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news raipur:: महिला आयोग से एम्स डायरेक्टर ने पक्ष रखने को समय मांगा साक्षी दुबे आत्महत्या मामले में:

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 रायपुर । राज्य महिला आयोग की
सुनवाई में एम्स अस्पताल से संबंधित दो प्रकरणों की भी सुनवाई हुई। साक्षी
दुबे के आत्महत्या मामले में एम्स के डायरेक्टर ने अपना पक्ष रखने के लिए
समय मांगा। एम्स डायरेक्टर ने आयोग को बताया कि आमानाका पुलिस थाना और एम्स
के स्तर पर जांच जारी है। जांच पूरी होते ही आयोग कार्यालय और आवेदिका को
प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। मृतका के प्रकरण में आवेदिका पक्ष ने एम्स
में अध्ययनरत छात्रों के व्यय चर्चा अनावेदक के व्यवहार को लेकर शिकायत की
है। एम्स की ओर से कहा गया कि इन बिंदुओं के लिए जांच कमेटी का गठन किया
जाएगा। आयोग अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक ने कहा कि इस प्रकरण को अगली सुनवाई
में निराकृत किया जाएगा। एम्स के दूसरे प्रकरण में आवेदिका के सर्विस
रिकार्ड में टिप्पणी करने का मामला आया। टिप्पणी करने वाला वर्तमान में
एम्स में कार्यरत नहीं है। आवेदिका ने कहा कि वह दस्तावेजों के साथ जानकारी
एम्स डायरेक्टर के समक्ष दो दिनों में प्रस्तुत कर देंगी। एम्स डायरेक्टर
ने आयोग से कहा कि 15 दिन के भीतर वे रिपोर्ट पेश करेंगे।


नौकरी से निकालने पर दिलाया दो माह का वेतन

एक
प्रकरण में जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रबंधन इकाई की
प्लेसमेंट एजेंसी काल मी सर्विसेस ने आवेदिका को नौकरी से निकाल दिया था।
आयोग ने पाया कि दोनों पक्ष से एक-एक गलती हुई। आवेदिका के पास निर्धारित
पांच वर्ष का अनुभव नहीं था। त्रुटिवश आवेदिका की नियुक्ति की गई थी, इसके
बाद कार्य से हटा दिया गया था। महिला ने एक माह कार्य किया था। आयोग ने
आवेदिका को दो माह का वेतन 64 हजार रुपये दिलवाया।


जबरदस्ती घर में रहने वाली को नारी निकेतन भेजा

एक
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति का दूसरी औरत के साथ संबंध
है। पति का कहना है कि औरत जबरदस्ती उनके घर में रह रही है। आयोग के पूछने
पर दूसरी औरत ने कहा कि आवेदिका ने उसके खिलाफ आरोप लगाकर उसका रिश्ता
तुड़वाया था, इसलिए उसके पति के साथ मंदिर में शादी की हूं। यह भी कहा कि
पति ने पहली पत्नी से तलाक नहीं लिया है, तीन बच्चों की उसकी जिम्मेदारी
है। आयोग ने समझाकर दूसरी औरत को नारी निकेतन भेज दिया। राज्य महिला आयोग
की सुनवाई अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक एवं सदस्य शशिकांता राठौर, अर्चना
उपाध्याय ने की।


 

 

 


 रायपुर । राज्य महिला आयोग की
सुनवाई में एम्स अस्पताल से संबंधित दो प्रकरणों की भी सुनवाई हुई। साक्षी
दुबे के आत्महत्या मामले में एम्स के डायरेक्टर ने अपना पक्ष रखने के लिए
समय मांगा। एम्स डायरेक्टर ने आयोग को बताया कि आमानाका पुलिस थाना और एम्स
के स्तर पर जांच जारी है। जांच पूरी होते ही आयोग कार्यालय और आवेदिका को
प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। मृतका के प्रकरण में आवेदिका पक्ष ने एम्स
में अध्ययनरत छात्रों के व्यय चर्चा अनावेदक के व्यवहार को लेकर शिकायत की
है। एम्स की ओर से कहा गया कि इन बिंदुओं के लिए जांच कमेटी का गठन किया
जाएगा। आयोग अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक ने कहा कि इस प्रकरण को अगली सुनवाई
में निराकृत किया जाएगा। एम्स के दूसरे प्रकरण में आवेदिका के सर्विस
रिकार्ड में टिप्पणी करने का मामला आया। टिप्पणी करने वाला वर्तमान में
एम्स में कार्यरत नहीं है। आवेदिका ने कहा कि वह दस्तावेजों के साथ जानकारी
एम्स डायरेक्टर के समक्ष दो दिनों में प्रस्तुत कर देंगी। एम्स डायरेक्टर
ने आयोग से कहा कि 15 दिन के भीतर वे रिपोर्ट पेश करेंगे।


नौकरी से निकालने पर दिलाया दो माह का वेतन

एक
प्रकरण में जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रबंधन इकाई की
प्लेसमेंट एजेंसी काल मी सर्विसेस ने आवेदिका को नौकरी से निकाल दिया था।
आयोग ने पाया कि दोनों पक्ष से एक-एक गलती हुई। आवेदिका के पास निर्धारित
पांच वर्ष का अनुभव नहीं था। त्रुटिवश आवेदिका की नियुक्ति की गई थी, इसके
बाद कार्य से हटा दिया गया था। महिला ने एक माह कार्य किया था। आयोग ने
आवेदिका को दो माह का वेतन 64 हजार रुपये दिलवाया।


जबरदस्ती घर में रहने वाली को नारी निकेतन भेजा

एक
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पति का दूसरी औरत के साथ संबंध
है। पति का कहना है कि औरत जबरदस्ती उनके घर में रह रही है। आयोग के पूछने
पर दूसरी औरत ने कहा कि आवेदिका ने उसके खिलाफ आरोप लगाकर उसका रिश्ता
तुड़वाया था, इसलिए उसके पति के साथ मंदिर में शादी की हूं। यह भी कहा कि
पति ने पहली पत्नी से तलाक नहीं लिया है, तीन बच्चों की उसकी जिम्मेदारी
है। आयोग ने समझाकर दूसरी औरत को नारी निकेतन भेज दिया। राज्य महिला आयोग
की सुनवाई अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक एवं सदस्य शशिकांता राठौर, अर्चना
उपाध्याय ने की।


 

 

 


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