वांशिगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हिंद-प्रशांत रणनीति में सहयोग के लिए 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रस्ताव
पेश किया साथ ही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन के आक्रामक
बर्ताव से मुकाबला करने के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर का एक अन्य प्रस्ताव
सोमवार को पेश किया। अमेरिका, भारत और कई विश्व शक्तियां इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य
गतिविधियों के मद्देनजर एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत
सुनिश्चित करने पर जोर दे रही हैं।
बाइडन ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत में,
अमेरिका अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है और लंबे समय से सहयोगियों तथा
भागीदारों के साथ अपने सहयोग का विस्तार कर रहा है, जिसमें नए राजनयिक,
रक्षा तथा सुरक्षा, महत्वपूर्ण एवं उभरती हुई प्रौद्योगिकी, आपूर्ति
श्रृंखला और जलवायु एवं वैश्विक स्वास्थ्य पहल शामिल हैं। इसके साथ ही,
हमारे यूरोपीय और हिंद प्रशांत सहयोगियों के बीच मजबूत संबंधों का समर्थन
भी किया जा रहा है।’’ व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ने चीन के साथ
रणनीतिक प्रतिस्पर्धा
को प्राथमिकता दी है। चीन और रूस की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए अपने
सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर काम किया है। साथ ही, अफगानिस्तान से
अपने सभी सैनिकों को स्वदेश बुलाकर 20 साल से जारी युद्ध को समाप्त किया।
ये दोनों प्रस्ताव वर्ष 2023 के लिए अमेरिका के 773 अरब अमेरिकी डॉलर के
वार्षिक रक्षा बजट का हिस्सा हैं, जिसे व्हाइट हाउस ने अपने वार्षिक बजटीय
प्रस्तावों के हिस्से के रूप में कांग्रेस के समक्ष प्रस्तुत किया।