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पसंद का साथी नहीं मिलने के बाद भी क्यों शादीशुदा रिश्ते में बने रहना चाहते हैं लोग?:

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इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जब हम किसी से शादी करते हैं, उसके साथ न केवल अपनी आने वाली जिंदगी के बहुत सारे सपने सजाते हैं बल्कि हमारा पार्टनर रोमांटिक होगा ऐसा विश्वास भी बना रहता है। हां, वो बात अलग है कि जब हमें पता चलता है कि हम एक ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में है, जिसके लिए प्यार में पड़ना कोई विकल्प नहीं है, तो यह भावना अंदर तक झकझोर कर रख देती है। इस दौरान न केवल मन में भावनाओं का तूफान उठता है बल्कि न चाहते हुए भी हमें उस इंसान के साथ रिश्ता निभाना पड़ता है।


हालांकि, सोचने वाली बात यह है कि रिश्ते में रहते हुए भी जब दो लोगों को प्यार का अहसास ही नहीं है, तो उसके बाद भी वह साथ रहने को मजबूर क्यों होते हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं कि प्यार के बिना किसी रिश्ते में रहना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन जिन शादियों में प्यार नहीं होता, वहां पति-पत्नी रोमांटिक प्रेमी के बजाए रूममेट्स की तरह व्यवहार करते हैं। इस दौरान कपल्स के बीच न केवल अलगाव-आक्रोश और निराशा की भावना जन्म लेती है बल्कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप उनके लिए क्या फील करते हैं। हालांकि, यह कल्चर अरेंज मैरिजेस में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। (सभी फोटोज-Istock)

बहुत से कपल्स बिन प्यार वाली शादी में इसलिए भी बने रहते हैं ताकि उनकी वजह से उनके परिवार वालों को तकलीफ न हो। उनके ऊपर न केवल घर चलाने की जिम्मेदारी होती है बल्कि वह अपनी खुशियों का त्याग कर अपनों को खुश देखना चाहते हैं। लव मैरिज में ऐसा न के बराबर ही देखने को मिलता है। लेकिन भारत में अभी भी बहुत सी अरेंज मैरिज इसी तरह चल रही हैं। ऐसी शादी में दो लोग कहने को तो पति-पत्नी होते हैं, लेकिन उनके बीच प्यार जैसा कुछ नहीं होता।


बहुत से लोग इस वजह से भी अपने रिश्ते को खत्म नहीं करते हैं कि कहीं उन्हें अकेला रहना न पड़ जाए। अगर उनकी शादी टूट गई, तो वह अपने आगे का जीवन किस तरह बसर करेंगे। मर्दों के मुकाबले यह स्थिति महिलाओं के साथ ज्यादा देखने को मिलती है। वह अकेले रहने के बजाए काॅम्प्रोमाइज करके अपने रिश्ते को आगे बढ़ाती हैं। हालांकि, ऐसा करने की एक वजह फाइनेंशियल सिक्योरिटी भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिंदगी चलाने के लिए स्टेबिलिटी का होना बहुत जरूरी है। (सोर्स - नवभारत टाइम्स)


इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जब हम किसी से शादी करते हैं, उसके साथ न केवल अपनी आने वाली जिंदगी के बहुत सारे सपने सजाते हैं बल्कि हमारा पार्टनर रोमांटिक होगा ऐसा विश्वास भी बना रहता है। हां, वो बात अलग है कि जब हमें पता चलता है कि हम एक ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में है, जिसके लिए प्यार में पड़ना कोई विकल्प नहीं है, तो यह भावना अंदर तक झकझोर कर रख देती है। इस दौरान न केवल मन में भावनाओं का तूफान उठता है बल्कि न चाहते हुए भी हमें उस इंसान के साथ रिश्ता निभाना पड़ता है।


हालांकि, सोचने वाली बात यह है कि रिश्ते में रहते हुए भी जब दो लोगों को प्यार का अहसास ही नहीं है, तो उसके बाद भी वह साथ रहने को मजबूर क्यों होते हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं कि प्यार के बिना किसी रिश्ते में रहना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन जिन शादियों में प्यार नहीं होता, वहां पति-पत्नी रोमांटिक प्रेमी के बजाए रूममेट्स की तरह व्यवहार करते हैं। इस दौरान कपल्स के बीच न केवल अलगाव-आक्रोश और निराशा की भावना जन्म लेती है बल्कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप उनके लिए क्या फील करते हैं। हालांकि, यह कल्चर अरेंज मैरिजेस में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। (सभी फोटोज-Istock)

बहुत से कपल्स बिन प्यार वाली शादी में इसलिए भी बने रहते हैं ताकि उनकी वजह से उनके परिवार वालों को तकलीफ न हो। उनके ऊपर न केवल घर चलाने की जिम्मेदारी होती है बल्कि वह अपनी खुशियों का त्याग कर अपनों को खुश देखना चाहते हैं। लव मैरिज में ऐसा न के बराबर ही देखने को मिलता है। लेकिन भारत में अभी भी बहुत सी अरेंज मैरिज इसी तरह चल रही हैं। ऐसी शादी में दो लोग कहने को तो पति-पत्नी होते हैं, लेकिन उनके बीच प्यार जैसा कुछ नहीं होता।


बहुत से लोग इस वजह से भी अपने रिश्ते को खत्म नहीं करते हैं कि कहीं उन्हें अकेला रहना न पड़ जाए। अगर उनकी शादी टूट गई, तो वह अपने आगे का जीवन किस तरह बसर करेंगे। मर्दों के मुकाबले यह स्थिति महिलाओं के साथ ज्यादा देखने को मिलती है। वह अकेले रहने के बजाए काॅम्प्रोमाइज करके अपने रिश्ते को आगे बढ़ाती हैं। हालांकि, ऐसा करने की एक वजह फाइनेंशियल सिक्योरिटी भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिंदगी चलाने के लिए स्टेबिलिटी का होना बहुत जरूरी है। (सोर्स - नवभारत टाइम्स)


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