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news New Delhi:: वर्ष 2014 से रक्षा क्षेत्र में एफडीआई के रूप में मिले 3,343 करोड़ रुपये: सरकार:

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नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2014
से रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के रूप में कुल
3,343 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को क्षमता बढ़ाने और
अत्याधुनिक तकनीकों के निर्माण के लिए निरंतर निवेश की जरूरत है.



उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2001-2014 की अवधि के दौरान, लगभग 1,382 करोड़
रुपये का कुल एफडीआई प्रवाह दर्ज किया गया था और वर्ष 2014 से अब तक लगभग
3,343 करोड़ रुपये का कुल एफडीआई हासिल किया गया है.’’ एक अलग प्रश्न के
उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बलों में
‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.’’ उनसे शहीद की परिभाषा के
बारे में पूछा गया था और जानने की कोशिश की गई थी कि क्या सरकार ने कर्तव्य
की राह में सर्वोच्च बलिदान देने वालों के लिए इस शब्द का उपयोग बंद कर
दिया है.



भट्ट ने यह भी कहा कि स्वदेशी रक्षा विमानों के अनुसंधान और विकास के
लिए पिछले तीन वर्षों में आवंटित और उपयोग किया गया बजट क्रमश: 3,280 करोड़
रुपये और 2,835 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि स्वदेशी रक्षा विमानों के
विकास के लिए किए गए विभिन्न शोधों में शत-प्रतिशत सफलता हासिल की गई है.









नयी दिल्ली. सरकार ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2014
से रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के रूप में कुल
3,343 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को क्षमता बढ़ाने और
अत्याधुनिक तकनीकों के निर्माण के लिए निरंतर निवेश की जरूरत है.



उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2001-2014 की अवधि के दौरान, लगभग 1,382 करोड़
रुपये का कुल एफडीआई प्रवाह दर्ज किया गया था और वर्ष 2014 से अब तक लगभग
3,343 करोड़ रुपये का कुल एफडीआई हासिल किया गया है.’’ एक अलग प्रश्न के
उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बलों में
‘शहीद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.’’ उनसे शहीद की परिभाषा के
बारे में पूछा गया था और जानने की कोशिश की गई थी कि क्या सरकार ने कर्तव्य
की राह में सर्वोच्च बलिदान देने वालों के लिए इस शब्द का उपयोग बंद कर
दिया है.



भट्ट ने यह भी कहा कि स्वदेशी रक्षा विमानों के अनुसंधान और विकास के
लिए पिछले तीन वर्षों में आवंटित और उपयोग किया गया बजट क्रमश: 3,280 करोड़
रुपये और 2,835 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि स्वदेशी रक्षा विमानों के
विकास के लिए किए गए विभिन्न शोधों में शत-प्रतिशत सफलता हासिल की गई है.






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