जगदलपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बस्तर जिले के ग्राम आसना स्थित वन विभाग के पार्क में बनाए गए बस्तर जनजातीय जीवन चित्रण का अवलोकन किया। आसना पहुंचकर उन्होंने स्वसहायता समूहों की महिलाओं से मुलाकात की और स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया।
इस दौरान धुरवा पारा पहुंचने पर बस्तर के जनजातीय परंपरा के अनुरूप राज्यपाल उइके का आत्मीय स्वागत किया गया। राज्यपाल ने महिलाओं से चर्चा के दौरान उनके द्वारा संचालित आजीविकामूलक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन किया और बस्तर के पारंपरिक व्यंजनों जैसे तिखूर पाक, चापा लड्डू, महुआ लड्डू, उड़द बड़ा, कुल्थी पपीते की सब्जी का स्वाद चखा। राज्यपाल उइके ने सभी व्यंजनों की खूब प्रशंसा की।
उन्होंने प्रशासन द्वारा महिलाओं के उद्यमिता विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। बस्तरिया व्यंजनों को तैयार करने वाली महिलाओं को राज्यपाल ने राजभवन भी आमंत्रित किया। उन्होंने यहां बसने वाली विभिन्न जनजातीय समुदाय की जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए बनाए गए इस परिकल्पना की सराहना की।
जगदलपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने बस्तर जिले के ग्राम आसना स्थित वन विभाग के पार्क में बनाए गए बस्तर जनजातीय जीवन चित्रण का अवलोकन किया। आसना पहुंचकर उन्होंने स्वसहायता समूहों की महिलाओं से मुलाकात की और स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया।
इस दौरान धुरवा पारा पहुंचने पर बस्तर के जनजातीय परंपरा के अनुरूप राज्यपाल उइके का आत्मीय स्वागत किया गया। राज्यपाल ने महिलाओं से चर्चा के दौरान उनके द्वारा संचालित आजीविकामूलक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन किया और बस्तर के पारंपरिक व्यंजनों जैसे तिखूर पाक, चापा लड्डू, महुआ लड्डू, उड़द बड़ा, कुल्थी पपीते की सब्जी का स्वाद चखा। राज्यपाल उइके ने सभी व्यंजनों की खूब प्रशंसा की।
उन्होंने प्रशासन द्वारा महिलाओं के उद्यमिता विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। बस्तरिया व्यंजनों को तैयार करने वाली महिलाओं को राज्यपाल ने राजभवन भी आमंत्रित किया। उन्होंने यहां बसने वाली विभिन्न जनजातीय समुदाय की जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए बनाए गए इस परिकल्पना की सराहना की।