महासमुन्द। छत्तीसगढ़ के महासमुंद
के सीआरपीफ जवान के घर उस वक्त मातम पसर गया जब होली मनाने घर आए जवान की
सड़क हादसे में मौत हो गई। 38 वर्षीय जवान मनमीत सिंह रामगढ़िया शहर के इमली
भाठा वार्ड 10 के रहने वाले थे। शुक्रवार को बेमचा परसदा के पास सड़क
दुर्घटना में निधन हो गया। शनिवार को मुक्तिधाम में सिख परम्परानुरूप अंतिम
संस्कार किया गया। वे होली मनान घर आए थे और दोपहर गाड़ाघाट नहाने जा रहे थे। उनकी
दुपहिया पास के पान ठेले पर टकराई, सिर पर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो
गई। वे सी 188 बटालियन सीआरपीएफ मुख्यालय कोंडागांव में सिपाही के तौर पर
नियुक्त व रायपुर में पदस्थ थे। शनिवार को बटालियन के अधिकारियों ने उन्हें
अंतिम सलामी दी।
जवान मनमीत के पिता परपुर सिंह रामगढ़िया का निधन 15 साल पहले हुआ है,
एकलौता मनमीत मां का सहारा था। छह साल पहले मनमीत की शादी हुई। उनकी पांच
साल की बिटिया है। त्योहार के दिन निधन की ख़बर से परिवार, मोहल्ले और
दोस्तो में शोक की लहर फैल गई। दोपहर
बाद से क्षेत्र में त्योहार का माहौल एकदम शांत हो गया। खुशी का माहौल
गमगीन हो गया। मनमीत के दोस्त कुणाल रंगारी ने बताया कि मनमीत शुक्रवार
सुबह साढ़े नौ बजे पहुचा। यहां घर परिवार के बाद दोपहर एक बजे तक दोस्तो के
साथ रंग गुलाल खेला। मिला जुला। बाद सभी अपने घर चले गए। मनमीत कुछ लोगों
के साथ अलग अलग बाइक पर गाड़ाघाट नहाने निकले। बाद दोपहर निधन की ख़बर आई।
महासमुन्द। छत्तीसगढ़ के महासमुंद
के सीआरपीफ जवान के घर उस वक्त मातम पसर गया जब होली मनाने घर आए जवान की
सड़क हादसे में मौत हो गई। 38 वर्षीय जवान मनमीत सिंह रामगढ़िया शहर के इमली
भाठा वार्ड 10 के रहने वाले थे। शुक्रवार को बेमचा परसदा के पास सड़क
दुर्घटना में निधन हो गया। शनिवार को मुक्तिधाम में सिख परम्परानुरूप अंतिम
संस्कार किया गया। वे होली मनान घर आए थे और दोपहर गाड़ाघाट नहाने जा रहे थे। उनकी
दुपहिया पास के पान ठेले पर टकराई, सिर पर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो
गई। वे सी 188 बटालियन सीआरपीएफ मुख्यालय कोंडागांव में सिपाही के तौर पर
नियुक्त व रायपुर में पदस्थ थे। शनिवार को बटालियन के अधिकारियों ने उन्हें
अंतिम सलामी दी।
जवान मनमीत के पिता परपुर सिंह रामगढ़िया का निधन 15 साल पहले हुआ है,
एकलौता मनमीत मां का सहारा था। छह साल पहले मनमीत की शादी हुई। उनकी पांच
साल की बिटिया है। त्योहार के दिन निधन की ख़बर से परिवार, मोहल्ले और
दोस्तो में शोक की लहर फैल गई। दोपहर
बाद से क्षेत्र में त्योहार का माहौल एकदम शांत हो गया। खुशी का माहौल
गमगीन हो गया। मनमीत के दोस्त कुणाल रंगारी ने बताया कि मनमीत शुक्रवार
सुबह साढ़े नौ बजे पहुचा। यहां घर परिवार के बाद दोपहर एक बजे तक दोस्तो के
साथ रंग गुलाल खेला। मिला जुला। बाद सभी अपने घर चले गए। मनमीत कुछ लोगों
के साथ अलग अलग बाइक पर गाड़ाघाट नहाने निकले। बाद दोपहर निधन की ख़बर आई।