नयी दिल्ली. सरकार ने वाहनों की ‘फिटेनस’ की जांच
के लिए एक स्वचालित जांच केंद्र स्थापित करने के लिए अर्हता में कुछ संशोधन
करने का रविवार को प्रस्ताव किया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक
बयान में कहा कि इसने ‘‘स्वचालित जांच केंद्रों की मान्यता, नियमन एवं
नियंत्रण’’ के लिए नियमों में कुछ खास संशोधन करने को लेकर 25 मार्च 2022
को एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी। इसे इससे पहले 23 सितंबर 2021 को
प्रकाशित किया गया था।
बयान में कहा गया है, ‘‘ये मसौदा नियम इन पहलुओं में संशोधन करने का
प्रस्ताव करते हैं–इन केंद्रों की स्थापना के लिए अर्हता, जांच के नतीजों
को उपकरण से सर्वर में स्वचालित रूप से प्रेषित करने, एक राज्य में पंजीकृत
वाहनों को दूसरे राज्य में जांच योग्य बनाना और एक वाहन को उपयोग लायक
नहीं घोषित करने के लिए मानदंड। ’’ स्वचालित जांच केंद्र (एटीएस) किसी वाहन
की फिटनेस का पता लगाने के लिए विभिन्न जरूरी जांच को स्वचालित तरीके से
करने में मशीनी उपकरण का उपयोग करते हैं।
बयान के मुताबिक कुछ नये उपकरण इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए जोड़े
गये हैं। इसमें कहा गया है कि अधिसूचना सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया और
सुझाव के लिए 30 दिनों तक लोगों के बीच उपलब्ध रहेगी। सरकार की योजना एटीएस
के जरिये वाहनों की फिटनेस जांच को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य करने की है,
जिसकी शुरूआत अगले साल अप्रैल से होगी। मसौदा अधिसूचना के मुताबिक, भारी
माल वाहक वाहन और भारी यात्री मोटर वाहन के लिए एटीएस के जरिये फिटनेस जांच
एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य हो जाएगा। मध्यम माल वाहक वाहन एवं मध्यम
यात्री वाहन और हल्के मोटर वाहन (परिवहन) के लिए फिटनेस जांच एक जून 2024
से अनिवार्य किया जाएगा। वहीं, वाहन कबाड़ नीति एक अप्रैल 2022 से प्रभावी
होगी।