बंजारी मंदिर में शेर भी आकर टेकते थे माता के चरणों में माथा:

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छिंदवाड़ा/सौंसर। सतपुड़ा की सुरम्य वादियों और
औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सौसर तहसील मुख्यालय से 16 किलोमीटर
की दूर स्थित बंजारी माता मंदिर का भव्य मंदिर भक्तों को अपनी ओर श्रद्धा
भाव से आकर्षित करता है। नवरात्र के पावन पर्व पर यह मंदिर और परिसर आस्था
और श्रद्धा का केंद्र बन गया है, क्षेत्र के अलावा बड़ी संख्या में
महाराष्ट्र से माता के भक्तों आकर यहां पर मां के दर्शन करते हैं।

कहा
जाता है कि पूर्व में मां बंजारी के दर्शन के लिए अक्सर यहां पर शेर भी
आकर माथा टेकते थे, इस मार्ग पर बंजारा जाति के लोगों का अधिक आना जाना लगा
रहता था, इनके द्वारा यहां पर घाटी प्रारंभ होने के पूर्व देवी मां की
स्थापना की गई है। जिसके चलते इस स्थान का नाम बंजारी माता मंदिर पड़ गया,
नागपुर छिंदवाड़ा मुख्य मार्ग पर होने और मंदिर के बाद में ही घाटी प्रारंभ
होती है, इस मार्ग से गुजरने वाले सभी भक्तगण वाहन चालक माता के दर्शन के
लिए यहां पर रुक कर पहले माता के चरणों में माथा टेकते हैं, और फिर आगे की
ओर बढ़ते हैं, यहीं सतपुड़ा की घाटी शुरू होती है।


छोटे से मंदिर से हुआ भव्य मंदिर का निर्माण

पूर्व
में यहां पर बंजारी माई का छोटा सा मंदिर हुआ करता था, परंतु निरंतर माता
भक्तों की तादाद बढ़ती गई और दानदाताओं के सहयोग से यहां पर बंजारी माता
मंदिर ट्रस्ट कमेटी के द्वारा वर्तमान में मंदिर का भव्य निर्माण किया गया
है, साथ ही यहां पर आने वाले भक्तों के लिए महाप्रसाद हवन ज्योति कलश
स्थापना रुकने की व्यवस्था सभागृह आदि की कमेटी की ओर से व्यवस्था की गई
है।

बंजारी माता मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोरेश्वर धुर्वे ने बताया कि पूर्व में
मंदिर जर्जर अवस्था में था, परंतु दानदाताओं के सहयोग से और माता के
आशीर्वाद से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है, बंजारों के द्वारा स्थापित
मां आदिशक्ति की यह मूर्ति है, कहा जाता है कि माता बंजारी के दरबार में
नवरात्र के दौरान सतपुड़ा के जंगलों से आकर शेर भी माता के चरणों में माथा
टेक कर आशीर्वाद प्राप्त करते थे, वर्तमान में भी इस मार्ग से गुजरने वाला
हर वाहन चालक पहले मां बंजारी के दर्शन करता है, नवरात्र में बंजारी माता
से मांगी गई मुरादे अवश्य पूरी होती है।

नवरात्र के दौरान हर वर्ष यहां पर नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जाता है,
परंतु वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते
हुए नवरात्र महोत्सव किया जा रहा है, बंजारी माता मंदिर ट्रस्ट कमेटी की ओर
से सभी लोगों की ओर से मनोकामना कलश की स्थापना भी की गई है, जिसमें
प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे आरती, मां दुर्गा पाठ माता के भजन आज ही किए जा रहे
है




छिंदवाड़ा/सौंसर। सतपुड़ा की सुरम्य वादियों और
औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सौसर तहसील मुख्यालय से 16 किलोमीटर
की दूर स्थित बंजारी माता मंदिर का भव्य मंदिर भक्तों को अपनी ओर श्रद्धा
भाव से आकर्षित करता है। नवरात्र के पावन पर्व पर यह मंदिर और परिसर आस्था
और श्रद्धा का केंद्र बन गया है, क्षेत्र के अलावा बड़ी संख्या में
महाराष्ट्र से माता के भक्तों आकर यहां पर मां के दर्शन करते हैं।

कहा
जाता है कि पूर्व में मां बंजारी के दर्शन के लिए अक्सर यहां पर शेर भी
आकर माथा टेकते थे, इस मार्ग पर बंजारा जाति के लोगों का अधिक आना जाना लगा
रहता था, इनके द्वारा यहां पर घाटी प्रारंभ होने के पूर्व देवी मां की
स्थापना की गई है। जिसके चलते इस स्थान का नाम बंजारी माता मंदिर पड़ गया,
नागपुर छिंदवाड़ा मुख्य मार्ग पर होने और मंदिर के बाद में ही घाटी प्रारंभ
होती है, इस मार्ग से गुजरने वाले सभी भक्तगण वाहन चालक माता के दर्शन के
लिए यहां पर रुक कर पहले माता के चरणों में माथा टेकते हैं, और फिर आगे की
ओर बढ़ते हैं, यहीं सतपुड़ा की घाटी शुरू होती है।


छोटे से मंदिर से हुआ भव्य मंदिर का निर्माण

पूर्व
में यहां पर बंजारी माई का छोटा सा मंदिर हुआ करता था, परंतु निरंतर माता
भक्तों की तादाद बढ़ती गई और दानदाताओं के सहयोग से यहां पर बंजारी माता
मंदिर ट्रस्ट कमेटी के द्वारा वर्तमान में मंदिर का भव्य निर्माण किया गया
है, साथ ही यहां पर आने वाले भक्तों के लिए महाप्रसाद हवन ज्योति कलश
स्थापना रुकने की व्यवस्था सभागृह आदि की कमेटी की ओर से व्यवस्था की गई
है।

बंजारी माता मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोरेश्वर धुर्वे ने बताया कि पूर्व में
मंदिर जर्जर अवस्था में था, परंतु दानदाताओं के सहयोग से और माता के
आशीर्वाद से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है, बंजारों के द्वारा स्थापित
मां आदिशक्ति की यह मूर्ति है, कहा जाता है कि माता बंजारी के दरबार में
नवरात्र के दौरान सतपुड़ा के जंगलों से आकर शेर भी माता के चरणों में माथा
टेक कर आशीर्वाद प्राप्त करते थे, वर्तमान में भी इस मार्ग से गुजरने वाला
हर वाहन चालक पहले मां बंजारी के दर्शन करता है, नवरात्र में बंजारी माता
से मांगी गई मुरादे अवश्य पूरी होती है।

नवरात्र के दौरान हर वर्ष यहां पर नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जाता है,
परंतु वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते
हुए नवरात्र महोत्सव किया जा रहा है, बंजारी माता मंदिर ट्रस्ट कमेटी की ओर
से सभी लोगों की ओर से मनोकामना कलश की स्थापना भी की गई है, जिसमें
प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे आरती, मां दुर्गा पाठ माता के भजन आज ही किए जा रहे
है



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