अधिकतर लोगों को लगता है कि उनकी जिंदगी में कोई न कोई समस्या बनी हुई
है। अगर जिंदगी में कोई समस्या न हो तो फिर भला वो जिंदगी कैसे रहेगी। पर
हम अपनी मुश्किलों को किस तरह से झेलते हैं और अपनी जिंदगी के साथ क्या
करते हैं ये हमारे हाथ में है। एक तरह से देखा जाए तो जिंदगी बहुत ही हसीन
होती है और मुश्किलों के आगे बढ़कर अपना जहां बनाना आसान नहीं होता, लेकिन
ये जिंदगी को खुशनुमा जरूर बना देता है।
आज हम एक ऐसी ही महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो मुश्किलों
से आगे बढ़कर अपनी एक पहचान बना रही हैं। ये हैं दीपाली शिवशंकर जो अपनी
शारीरिक कमजोरियों को बड़ी समस्या नहीं मानतीं। उन्होंने अपनी पहचान बनाने
का निश्चय किया और अब दीपाली फैशन डिजाइनिंग की फील्ड में आगे बढ़ रही हैं।
कपड़े सिलना सीखने से लेकर खुद के डिजाइन्स बनाकर अपने कपड़े बनाने तक का
सफर उन्होंने तय किया।
हमने दीपाली शिवशंकर से बात की और उनके इस खूबसूरत सफर के बारे में
जानने की कोशिश की। दिव्या का कहना है कि, 'स्पेशल एबल्ड होने के कारण
मुश्किलें जिंदगी का हिस्सा होती हैं और इंसान अपनी जिंदगी नई उपलब्धियों
का जश्न मनाते हुए बिता सकता है या फिर मुश्किलों के बारे में रोते हुए
बिता सकता है। मैंने ये कोशिश की कि पॉजिटिव चीजों पर ध्यान दिया जाए और
जीवन ज्योति प्रोग्राम ने मेरे लिए नए रास्ते खोले।'
सवाल: कुछ अपने बारे में बताएं
जवाब: 'मेरा नाम दीपाली शिवशंकर है और मैं पुणे के
हिंज वाथर गांव से हूं। मैंने पढ़ाई सिर्फ 10वीं तक ही की है और मैं आगे
पढ़ना चाहती थी, लेकिन फिजिकली चैलेंज्ड होने के कारण मैं गांव के बाहर
स्कूल या कॉलेज में खुद से नहीं जा सकती थी। इसलिए अपने माता-पिता का हाथ
बंटाने के लिए और फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने के लिए मैंने ब्लाउज सिलना शुरू किया। मेरे माता-पिता ने एक मशीन खरीद कर मुझे दी थी और उसी के जरिए मैंने काम शुरू किया।'
'कुछ समय बाद जीवन ज्योति वुमेन एम्पावरमेंट वोकेशनल कोर्स के बारे में
पता चला और उसमें एडमिशन होना ही मेरी जिंदगी का बड़ा पड़ाव रहा। मैंने
सोचा कि ये मौका मेरे लिए बेहतर हो सकता है। इस प्रोग्राम के जरिए मुझे
फ्री ट्रांसपोर्टेशन, स्टडी कॉस्ट आदि सब मिला। इससे मैं अपने गांव के बाहर
जाकर अपनी जिंदगी को नया मुकाम देना शुरू किया।'
सवाल: शुरुआती दौर में आपको कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ीं
जवाब: 'सफलता का रास्ता कभी आसान नहीं होता है। मेरा
गांव प्रोग्राम लोकेशन से लगभग 35-40 किलोमीटर दूर था। सभी स्टूडेंट्स को
लेने के लिए एक ही गाड़ी आती थी, लेकिन मेरी समस्या के कारण गाड़ी में
चढ़ना और उतरना बहुत मुश्किल होता था। इसी के साथ, रोज़ाना ट्रैवल करना भी
मेरे लिए बहुत मुश्किल था। पर एक सशक्त महिला बनने के लिए मुझे ये परेशानियां छोटी लग रही थीं।'
सवाल: जीवन ज्योति प्रोग्राम की अपनी यात्रा के बारे में कुछ बताएं और क्या ये आपकी जिंदगी बदलने के लिए कारगर साबित हुआ?
