कीव. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को
रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया,जिससे पूर्व और
पश्चिम के बीच तनाव और बढ़ गया है। देश में रूसी सैनिकों और यूक्रेनी सेना
के बीच घमासान जारी है, ऐसे में यूक्रेन के नेता रूस के साथ बातचीत करने के
लिए सहमत हो गए हैं।
रूस की सेना और टैंक यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस आए हैं और राजधानी के
आसपास पहुंच गए हैं। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के ‘‘ आक्रामक
बयान’’ और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पुतिन ने रूस के परमाणु
हथियारों को तैयार रखने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। इससे आक्रमण
के परमाणु युद्ध में तब्दील होने की आशंका पैदा हो गई है..।
अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर
बताया, ‘‘रूसी नेता ऐसे बलों को तैयार रहने को कह रहे हैं,और अगर थोड़ी सी
भी चूक हुई तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती हैं।’’ पुतिन का यह निर्देश
ऐसे समय में आया है, जब रूसी सेना को यूक्रेन से कड़े मुकाबले का सामना करना
पड़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना ??है कि देशभर में रूसी बलों के
आगे बढ़Þने के बावजूद रूस की कल्पना की तुलना में आक्रमण अधिक कठिन तथा धीमा
रहा है, हालांकि समय के साथ हालात बदल सकते हैं।
बढ़ते तनाव के बीच, पश्चिमी देशों का कहना है कि वे रूस पर प्रतिबंधों को
और कड़ा करेंगे तथा यूक्रेन के लिए हथियार खरीदेंगे और उसकी आपूर्ति
करेंगे, जिसमें हेलीकॉप्टर तथा अन्य विमानों को मार गिराने वाली ‘ंिस्टगर
मिसाइल’ शामिल हैं। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने
बेलारूस की सीमा पर किसी स्थान पर रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की योजना
की घोषणा की है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक कहां होगी, कब होगी और न ही यह कि सीमा
पर संभावित वार्ता में युद्ध को लेकर अंतत: रूस की क्या मांग है। पश्चिमी
देशों के अधिकारियों का मानना ??है कि पुतिन, यूक्रेन की सरकार को बेदखल
करना चाहते हैं और वहां खुद का शासन चाहते हैं।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के दो प्रमुख निकाय, 193 सदस्यीय महासभा और अधिक
शक्तिशाली 15-सदस्यीय सुरक्षा परिषद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर सोमवार को
अलग-अलग बैठकें करेंगे।
कीव. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को
रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया,जिससे पूर्व और
पश्चिम के बीच तनाव और बढ़ गया है। देश में रूसी सैनिकों और यूक्रेनी सेना
के बीच घमासान जारी है, ऐसे में यूक्रेन के नेता रूस के साथ बातचीत करने के
लिए सहमत हो गए हैं।
रूस की सेना और टैंक यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस आए हैं और राजधानी के
आसपास पहुंच गए हैं। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के ‘‘ आक्रामक
बयान’’ और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पुतिन ने रूस के परमाणु
हथियारों को तैयार रखने के संबंध में एक आदेश जारी किया है। इससे आक्रमण
के परमाणु युद्ध में तब्दील होने की आशंका पैदा हो गई है..।
अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर
बताया, ‘‘रूसी नेता ऐसे बलों को तैयार रहने को कह रहे हैं,और अगर थोड़ी सी
भी चूक हुई तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती हैं।’’ पुतिन का यह निर्देश
ऐसे समय में आया है, जब रूसी सेना को यूक्रेन से कड़े मुकाबले का सामना करना
पड़ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना ??है कि देशभर में रूसी बलों के
आगे बढ़Þने के बावजूद रूस की कल्पना की तुलना में आक्रमण अधिक कठिन तथा धीमा
रहा है, हालांकि समय के साथ हालात बदल सकते हैं।
बढ़ते तनाव के बीच, पश्चिमी देशों का कहना है कि वे रूस पर प्रतिबंधों को
और कड़ा करेंगे तथा यूक्रेन के लिए हथियार खरीदेंगे और उसकी आपूर्ति
करेंगे, जिसमें हेलीकॉप्टर तथा अन्य विमानों को मार गिराने वाली ‘ंिस्टगर
मिसाइल’ शामिल हैं। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने
बेलारूस की सीमा पर किसी स्थान पर रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की योजना
की घोषणा की है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बैठक कहां होगी, कब होगी और न ही यह कि सीमा
पर संभावित वार्ता में युद्ध को लेकर अंतत: रूस की क्या मांग है। पश्चिमी
देशों के अधिकारियों का मानना ??है कि पुतिन, यूक्रेन की सरकार को बेदखल
करना चाहते हैं और वहां खुद का शासन चाहते हैं।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के दो प्रमुख निकाय, 193 सदस्यीय महासभा और अधिक
शक्तिशाली 15-सदस्यीय सुरक्षा परिषद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर सोमवार को
अलग-अलग बैठकें करेंगे।