गर्मियों
के सीजन में सत्तू (Sattu powder in hindi) का सेवन काफी ज्यादा किया जाता
है। खासतौर पर बिहार राज्य में आपको हर एक कोने में सत्तू का शरबत बहुत ही
आसानी से मिल सकता है। हालांकि, देश के अन्य राज्यों में भी इसकी चलन बढ़ा
है। आजकल देश के कई हिस्सों में सत्तू का सेवन किया जा रहा है। अधिकतर लोग
चने के सत्तू के बारे में जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गेंहू के सत्तू
का सेवन किया है? जी हां, गेहूं का सत्तू भी चने के सत्तू की तरह स्वादिष्ट
और पोषण से भरा होता है। हालांकि, चने का सत्तू बाजार में आसानी से मिल
जाता है। लेकिन गेहूं का सत्तू मिलना काफी मुश्किल है। लेकिन आप परेशान न
हों। आज हम इस लेख में गेंहू और चने की सत्तू के बीच अंतर, सत्तू के फायदे
और गेहूं का सत्तू बनाने की विधि के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं चने
और गेहूं का सत्तू बनाने की विधि और इसके फायदे ( Sattu Powder benefits
)-
चने और गेहूं के सत्तू के बीच अंतर और फायदे
चने
का सत्तू चने से तैयार किया जाता है। ऐसे में यह प्रोटीन, कैल्शियम,
विटामिन ए, जिंक, आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। वहीं, गेहूं का
सत्तू गेहूं को भुनकर तैयार किया जाता है। ऐसे में यह फाइबर, जिंक,
कैल्शियम, आयोडाइड, मैग्नीशियम, मैग्नीज, पोटैशियम इत्यादि पोषक तत्वों से
भरपूर होता है।
चने के सत्तू का इस्तेमाल शरबत, लिट्टी जैसे कई तरह
के डिशेज को तैयार करने के लिए किया जाता है। वहीं, गेहूं के सत्तू का सेवन
पंजीरी या फिर पानी में आटे की तरह घोलकर किया जाता है। कुछ लोग इसमें
चीनी मिलाकर खाना पसंद करते हैं। वहीं, कुछ लोग बच्चों को गेहूं का सत्तू
खिलाते हैं।
जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी होती है, उन्हें गेहूं का
सत्तू न खाने की सलाह दी जाती है। वहीं, चने का सत्तू इस तरह के लोग आसानी
से खा सकते हैं।
चने के सत्तू का सेवन आप प्रोटीन पाउडर के रूप में कर सकते हैं। वहीं,
फाइबर युक्त आहार के लिए आप गेेहूं के सत्तू का सेवन कर सकते हैं।
चने
का सत्तू पेट फूलना, गैस, बदहमी जैसी परेशानी को दूर करने में लाभकारी है।
वहीं, गेंहू का सत्तू भी फााइबर से भरपूर होता है। ऐसे में वजन घटाने के
लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं।
यह दोनों ही सत्तू स्वास्थ्य के लिए
फायदेमंद होता है। इसलिए दोनों के लिए यह कहना मुश्किल है कि कौन सा अधिक
फायदेमंद है। हालांकि, यह बात आपके शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है।
गेहूं का सत्तू बनाने की विधि
गेहूं
का सत्तू तैयार करने के लिए 1 कटोरी गेहूं लें। अब इसे गैस पर अच्छी तरह
से भुनें। जब गेहूं अच्छी तरह से भुन जाए, तो इसे ठंडा होने के लिए छोड़
दें। इसके बाद जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे ग्राइंडर या फिर हाथ की चक्की की
मदद से अच्छी तरह पीस लें। लीजिए आपका गेहूं का सत्तू तैयार है। आप इसे
तरह-तरह के डिशेज में यूज कर सकते हैं।
चने का सत्तू बनाने की विधि
चने
का सत्तू भी आप गेहूं के सत्तू की तरह तैयार कर सकते हैं। इसके लिए जरूरत
के अनुसार साबुत चना लें। अब इसे अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद इसे पानी
में भिगोकर रख दें। जब चना पानी सोख ले, तो इससे पानी से निकालकर धूप में
सूखने के लिए छोड़ दें। चना सूखने के बाद इसे अच्छी तरह से भुन लें। इसके
बाद इसमें थोड़ा सा नमक और जीरा मिक्स करके भुनें। चना जब अच्छी तरह से भुन
जाए, तो इसे गैस से उतार लें। इसके बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें। जब
चने ठंडे हो जाए, तो इसे ग्राइंडर की मदद से पीस लें। लीजिए चने का सत्तू
तैयार है। अब आप इससे तरह-तरह के डिशेज तैयार कर सकते हैं।
