शोधकर्ताओं ने पाया कि 85 और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों,
जिन्होंने औसत से ज्यादा शराब की खपत एक सप्ताह में पांच से सात दिन की है
उनमें शराब न पीने वालों की तुलना में संज्ञानात्मक रूप से स्वस्थ होने की
संभावना ज्यादा है।
हाल ही में हुई शोध में यह बात सामने आई है, कि जो व्यक्ति जीवन भर
एक तय मात्रा में शराब का सेवन करते रहे, उनमें संज्ञानात्मक स्वस्थ रहने
की अधिक संभावनाएं हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन-लीड स्टडीज
के मुताबिक वयस्कों में नियमित आधार पर शराब का सेवन करने की संभावना अधिक
होती है। बिना डिमेंशिया या अन्य संज्ञानात्मक विकारों के आधार पर 85 साल
की उम्र तक ये आदत रहने की संभावना अधिक होती है। शोध से जुड़ी लिंडा
मैकेवॉय का कहना है कि पिछले अध्ययनों में यह सामने आया है कि शराब के सेवन और दीर्घायु के बीच एक संबंध पाया गया है।
यह अध्ययन अद्वितीय है, क्योंकि इसमें ढलती उम्र के पुरुषों और महिलाओं के संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर विचार किया और पाया कि शराब की खपत केवल कम मृत्यु दर से जुड़ी नहीं है। ऐसे बुजुर्गों में जो जीवन भर एक तय मात्रा में शराब का सेवन करते रहे, उनमें संज्ञानात्मक स्वस्थ
रहने की अधिक संभावनाएं हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि 85 और उससे अधिक उम्र
के व्यक्तियों, जिन्होंने औसत से ज्यादा शराब की खपत एक सप्ताह में पांच से
सात दिन की है उनमें शराब न पीने वालों की
तुलना में संज्ञानात्मक रूप से स्वस्थ होने की संभावना ज्यादा है। मिनी
मानसिक राज्य परीक्षा के रूप में जाना जाने वाला एक मानक डिमेंशिया स्क्रीनिंग टेस्ट का उपयोग करते हुए 29 साल के अध्ययन के दौरान संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का मूल्यांकन हर चार वर्ष में किया गया था।
कैसे हुआ ये शोध?
शराब के सेवन को मध्यम, ज्यादा और आयु-विशिष्ट दिशानिर्देशों के रुप में विभाजित किया गया है। जो शराब दुरुपयोग
और मद्यपान पर राष्ट्रीय संस्थान द्वारा स्थापित किया गया था। इसकी
परिभाषा के अनुसार, मध्यम पीने पर किसी भी उम्र की वयस्क महिलाओं और 65
वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए एक दिन में एक मादक पेय का उपभोग
करना शामिल होता है और 65 वर्ष से कम उम्र के वयस्क पुरुषों के लिए एक दिन
में दो मादक पेय का इस्तेमाल करना शामिल है।
ज्यादा
मात्रा में पीने वालों में प्रति दिन तीन मादक पेय का इस्तेमाल करने वाले
लोग शामिल हैं जो कि किसी भी वयस्क की उम्र और 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र
की महिलाओं के लिए और 65 से कम वयस्क पुरुषों के लिए एक
दिन में चार पेय का इस्तेमाल शामिल है। इन मात्राओं से अधिक पीने से
अत्यधिक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यह कहना जरूरी है कि हमारे अध्ययन
में बहुत कम व्यक्ति थे जिन्होंने अधिक मात्रा में शराब का सेवन किया।
इसलिए हमारा अध्ययन यह नहीं दिखाता कि अत्यधिक पीने से बुढ़ापे में
दीर्घायु और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। मैकविले का कहना है कि लंबे समय तक अत्यधिक शराब का सेवन शराब से संबंधित मनोभ्रंश का कारण होने के लिए जाना जाता है।
सीमित मात्रा में शराब पीने के फायदे
शोधकर्ताओं ने कहा कि रिसर्च में यह सूचित नहीं किया गया है कि लंबी उम्र और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के लिए शराब जिम्मेदार है। शराब की खपत, विशेष रूप से शराब की उच्च आय और शिक्षा के स्तर से जुड़ी होती है, जो बदले में धूम्रपान की कम दर, मानसिक बीमारी की कम दर और स्वास्थ्य देखभाल के बेहतर पहुंच से प्रभावित होती है। अध्ययन के अनेक फायदों में से एक फायदा यह भी है कि यह आंकड़ा भौगोलिक रूप से अपेक्षाकृत समरूप आबादी से प्राप्त होता है। 1984 से 2013 तक ये डेटा ट्रैक किया गया है।
संभल कर पियें शराब
सार्वजनिक स्वास्थ्य में संयुक्त सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी यूसी सैन डिएगो डॉक्टोरल प्रोग्राम के स्नातक छात्र मुख्य लेखक एरिन रिचर्ड ने कहा, यह अध्ययन बताता है कि मध्यम पीने की आदत उम्र बढ़ने में संज्ञानात्मक फिटनेस बनाए रखने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा हो सकता है। कुछ लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो अल्कोहल से ज्यादा बढ़ जाती हैं और दूसरों को अपने पीने को केवल एक गिलास या दो ग्लास प्रति दिन सीमित नहीं कर सकते हैं, इन लोगों के लिए, पीने के नतीजों का नकारात्मक परिणाम हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 85 और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों,
