बलिया. जिले की एक अदालत ने उभांव थाना क्षेत्र के
बिल्थरारोड कस्बे में एक दलित युवक की तकरीबन सात साल पहले हुई हत्या के
बाद पुलिस पर हुए जानलेवा हमले के मामले में दर्ज मुकदमे को वापस लेने की
अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष के अनुसार उभांव थाना क्षेत्र के
बिल्थरारोड कस्बे में चार अगस्त 2015 को नीरज नामक 22 वर्षीय दलित युवक की
हत्या कर दी गयी थी। इस घटना के अगले दिन एक वर्ग विशेष के उपासना स्थल में
आगजनी तथा तोड़फोड़ की गयी थी। साथ ही हत्या के विरोध में बिल्थरारोड कस्बे
के बस स्टैंड के पास आवागमन बाधित कर दिया गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों
ने जब जाम को समाप्त कराने की कोशिश की तो आंदोलनकारियों ने उग्र होकर
पथराव शुरू कर दिया। इस घटना में पुलिस उपाधीक्षक लक्षी राम यादव समेत अनेक
पुलिस कर्मी घायल हो गये थे। इस मामले में थाना प्रभारी नन्हे राम सरोज की
शिकायत पर 44 नामजद व 220 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया
था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने मुकदमे की सुनवाई कर रहे अपर जिला
न्यायाधीश हुसैन अहमद अंसारी की अदालत में 23 जुलाई 2021 को अर्जी दाखिल की
कि प्रदेश शासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के अंतर्गत अभियोग
वापस लेने का निर्णय किया है। उन्होंने अर्जी के जरिये अभियोग वापस लेने की
अनुमति मांगी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुकदमा वापस लेने की
अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने गत 22 फरवरी को यह फैसला दिया जिसकी प्रति
सोमवार को उपलब्ध हुयी।
बलिया. जिले की एक अदालत ने उभांव थाना क्षेत्र के
बिल्थरारोड कस्बे में एक दलित युवक की तकरीबन सात साल पहले हुई हत्या के
बाद पुलिस पर हुए जानलेवा हमले के मामले में दर्ज मुकदमे को वापस लेने की
अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष के अनुसार उभांव थाना क्षेत्र के
बिल्थरारोड कस्बे में चार अगस्त 2015 को नीरज नामक 22 वर्षीय दलित युवक की
हत्या कर दी गयी थी। इस घटना के अगले दिन एक वर्ग विशेष के उपासना स्थल में
आगजनी तथा तोड़फोड़ की गयी थी। साथ ही हत्या के विरोध में बिल्थरारोड कस्बे
के बस स्टैंड के पास आवागमन बाधित कर दिया गया था।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों
ने जब जाम को समाप्त कराने की कोशिश की तो आंदोलनकारियों ने उग्र होकर
पथराव शुरू कर दिया। इस घटना में पुलिस उपाधीक्षक लक्षी राम यादव समेत अनेक
पुलिस कर्मी घायल हो गये थे। इस मामले में थाना प्रभारी नन्हे राम सरोज की
शिकायत पर 44 नामजद व 220 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया
था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने मुकदमे की सुनवाई कर रहे अपर जिला
न्यायाधीश हुसैन अहमद अंसारी की अदालत में 23 जुलाई 2021 को अर्जी दाखिल की
कि प्रदेश शासन ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के अंतर्गत अभियोग
वापस लेने का निर्णय किया है। उन्होंने अर्जी के जरिये अभियोग वापस लेने की
अनुमति मांगी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुकदमा वापस लेने की
अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने गत 22 फरवरी को यह फैसला दिया जिसकी प्रति
सोमवार को उपलब्ध हुयी।