रायगढ़ । रायगढ़ जिले के नगर पंचायत लैलूंगा की प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्रीमती ममता चौधरी को डस्टबिन खरीदी में अनियमितताओं के आरोपों के प्रमाणित होने पर निलंबित कर दिया गया है। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वर्ष 2016-17 में डस्टबिन खरीदी में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
शासन के आदेशानुसार, श्रीमती चौधरी के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई थी, जिसमें उनसे ₹6,15,751 की वसूली का निर्णय लिया गया था और उनकी दो वेतन वृद्धि रोक दी गई थी। लेकिन, नगर पंचायत लैलूंगा में पदस्थापना के दौरान उन्होंने इस आदेश की अवहेलना करते हुए अपने वेतन से उक्त राशि की कटौती नहीं की, बल्कि मार्च 2024 से जुलाई 2024 तक पूरा वेतन आहरित कर लिया।
इसके अलावा, 27 सितंबर 2024 को आयोजित समीक्षा बैठक में उनके द्वारा आय-व्यय की गलत जानकारी प्रस्तुत करने, अगस्त 2024 से कर्मचारियों का वेतन न देने, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्देशों की अनदेखी करने और निर्माण कार्यों में प्रगति न होने की भी शिकायतें मिलीं।
इन गंभीर आरोपों और आदेशों की अवहेलना के चलते श्रीमती चौधरी का निलंबन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा और नगरपालिका सेवा नियमों के तहत किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय बिलासपुर स्थित संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास कार्यालय में होगा, और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
रायगढ़ । रायगढ़ जिले के नगर पंचायत लैलूंगा की प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्रीमती ममता चौधरी को डस्टबिन खरीदी में अनियमितताओं के आरोपों के प्रमाणित होने पर निलंबित कर दिया गया है। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वर्ष 2016-17 में डस्टबिन खरीदी में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
शासन के आदेशानुसार, श्रीमती चौधरी के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई थी, जिसमें उनसे ₹6,15,751 की वसूली का निर्णय लिया गया था और उनकी दो वेतन वृद्धि रोक दी गई थी। लेकिन, नगर पंचायत लैलूंगा में पदस्थापना के दौरान उन्होंने इस आदेश की अवहेलना करते हुए अपने वेतन से उक्त राशि की कटौती नहीं की, बल्कि मार्च 2024 से जुलाई 2024 तक पूरा वेतन आहरित कर लिया।
इसके अलावा, 27 सितंबर 2024 को आयोजित समीक्षा बैठक में उनके द्वारा आय-व्यय की गलत जानकारी प्रस्तुत करने, अगस्त 2024 से कर्मचारियों का वेतन न देने, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्देशों की अनदेखी करने और निर्माण कार्यों में प्रगति न होने की भी शिकायतें मिलीं।
इन गंभीर आरोपों और आदेशों की अवहेलना के चलते श्रीमती चौधरी का निलंबन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा और नगरपालिका सेवा नियमों के तहत किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय बिलासपुर स्थित संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास कार्यालय में होगा, और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।