जिन्होंने औसत से ज्यादा शराब की खपत एक सप्ताह में पांच से सात दिन की है
उनमें शराब न पीने वालों की तुलना में संज्ञानात्मक रूप से स्वस्थ होने की
संभावना ज्यादा है।
हाल ही में हुई शोध में यह बात सामने आई है, कि जो व्यक्ति जीवन भर
एक तय मात्रा में शराब का सेवन करते रहे, उनमें संज्ञानात्मक स्वस्थ रहने
की अधिक संभावनाएं हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन-लीड स्टडीज
के मुताबिक वयस्कों में नियमित आधार पर शराब का सेवन करने की संभावना अधिक
होती है। बिना डिमेंशिया या अन्य संज्ञानात्मक विकारों के आधार पर 85 साल
की उम्र तक ये आदत रहने की संभावना अधिक होती है। शोध से जुड़ी लिंडा
मैकेवॉय का कहना है कि पिछले अध्ययनों में यह सामने आया है कि शराब के सेवन और दीर्घायु के बीच एक संबंध पाया गया है।
यह अध्ययन अद्वितीय है, क्योंकि इसमें ढलती उम्र के पुरुषों और महिलाओं के संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर विचार किया और पाया कि शराब की खपत केवल कम मृत्यु दर से जुड़ी नहीं है। ऐसे बुजुर्गों में जो जीवन भर एक तय मात्रा में शराब का सेवन करते रहे, उनमें संज्ञानात्मक स्वस्थ
रहने की अधिक संभावनाएं हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि 85 और उससे अधिक उम्र
के व्यक्तियों, जिन्होंने औसत से ज्यादा शराब की खपत एक सप्ताह में पांच से
सात दिन की है उनमें शराब न पीने वालों की
तुलना में संज्ञानात्मक रूप से स्वस्थ होने की संभावना ज्यादा है। मिनी
मानसिक राज्य परीक्षा के रूप में जाना जाने वाला एक मानक डिमेंशिया स्क्रीनिंग टेस्ट का उपयोग करते हुए 29 साल के अध्ययन के दौरान संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का मूल्यांकन हर चार वर्ष में किया गया था।
कैसे हुआ ये शोध?
शराब के सेवन को मध्यम, ज्यादा और आयु-विशिष्ट दिशानिर्देशों के रुप में विभाजित किया गया है। जो शराब दुरुपयोग
और मद्यपान पर राष्ट्रीय संस्थान द्वारा स्थापित किया गया था। इसकी
परिभाषा के अनुसार, मध्यम पीने पर किसी भी उम्र की वयस्क महिलाओं और 65
वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए एक दिन में एक मादक पेय का उपभोग
करना शामिल होता है और 65 वर्ष से कम उम्र के वयस्क पुरुषों के लिए एक दिन
में दो मादक पेय का इस्तेमाल करना शामिल है।
ज्यादा
मात्रा में पीने वालों में प्रति दिन तीन मादक पेय का इस्तेमाल करने वाले
लोग शामिल हैं जो कि किसी भी वयस्क की उम्र और 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र
की महिलाओं के लिए और 65 से कम वयस्क पुरुषों के लिए एक
दिन में चार पेय का इस्तेमाल शामिल है। इन मात्राओं से अधिक पीने से
अत्यधिक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यह कहना जरूरी है कि हमारे अध्ययन
में बहुत कम व्यक्ति थे जिन्होंने अधिक मात्रा में शराब का सेवन किया।
इसलिए हमारा अध्ययन यह नहीं दिखाता कि अत्यधिक पीने से बुढ़ापे में
दीर्घायु और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। मैकविले का कहना है कि लंबे समय तक अत्यधिक शराब का सेवन शराब से संबंधित मनोभ्रंश का कारण होने के लिए जाना जाता है।
सीमित मात्रा में शराब पीने के फायदे
शोधकर्ताओं ने कहा कि रिसर्च में यह सूचित नहीं किया गया है कि लंबी उम्र और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के लिए शराब जिम्मेदार है। शराब की खपत, विशेष रूप से शराब की उच्च आय और शिक्षा के स्तर से जुड़ी होती है, जो बदले में धूम्रपान की कम दर, मानसिक बीमारी की कम दर और स्वास्थ्य देखभाल के बेहतर पहुंच से प्रभावित होती है। अध्ययन के अनेक फायदों में से एक फायदा यह भी है कि यह आंकड़ा भौगोलिक रूप से अपेक्षाकृत समरूप आबादी से प्राप्त होता है। 1984 से 2013 तक ये डेटा ट्रैक किया गया है।
संभल कर पियें शराब
सार्वजनिक स्वास्थ्य में संयुक्त सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी यूसी सैन डिएगो डॉक्टोरल प्रोग्राम के स्नातक छात्र मुख्य लेखक एरिन रिचर्ड ने कहा, यह अध्ययन बताता है कि मध्यम पीने की आदत उम्र बढ़ने में संज्ञानात्मक फिटनेस बनाए रखने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा हो सकता है। कुछ लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो अल्कोहल से ज्यादा बढ़ जाती हैं और दूसरों को अपने पीने को केवल एक गिलास या दो ग्लास प्रति दिन सीमित नहीं कर सकते हैं, इन लोगों के लिए, पीने के नतीजों का नकारात्मक परिणाम हो सकता है।