गर्मियों
के सीजन में सत्तू (Sattu powder in hindi) का सेवन काफी ज्यादा किया जाता
है। खासतौर पर बिहार राज्य में आपको हर एक कोने में सत्तू का शरबत बहुत ही
आसानी से मिल सकता है। हालांकि, देश के अन्य राज्यों में भी इसकी चलन बढ़ा
है। आजकल देश के कई हिस्सों में सत्तू का सेवन किया जा रहा है। अधिकतर लोग
चने के सत्तू के बारे में जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गेंहू के सत्तू
का सेवन किया है? जी हां, गेहूं का सत्तू भी चने के सत्तू की तरह स्वादिष्ट
और पोषण से भरा होता है। हालांकि, चने का सत्तू बाजार में आसानी से मिल
जाता है। लेकिन गेहूं का सत्तू मिलना काफी मुश्किल है। लेकिन आप परेशान न
हों। आज हम इस लेख में गेंहू और चने की सत्तू के बीच अंतर, सत्तू के फायदे
और गेहूं का सत्तू बनाने की विधि के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं चने
और गेहूं का सत्तू बनाने की विधि और इसके फायदे ( Sattu Powder benefits
)-
चने और गेहूं के सत्तू के बीच अंतर और फायदे
चने
का सत्तू चने से तैयार किया जाता है। ऐसे में यह प्रोटीन, कैल्शियम,
विटामिन ए, जिंक, आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। वहीं, गेहूं का
सत्तू गेहूं को भुनकर तैयार किया जाता है। ऐसे में यह फाइबर, जिंक,
कैल्शियम, आयोडाइड, मैग्नीशियम, मैग्नीज, पोटैशियम इत्यादि पोषक तत्वों से
भरपूर होता है।
चने के सत्तू का इस्तेमाल शरबत, लिट्टी जैसे कई तरह
के डिशेज को तैयार करने के लिए किया जाता है। वहीं, गेहूं के सत्तू का सेवन
पंजीरी या फिर पानी में आटे की तरह घोलकर किया जाता है। कुछ लोग इसमें
चीनी मिलाकर खाना पसंद करते हैं। वहीं, कुछ लोग बच्चों को गेहूं का सत्तू
खिलाते हैं।
जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी होती है, उन्हें गेहूं का
सत्तू न खाने की सलाह दी जाती है। वहीं, चने का सत्तू इस तरह के लोग आसानी
से खा सकते हैं।
चने के सत्तू का सेवन आप प्रोटीन पाउडर के रूप में कर सकते हैं। वहीं,
फाइबर युक्त आहार के लिए आप गेेहूं के सत्तू का सेवन कर सकते हैं।
चने
का सत्तू पेट फूलना, गैस, बदहमी जैसी परेशानी को दूर करने में लाभकारी है।
वहीं, गेंहू का सत्तू भी फााइबर से भरपूर होता है। ऐसे में वजन घटाने के
लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं।
यह दोनों ही सत्तू स्वास्थ्य के लिए
फायदेमंद होता है। इसलिए दोनों के लिए यह कहना मुश्किल है कि कौन सा अधिक
फायदेमंद है। हालांकि, यह बात आपके शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है।
गेहूं का सत्तू बनाने की विधि
गेहूं
का सत्तू तैयार करने के लिए 1 कटोरी गेहूं लें। अब इसे गैस पर अच्छी तरह
से भुनें। जब गेहूं अच्छी तरह से भुन जाए, तो इसे ठंडा होने के लिए छोड़
दें। इसके बाद जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे ग्राइंडर या फिर हाथ की चक्की की
मदद से अच्छी तरह पीस लें। लीजिए आपका गेहूं का सत्तू तैयार है। आप इसे
तरह-तरह के डिशेज में यूज कर सकते हैं।
चने का सत्तू बनाने की विधि
चने
का सत्तू भी आप गेहूं के सत्तू की तरह तैयार कर सकते हैं। इसके लिए जरूरत
के अनुसार साबुत चना लें। अब इसे अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद इसे पानी
में भिगोकर रख दें। जब चना पानी सोख ले, तो इससे पानी से निकालकर धूप में
सूखने के लिए छोड़ दें। चना सूखने के बाद इसे अच्छी तरह से भुन लें। इसके
बाद इसमें थोड़ा सा नमक और जीरा मिक्स करके भुनें। चना जब अच्छी तरह से भुन
जाए, तो इसे गैस से उतार लें। इसके बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें। जब
चने ठंडे हो जाए, तो इसे ग्राइंडर की मदद से पीस लें। लीजिए चने का सत्तू
तैयार है। अब आप इससे तरह-तरह के डिशेज तैयार कर सकते हैं।