जवाब: 'मैं ये मानती हूं कि जीवन ज्योति एम्पावरमेंट
प्रोग्राम ने मेरी जिंदगी बदल दी है। नए दोस्त बनाने से लेकर क्लासेस अटेंड
करने, फंक्शन में जाने, ट्रैवल करने, खुद के पैरों पर खड़े होने और
कॉन्फिडेंट बनने में इसने मेरी मदद की है। मैंने अलग-अलग फैशन च्वाइस के
बारे में सीखा और बच्चों के कपड़े, महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों के बारे
में जानकारी हासिल की। क्योंकि मैं अपने काम में माहिर हो रही थी इसलिए
मेरी कमाई भी बेहतर हुई। हालांकि, जिंदगी की मुश्किलें चलती रहती हैं,
लेकिन इसने ज्यादा सहायता दी।'
सवाल: फैशन एक बहुत ही निजी चीज़ होती है और आप इसे कैसे डिफाइन करेंगी
जवाब: 'मेरे हिसाब से फैशन का मतलब इनोवेशन से है। अगर
आप कुछ नया करती हैं तो वो ट्रेंड बनता है। फैशन का मतलब अपने कपड़ों और
पर्सनालिटी को लेकर कॉन्फिडेंट होना भी है। ट्रेंड्स तो अपनी जगह रहेंगे,
लेकिन अगर आप खुद कंफर्टेबल नहीं हैं तो चाहें कुछ भी पहन लें वो जंचेगा
नहीं।'
सवाल: आपके हिसाब से वर्किंग वुमन फैशन की कुछ बेसिक टिप्स क्या हो सकती हैं
जवाब: 'यहां भी मैं एक ही चीज़ कहूंगी कि कंफर्ट बहुत
जरूरी है। कपड़े भारी न हों और ऐसे हों जिन्हें आसानी से हैंडल किया जा
सके। ऑफिस में आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़े इसके लिए ये जरूरी है कि आप
कंफर्टेबल रहें। वर्किंग वुमन
के लिए लाइट फैब्रिक ज्यादा बेहतर होंगे। इसी के साथ, ऑफिस के माहौल में
ऐसे रंग जो ज्यादा भड़कीले न लगें वो आसानी से ब्लेंड हो जाएंगे। आप चाहें
किसी भी स्टाइल के कपड़े पहन रही हों ऐसा कपड़ा चुनें जिससे स्किन सांस ले
सके।'
सवाल: कोई ऐसा फैशन हैक जो आप हमेशा ट्राई करती हैं
जवाब: 'मैं हमेशा वेरिएशन्स लाने की कोशिश करती हूं।
ट्रेंड्स जो हैं वो हैं, लेकिन अगर मैं उसमें कुछ अलग कर कस्टमर के हिसाब
से उसे मॉडिफाई कर सकूं तो वो ज्यादा बेहतर होगा। पैटर्न्स, डिजाइन,
फैब्रिक हर चीज़ में बदलाव लाया जा सकता है और ट्रेंड्स में ट्विस्ट दिया
जा सकता है।'
दीपाली शिवशंकर का जज्बा उनकी उम्र से काफी बड़ा है और हमेशा कुछ नया
करने की चाहत ने ही उन्हें सफलता दिलाई है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी
है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें
हरजिंदगी से।
अधिकतर लोगों को लगता है कि उनकी जिंदगी में कोई न कोई समस्या बनी हुई
है। अगर जिंदगी में कोई समस्या न हो तो फिर भला वो जिंदगी कैसे रहेगी। पर
हम अपनी मुश्किलों को किस तरह से झेलते हैं और अपनी जिंदगी के साथ क्या
करते हैं ये हमारे हाथ में है। एक तरह से देखा जाए तो जिंदगी बहुत ही हसीन
होती है और मुश्किलों के आगे बढ़कर अपना जहां बनाना आसान नहीं होता, लेकिन
ये जिंदगी को खुशनुमा जरूर बना देता है।
आज हम एक ऐसी ही महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो मुश्किलों
से आगे बढ़कर अपनी एक पहचान बना रही हैं। ये हैं दीपाली शिवशंकर जो अपनी
शारीरिक कमजोरियों को बड़ी समस्या नहीं मानतीं। उन्होंने अपनी पहचान बनाने
का निश्चय किया और अब दीपाली फैशन डिजाइनिंग की फील्ड में आगे बढ़ रही हैं।
कपड़े सिलना सीखने से लेकर खुद के डिजाइन्स बनाकर अपने कपड़े बनाने तक का
सफर उन्होंने तय किया।
हमने दीपाली शिवशंकर से बात की और उनके इस खूबसूरत सफर के बारे में
जानने की कोशिश की। दिव्या का कहना है कि, 'स्पेशल एबल्ड होने के कारण
मुश्किलें जिंदगी का हिस्सा होती हैं और इंसान अपनी जिंदगी नई उपलब्धियों
का जश्न मनाते हुए बिता सकता है या फिर मुश्किलों के बारे में रोते हुए
बिता सकता है। मैंने ये कोशिश की कि पॉजिटिव चीजों पर ध्यान दिया जाए और
जीवन ज्योति प्रोग्राम ने मेरे लिए नए रास्ते खोले।'
सवाल: कुछ अपने बारे में बताएं
जवाब: 'मेरा नाम दीपाली शिवशंकर है और मैं पुणे के
