हें दिया करती थी। मां की रसोई में मौजूद ये सभी नुस्खे बेहद कारगर है, जो आज भी दर्द को चुटकियों में गायब कर देते हैं। हांलाकि इन दिनों पेन किलर (Pain killer) का प्रचलन तेज़ी से बढ़ा रहा है, जिसके चलते एक बड़ी आबादी को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (antibiotic resistance) का सामना करना पड़ रहा है। औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों के सेवन से न केवल शरीर को आराम मिलता है बल्कि साइड इफेक्ट का खतरा भी कम होने लगता है। जानते हैं मां की रसोई में मौजूद वो चीजें जो दर्द को दूर करने में होती हैं कारगर साबित।

दर्द जागरुकता माह -

पेन अवेयरनेस मंथ की शुरूआत अमेरिकन क्रॉनिक पेन एसोसिएशन  की ओर से साल 2001 में की गई थी। सालाना सितंबर में मनाए जाने वाले इस अवेयरनेस मंथ का मकसद लोगों को दर्द और उसके इलाज की जानकारी देना है ताकि वो क्रॉनिक रूप धारण न कर सके। इस साल मनाए जाने वाले इस अवेयरनेस मंथ की थीम सॉल्व पेन टूगेदर  है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और कई अन्य संस्थानों में सेमिना और कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों में जागरूकता पैदा की जाती है।

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2016 के अनुसार दर्द मुख्य रूप से पीठ के निचले हिस्से, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गर्दन और माइग्रेन के कारण  बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव, कैंसर, मधुमेह और अल्जाइमर रोग में ये गंभीर रूप धारण कर लेता है।

दर्द के कितने प्रकार होते हैं -

इस बारे में नैचुरोपैथ अनिल बंसल बताते हैं कि कई कारणों से होने वाला दर्द दो तरह का होता है, एक एक्यूट और दूसरा क्रॉनिक पेन (Causes of chronic pain) । एक्यूट पेन अल्पकाल यानि कुछ घंटों से दिनों तक रहता है। उसके बाद ठीक हो जाता है। मगर क्रॉनिक पेन उस स्थिति को कहते है, जो लंबे वक्त तक बनी रहती है, जैसे कमर में दर्द  घुटनों में दर्द और अन्य पेन। दर्द को दूर करने के लिए हल्दी का दूध (turmeric milk benefits) में मिलाकर पीने, मसाज, और सिकाई कारगर उपाय है। इसके अलावा सूजन को दूर करने के लिए ठंडी सिकाई (cold compress benefits) भी फायदेमंद साबित होती है। लगातार बढ़ने वाला दर्द शारीरिक समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है।

दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय -

1. हर्बल चाय, लहसुन और हल्दी

दर्द दूर करने के लिए लहसुन को दूध में उबालकर पीने से फायदा मिलता है। रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द और मसल्स पेन को कम करने के लिए 1 कप दूध में चुटकी भर हल्दी, लहसुन, छुआरा और एक चौथाई चम्मच हर्बल चाय को उबाल लें। अब इसे छालकर पीएं, जिससे दर्द की समस्या दूर होने लगती है।

2. ज्वार के आटे का सेवन करें

नैचुरोपैथ अनिल बंसल बताते हैं कि ज्वार के आटे में एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते है। इससे शरीर में रहने वाली दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है। दर्द को दूर करने के लिए ज्वार के आटे का रोस्ट कर लें। उसके बाद उस आटे से रोटी बनाकर खाएं। इसके अलावा ज्वार के आटे में पाई जाने वाली फाइबर की मात्रा डाइजेशन को बूस्ट करती है।

3. हॉट व कोल्ड क्रप्रैंस

टांगों और कंधों की मांसपेशियों में होने वाले के दूर करने के लिए गर्म सिकाई करें। इससे मसल्स को गर्माहट मिलती है और ब्लड वेसल्स रिलैक्स होने लगती हैं। इसके अलावा जोड़ों में मौजूद ल्यूब्रिकेशन में भी सुधार आने लगता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में मदद मिलती है और दर्द कम होने लगता है। वहीं कोल्ड कंप्रैस यानि ठंडी सिकाई से मांसपेशियों में मौजूद सूजन को कम किया जा सकता है।

4. सॉल्ट बाथ

पैरों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए सॉल्ट बाथ की मदद लें। इसके लिए बाल्टी को गुनगुने पानी से आधा भर लें और उसमें आधा कप एप्सम सॉल्ट डालें। अब इसमें 10 से 15 मिनट तक पैरों को भिगोकर रखें। इससे मसल्स रिलैक्स होते हैं और दर्द कम होने लगता है।

5. जायफल के तेल से करें मसाज

अधिकतर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए मसाज की मदद लेते है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है और मांसपेशियों को आराम मिलने लगता है। जायफल के तेल से मसाज करने से शरी में बढ़ने वाली सूजन को भी कम किया जा सकता है। जायफल के तेल को नारियल के तेल में बराबर मात्रा में मिलाकर लगाएं। इसे घुटनों, पैरों, पीठ, बाजूओं और कंधों में होने वाले दर्द को दूर करने में मदद मिलती है।


...
...
...
...
...
...
...
...