नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का 10 जनपथ स्थित आवास बीते कुछ दिनों से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। एक बार फिर से मंगलवार को प्रशांत किशोर पहुंचे और कांग्रेस को चुनावी सफलता के कुछ टिप्स दिए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में अकेले ही चुनावी जंग में उतरना चाहिए। इसके अलावा तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बंगाल जैसे राज्यों में गठबंधन करने चाहिए। बीते 4 दिनों में प्रशांत किशोर की सोनिया गांधी के घर पर यह तीसरी मीटिंग थी। इससे पहले सोमवार शाम को भी वह सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान प्रियंका गांधी भी मीटिंग में मौजूद थीं।
मंगलवार सुबह हुई मीटिंग में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी और अंबिका सोनी भी मौजूद थे। प्रशांत किशोर और कांग्रेस लीडरशिप के बीच पहली मुलाकात 16 अप्रैल को हुई थी। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसी दो और मुलाकातें हो सकती हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने राज्यों में अकेले लड़ने या गठबंधन के जो सुझाव दिए हैं, उन पर राहुल गांधी की ओर से भी सहमति जाहिर की गई है। पहली मीटिंग में प्रशांत किशोर की ओर से कांग्रेस को प्लान 370 दिया गया था। इसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को लोकसभा की 370 सीटों पर ही फोकस करना चाहिए। इसके अलावा अन्य स्थानों पर गठबंधन करके आगे बढ़ना चाहिए।
एक सप्ताह में तय हो जाएगी पीके की भूमिका
प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं हैं। हालांकि अब तक इस पर कुछ भी सामने नहीं आया है। पहली मीटिंग के बाद केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत किशोर की भूमिका अगले एक सप्ताह में सामने आ सकती है। पीके के साथ हुई बैठकों में इस साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावों पर भी चर्चा हुई है। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस ने पीके से संपर्क साधा है। नेताओं को लगता है कि पीके की रणनीति के मदद से वह कुछ सफलता हासिल कर सकते हैं।
पीके के साथ मीटिंगों से क्यों दूर हैं राहुल गांधी
सोमवार की शाम को सोनिया गांधी के आवास पर हुई मीटिंग में कई दिग्गज नेता मौजूद थे, लेकिन राहुल गांधी नहीं पहुंचे थे। यही नहीं आज की बैठक में भी वह नहीं पहुंचे हैं। हालांकि कांग्रेस की ओर से अब तक यह नहीं बताया गया है कि राहुल गांधी मीटिंग में शामिल क्यों नहीं हुए हैं।
नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का 10 जनपथ स्थित आवास बीते कुछ दिनों से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। एक बार फिर से मंगलवार को प्रशांत किशोर पहुंचे और कांग्रेस को चुनावी सफलता के कुछ टिप्स दिए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में अकेले ही चुनावी जंग में उतरना चाहिए। इसके अलावा तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बंगाल जैसे राज्यों में गठबंधन करने चाहिए। बीते 4 दिनों में प्रशांत किशोर की सोनिया गांधी के घर पर यह तीसरी मीटिंग थी। इससे पहले सोमवार शाम को भी वह सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे थे। इस दौरान प्रियंका गांधी भी मीटिंग में मौजूद थीं।
मंगलवार सुबह हुई मीटिंग में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी और अंबिका सोनी भी मौजूद थे। प्रशांत किशोर और कांग्रेस लीडरशिप के बीच पहली मुलाकात 16 अप्रैल को हुई थी। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसी दो और मुलाकातें हो सकती हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने राज्यों में अकेले लड़ने या गठबंधन के जो सुझाव दिए हैं, उन पर राहुल गांधी की ओर से भी सहमति जाहिर की गई है। पहली मीटिंग में प्रशांत किशोर की ओर से कांग्रेस को प्लान 370 दिया गया था। इसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को लोकसभा की 370 सीटों पर ही फोकस करना चाहिए। इसके अलावा अन्य स्थानों पर गठबंधन करके आगे बढ़ना चाहिए।
एक सप्ताह में तय हो जाएगी पीके की भूमिका
प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं हैं। हालांकि अब तक इस पर कुछ भी सामने नहीं आया है। पहली मीटिंग के बाद केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत किशोर की भूमिका अगले एक सप्ताह में सामने आ सकती है। पीके के साथ हुई बैठकों में इस साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावों पर भी चर्चा हुई है। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस ने पीके से संपर्क साधा है। नेताओं को लगता है कि पीके की रणनीति के मदद से वह कुछ सफलता हासिल कर सकते हैं।
पीके के साथ मीटिंगों से क्यों दूर हैं राहुल गांधी
सोमवार की शाम को सोनिया गांधी के आवास पर हुई मीटिंग में कई दिग्गज नेता मौजूद थे, लेकिन राहुल गांधी नहीं पहुंचे थे। यही नहीं आज की बैठक में भी वह नहीं पहुंचे हैं। हालांकि कांग्रेस की ओर से अब तक यह नहीं बताया गया है कि राहुल गांधी मीटिंग में शामिल क्यों नहीं हुए हैं।