रायपुर में आंखों से जुड़ा एक स्पेशल केयर सेंटर शुरू किया गया है। अब तक जिला अस्पताल पंडरी कैंपस में चल रहे नेत्र विभाग को माना के सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। अब यहां लोगों को ओटी और ओपीडी सेवा का फायदा मिलेगा। यहां 150 बेड के अस्पताल में, 3 नेत्र रोग विशेषज्ञ, 4 नेत्र सहायक अधिकारी, 2 नर्सिंग स्टाफ और 2 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
सी.एम.एच.ओ डॉ मीरा बघेल ने बताया कि शासकीय सिविल अस्पताल माना नेत्र रोग में अपनी सेवाएं देगा। यहां अब आंखों का ईलाज शुरू कर दिया गया है। 16 फरवरी को यहां 2 मोतिया बिंद के ऑपरेशन भी किए गए है। भविष्य में केस बढ़ने के लिए टीम तैयार है, मरीज यहां बेझिझक आकर नि:शुल्क ऑपरेशन करवा सकते हैं।
अस्पताल जाने पर ये साथ लेकर जाएं
डॉ मीरा ने कहा कि अस्पताल जाने से पहले कुछ जरूरी सामान अपने साथ ले जाए, जिससे 3 दिन रुकने में उन्हें परेशानी न हो। ऑपरेशन के 4 दिन बाद मरीज को हम छुट्टी दे देते हैं। मरीज अपने साथ यदि कोई दवा चल रही हो बीपी-शुगर की, तो दवा और पर्ची साथ में रखें और पानी बोतल ग्लास, गर्म कपड़े। प्रतिदिन पहनने वाले कपड़े अपने साथ ले के जाएं।
मरीज को 3 दिन रोकने पर प्रथम दिन मरीज की जांच, दूसरे दिन ऑपरेशन, तीसरे दिन आंखों में दवाई तथा चौथे दिन डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इस दौरान मरीज को निःशुल्क भोजन और दवा भी दी जाती है।
रायपुर में आंखों से जुड़ा एक स्पेशल केयर सेंटर शुरू किया गया है। अब तक जिला अस्पताल पंडरी कैंपस में चल रहे नेत्र विभाग को माना के सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। अब यहां लोगों को ओटी और ओपीडी सेवा का फायदा मिलेगा। यहां 150 बेड के अस्पताल में, 3 नेत्र रोग विशेषज्ञ, 4 नेत्र सहायक अधिकारी, 2 नर्सिंग स्टाफ और 2 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
सी.एम.एच.ओ डॉ मीरा बघेल ने बताया कि शासकीय सिविल अस्पताल माना नेत्र रोग में अपनी सेवाएं देगा। यहां अब आंखों का ईलाज शुरू कर दिया गया है। 16 फरवरी को यहां 2 मोतिया बिंद के ऑपरेशन भी किए गए है। भविष्य में केस बढ़ने के लिए टीम तैयार है, मरीज यहां बेझिझक आकर नि:शुल्क ऑपरेशन करवा सकते हैं।
अस्पताल जाने पर ये साथ लेकर जाएं
डॉ मीरा ने कहा कि अस्पताल जाने से पहले कुछ जरूरी सामान अपने साथ ले जाए, जिससे 3 दिन रुकने में उन्हें परेशानी न हो। ऑपरेशन के 4 दिन बाद मरीज को हम छुट्टी दे देते हैं। मरीज अपने साथ यदि कोई दवा चल रही हो बीपी-शुगर की, तो दवा और पर्ची साथ में रखें और पानी बोतल ग्लास, गर्म कपड़े। प्रतिदिन पहनने वाले कपड़े अपने साथ ले के जाएं।
मरीज को 3 दिन रोकने पर प्रथम दिन मरीज की जांच, दूसरे दिन ऑपरेशन, तीसरे दिन आंखों में दवाई तथा चौथे दिन डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इस दौरान मरीज को निःशुल्क भोजन और दवा भी दी जाती है।