हिंज वाथर गांव से हूं। मैंने पढ़ाई सिर्फ 10वीं तक ही की है और मैं आगे
पढ़ना चाहती थी, लेकिन फिजिकली चैलेंज्ड होने के कारण मैं गांव के बाहर
स्कूल या कॉलेज में खुद से नहीं जा सकती थी। इसलिए अपने माता-पिता का हाथ
बंटाने के लिए और फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने के लिए मैंने ब्लाउज सिलना शुरू किया। मेरे माता-पिता ने एक मशीन खरीद कर मुझे दी थी और उसी के जरिए मैंने काम शुरू किया।'
'कुछ समय बाद जीवन ज्योति वुमेन एम्पावरमेंट वोकेशनल कोर्स के बारे में
पता चला और उसमें एडमिशन होना ही मेरी जिंदगी का बड़ा पड़ाव रहा। मैंने
सोचा कि ये मौका मेरे लिए बेहतर हो सकता है। इस प्रोग्राम के जरिए मुझे
फ्री ट्रांसपोर्टेशन, स्टडी कॉस्ट आदि सब मिला। इससे मैं अपने गांव के बाहर
जाकर अपनी जिंदगी को नया मुकाम देना शुरू किया।'
सवाल: शुरुआती दौर में आपको कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ीं
जवाब: 'सफलता का रास्ता कभी आसान नहीं होता है। मेरा
गांव प्रोग्राम लोकेशन से लगभग 35-40 किलोमीटर दूर था। सभी स्टूडेंट्स को
लेने के लिए एक ही गाड़ी आती थी, लेकिन मेरी समस्या के कारण गाड़ी में
चढ़ना और उतरना बहुत मुश्किल होता था। इसी के साथ, रोज़ाना ट्रैवल करना भी
मेरे लिए बहुत मुश्किल था। पर एक सशक्त महिला बनने के लिए मुझे ये परेशानियां छोटी लग रही थीं।'
सवाल: जीवन ज्योति प्रोग्राम की अपनी यात्रा के बारे में कुछ बताएं और क्या ये आपकी जिंदगी बदलने के लिए कारगर साबित हुआ?
जवाब: 'मैं ये मानती हूं कि जीवन ज्योति एम्पावरमेंट
प्रोग्राम ने मेरी जिंदगी बदल दी है। नए दोस्त बनाने से लेकर क्लासेस अटेंड
करने, फंक्शन में जाने, ट्रैवल करने, खुद के पैरों पर खड़े होने और
कॉन्फिडेंट बनने में इसने मेरी मदद की है। मैंने अलग-अलग फैशन च्वाइस के
बारे में सीखा और बच्चों के कपड़े, महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों के बारे
में जानकारी हासिल की। क्योंकि मैं अपने काम में माहिर हो रही थी इसलिए
मेरी कमाई भी बेहतर हुई। हालांकि, जिंदगी की मुश्किलें चलती रहती हैं,
लेकिन इसने ज्यादा सहायता दी।'
सवाल: फैशन एक बहुत ही निजी चीज़ होती है और आप इसे कैसे डिफाइन करेंगी
जवाब: 'मेरे हिसाब से फैशन का मतलब इनोवेशन से है। अगर
आप कुछ नया करती हैं तो वो ट्रेंड बनता है। फैशन का मतलब अपने कपड़ों और
पर्सनालिटी को लेकर कॉन्फिडेंट होना भी है। ट्रेंड्स तो अपनी जगह रहेंगे,
लेकिन अगर आप खुद कंफर्टेबल नहीं हैं तो चाहें कुछ भी पहन लें वो जंचेगा
नहीं।'
सवाल: आपके हिसाब से वर्किंग वुमन फैशन की कुछ बेसिक टिप्स क्या हो सकती हैं
जवाब: 'यहां भी मैं एक ही चीज़ कहूंगी कि कंफर्ट बहुत
जरूरी है। कपड़े भारी न हों और ऐसे हों जिन्हें आसानी से हैंडल किया जा
सके। ऑफिस में आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़े इसके लिए ये जरूरी है कि आप
कंफर्टेबल रहें। वर्किंग वुमन
के लिए लाइट फैब्रिक ज्यादा बेहतर होंगे। इसी के साथ, ऑफिस के माहौल में
ऐसे रंग जो ज्यादा भड़कीले न लगें वो आसानी से ब्लेंड हो जाएंगे। आप चाहें
किसी भी स्टाइल के कपड़े पहन रही हों ऐसा कपड़ा चुनें जिससे स्किन सांस ले
सके।'
सवाल: कोई ऐसा फैशन हैक जो आप हमेशा ट्राई करती हैं
जवाब: 'मैं हमेशा वेरिएशन्स लाने की कोशिश करती हूं।
ट्रेंड्स जो हैं वो हैं, लेकिन अगर मैं उसमें कुछ अलग कर कस्टमर के हिसाब
से उसे मॉडिफाई कर सकूं तो वो ज्यादा बेहतर होगा। पैटर्न्स, डिजाइन,
फैब्रिक हर चीज़ में बदलाव लाया जा सकता है और ट्रेंड्स में ट्विस्ट दिया
जा सकता है।'
दीपाली शिवशंकर का जज्बा उनकी उम्र से काफी बड़ा है और हमेशा कुछ नया
करने की चाहत ने ही उन्हें सफलता दिलाई है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी
है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें
हरजिंदगी से।