अन्य post authorJournalist खबरीलाल Saturday ,November 07,2020

अर्नब गोस्वामी का हाईकोर्ट में दावा- पुलिस ने जूते से मारा, पानी तक नहीं पीने दिया:

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मुंबई रिपब्लिक ग्रुप के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। अर्नब के वकील ने आज कोर्ट में सप्लीमेंट्री एप्लिकेशन लगाई। इसमें अर्नब ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा। पानी तक नहीं पीने दिया। अर्नब ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट होने का दावा भी किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जूते पहनने तक का समय नहीं दिया।

अर्नब को मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय और उनकी मां को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। वे 18 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए जमानत अर्जी पर फैसले से पहले उन्हें जेल नहीं भेजा गया। पिछली 3 रातों में उन्हें अलीबाग के एक स्कूल में बने कोविड सेंटर में रखा गया था।



कंगना ने कहा- ये लड़ाई सिर्फ अर्नब की या मेरी नहीं, पूरे देश की है
मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने और उद्धव ठाकरे को नेपोटिज्म का खराब प्रोडक्ट बताने वाली कंगना रनोट ने 2 मिनट का वीडियो ट्विटर पर शेयर कर कहा, "ये लड़ाई सिर्फ अर्नब की या मेरी नहीं है, यह लड़ाई सभ्यता की है, भारतवर्ष की है।"

अर्नब केस में शुक्रवार को कोर्ट में क्या हुआ?

    अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, आमतौर पर जमानत के लिए पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट फिर सेशन कोर्ट में अर्जी देनी होती है। जमानत न मिले तो हाईकोर्ट में अपील की जाती है। कोर्ट ने उन्हें तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका अधूरी है।
    हाईकोर्ट चाहता है कि अर्नब पर जिस अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है, उसकी पत्नी अक्षता और महाराष्ट्र सरकार की बात भी सुन ली जाए। कोर्ट ने अर्नब से कहा कि अपनी अर्जी में अक्षता को भी शामिल करें। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अक्षता और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दलीलें क्यों नहीं रखी गईं?
    अर्नब के वकील हरीश साल्वे ने कहा, 'हाईकोर्ट को जमानत आवेदन पर सुनवाई का विशेष अधिकार है। उनके क्लाइंट की आजादी दांव पर है। राज्य सरकार उन्हें परेशान करना चाहती है, क्योंकि उन्होंने अपने चैनल पर राज्य सरकार से सवाल पूछे थे।

विशेषाधिकार हनन के मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे की आलोचना करने की वजह से अर्नब के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी किया गया था। विधानसभा सचिव ने अर्नब काे चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नाेटिस काेर्ट काे नहीं बताने की चेतावनी दी थी। इस चिट्ठी के सिलसिले में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने महाराष्ट्र विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है।



अमित शाह बोले- प्रेस की आजादी रोकी नहीं जा सकती
अर्नब की गिरफ्तारी पर गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कोलकाता में कहा, "प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला सही नहीं है। प्रेस की आजादी को किसी भी पार्टी या सरकार को रोकना नहीं चाहिए, लेकिन कांग्रेस की इमरजेंसी के समय से ऐसी संस्कृति रही है। हम इसके खिलाफ हैं।"





मुंबई रिपब्लिक ग्रुप के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। अर्नब के वकील ने आज कोर्ट में सप्लीमेंट्री एप्लिकेशन लगाई। इसमें अर्नब ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा। पानी तक नहीं पीने दिया। अर्नब ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट होने का दावा भी किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जूते पहनने तक का समय नहीं दिया।

अर्नब को मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय और उनकी मां को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। वे 18 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए जमानत अर्जी पर फैसले से पहले उन्हें जेल नहीं भेजा गया। पिछली 3 रातों में उन्हें अलीबाग के एक स्कूल में बने कोविड सेंटर में रखा गया था।



कंगना ने कहा- ये लड़ाई सिर्फ अर्नब की या मेरी नहीं, पूरे देश की है
मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने और उद्धव ठाकरे को नेपोटिज्म का खराब प्रोडक्ट बताने वाली कंगना रनोट ने 2 मिनट का वीडियो ट्विटर पर शेयर कर कहा, "ये लड़ाई सिर्फ अर्नब की या मेरी नहीं है, यह लड़ाई सभ्यता की है, भारतवर्ष की है।"

अर्नब केस में शुक्रवार को कोर्ट में क्या हुआ?

    अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हुई। हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, आमतौर पर जमानत के लिए पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट फिर सेशन कोर्ट में अर्जी देनी होती है। जमानत न मिले तो हाईकोर्ट में अपील की जाती है। कोर्ट ने उन्हें तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका अधूरी है।
    हाईकोर्ट चाहता है कि अर्नब पर जिस अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है, उसकी पत्नी अक्षता और महाराष्ट्र सरकार की बात भी सुन ली जाए। कोर्ट ने अर्नब से कहा कि अपनी अर्जी में अक्षता को भी शामिल करें। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अक्षता और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दलीलें क्यों नहीं रखी गईं?
    अर्नब के वकील हरीश साल्वे ने कहा, 'हाईकोर्ट को जमानत आवेदन पर सुनवाई का विशेष अधिकार है। उनके क्लाइंट की आजादी दांव पर है। राज्य सरकार उन्हें परेशान करना चाहती है, क्योंकि उन्होंने अपने चैनल पर राज्य सरकार से सवाल पूछे थे।

विशेषाधिकार हनन के मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे की आलोचना करने की वजह से अर्नब के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी किया गया था। विधानसभा सचिव ने अर्नब काे चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नाेटिस काेर्ट काे नहीं बताने की चेतावनी दी थी। इस चिट्ठी के सिलसिले में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने महाराष्ट्र विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है।



अमित शाह बोले- प्रेस की आजादी रोकी नहीं जा सकती
अर्नब की गिरफ्तारी पर गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कोलकाता में कहा, "प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला सही नहीं है। प्रेस की आजादी को किसी भी पार्टी या सरकार को रोकना नहीं चाहिए, लेकिन कांग्रेस की इमरजेंसी के समय से ऐसी संस्कृति रही है। हम इसके खिलाफ हैं।"



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