रायपुर । माना स्थित स्वामी
विवेकानंद एयरपोर्ट में आठ स्थानों पर बाउंड्रीवाल नहीं होने की वजह से
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की उम्मीदों तो तगड़ा झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर
के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसी टावर) और रन-वे निर्माण के बाद भी
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सौगात नहीं मिल पा रही है। लगातार मांग के बावजूद
लोगों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नाई के रास्ते विदेश का सफर करना
पड़ रहा है।
किसानों की जमीन, रास्ता देने राजी नहीं
माना
एयरपोर्ट में 80 करोड़ की लागत से रन-वे विस्तारीकरण हो चुका है और लगभग 40
करोड़ की लागत से नया एटीसी टावर भी बना है, लेकिन माना एयरपोर्ट के जिस
स्थान पर यह एटीसी टावर और रन-वे बना है, वहां आठ स्थानों पर एयरपोर्ट
प्रबंधन बाउंड्रीवाल नहीं कर पा रहा है। एयरपोर्ट निदेशक का कहना है कि
यहां किसानों की जमीन आ रही है और ग्रामीण रास्ता देने को राजी नहीं हैं।
जब तक बाउंड्रीवाल नहीं होगी, तब तक एटीसी टावर और रन-वे सुरक्षित नहीं हो
सकते, इसलिए यहां से आपरेशन भी संभव नहीं हो पाएगा।
सुलझाना है जमीन अधिग्रहण का मामला
अभी पुलिस
पेट्रोलिंग के माध्यम से यहां सुरक्षा की जा रही है। इसलिए माना एयरपोर्ट
प्रबंधन की ओर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एयरलाइंस कंपनियों और
एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) और जिला
प्रशासन को जमीन अधिग्रहण करते हुए यह मामला सुलझाना है। एक बार फिर इस
मामले को लेकर एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों ने हाल ही में माना एयरपोर्ट
निदेशक राकेश सहाय के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है, जिसके
बाद मुख्यमंत्री ने मामले के शीघ्र निपटारे के लिए अधिकारियों को
दिशा-निर्देश दिए हैं।
रन-वे पर छह और एटीसी पर दो जगह बाउंड्रीवाल अधूरा
रने-वे
की सुरक्षा के लिए छह स्थानों पर और एटीसी टावर के लिए दो स्थानों पर
बाउंड्रीवाल होना है। कुल आठ अलग-अलग स्थानों पर किसानों और एनआरडीए के बीच
विवाद जारी है। इस मामले में हाल ही में एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के
अधिकारियों ने राज्य सरकार से मुलाकात की। इसमें एटीसी टावर के करीब दो
स्थानों पर मार्ग को डायवर्ट करने का मामला सामने आ रहा है। राज्य सरकार से
एयरपोर्ट प्रबंधन को आश्वासन मिला है कि किसानों के लिए दूसरा रास्ता देकर
यह स्थान बंद एटीसी टावर के लिए बंद किया जाए, ताकि सुरक्षा हो सके।
विदेश यात्रा के लिए अभी महानगरों के भरोसे
माना
एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं होने की वजह से यात्रियों को
विदेश यात्रा के लिए दिल्ली, मुंबई, चेन्नाई, कोलकाता, नागपुर, इंदौर आदि
शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद अभी तक एक भी
अंतराष्ट्रीय उड़ान की शुरूआत नहीं की जा सकी है, जबकि यात्रियों की मांग
लगातार बढ़ते जा रही
है। इससे पहले कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने छत्तीसगढ़ से आपरेशन को लेकर दिलचस्पी दिखाई थी।
राज्य सरकार से मिला है आश्वासन
रन-वे
और एटीसी टावर को मिलाकर कुल आठ स्थानों पर बाउंड्रीवाल नहीं है। प्रबंधन
के सामने सुरक्षा की चुनौती है। रन-वे की जमीन पर बाउंड्रीवाल का मामला
जिला प्रशासन ने छह महीने के भीतर सुलझाने का निर्णय लिया है, वहीं एटीसी
टावर के संबंध में भी राज्य सरकार से आश्वासन मिला है।
-डा. राकेश सहाय
निदेशक, स्वामी विवेकानंद
रायपुर । माना स्थित स्वामी
विवेकानंद एयरपोर्ट में आठ स्थानों पर बाउंड्रीवाल नहीं होने की वजह से
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की उम्मीदों तो तगड़ा झटका लगा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर
के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसी टावर) और रन-वे निर्माण के बाद भी
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सौगात नहीं मिल पा रही है। लगातार मांग के बावजूद
लोगों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नाई के रास्ते विदेश का सफर करना
पड़ रहा है।
किसानों की जमीन, रास्ता देने राजी नहीं
माना
एयरपोर्ट में 80 करोड़ की लागत से रन-वे विस्तारीकरण हो चुका है और लगभग 40
करोड़ की लागत से नया एटीसी टावर भी बना है, लेकिन माना एयरपोर्ट के जिस
स्थान पर यह एटीसी टावर और रन-वे बना है, वहां आठ स्थानों पर एयरपोर्ट
प्रबंधन बाउंड्रीवाल नहीं कर पा रहा है। एयरपोर्ट निदेशक का कहना है कि
यहां किसानों की जमीन आ रही है और ग्रामीण रास्ता देने को राजी नहीं हैं।
जब तक बाउंड्रीवाल नहीं होगी, तब तक एटीसी टावर और रन-वे सुरक्षित नहीं हो
सकते, इसलिए यहां से आपरेशन भी संभव नहीं हो पाएगा।
सुलझाना है जमीन अधिग्रहण का मामला
अभी पुलिस
पेट्रोलिंग के माध्यम से यहां सुरक्षा की जा रही है। इसलिए माना एयरपोर्ट
प्रबंधन की ओर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एयरलाइंस कंपनियों और
एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) और जिला
प्रशासन को जमीन अधिग्रहण करते हुए यह मामला सुलझाना है। एक बार फिर इस
मामले को लेकर एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों ने हाल ही में माना एयरपोर्ट
निदेशक राकेश सहाय के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की है, जिसके
बाद मुख्यमंत्री ने मामले के शीघ्र निपटारे के लिए अधिकारियों को
दिशा-निर्देश दिए हैं।
रन-वे पर छह और एटीसी पर दो जगह बाउंड्रीवाल अधूरा
रने-वे
की सुरक्षा के लिए छह स्थानों पर और एटीसी टावर के लिए दो स्थानों पर
बाउंड्रीवाल होना है। कुल आठ अलग-अलग स्थानों पर किसानों और एनआरडीए के बीच
विवाद जारी है। इस मामले में हाल ही में एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के
अधिकारियों ने राज्य सरकार से मुलाकात की। इसमें एटीसी टावर के करीब दो
स्थानों पर मार्ग को डायवर्ट करने का मामला सामने आ रहा है। राज्य सरकार से
एयरपोर्ट प्रबंधन को आश्वासन मिला है कि किसानों के लिए दूसरा रास्ता देकर
यह स्थान बंद एटीसी टावर के लिए बंद किया जाए, ताकि सुरक्षा हो सके।
विदेश यात्रा के लिए अभी महानगरों के भरोसे
माना
एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं होने की वजह से यात्रियों को
विदेश यात्रा के लिए दिल्ली, मुंबई, चेन्नाई, कोलकाता, नागपुर, इंदौर आदि
शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद अभी तक एक भी
अंतराष्ट्रीय उड़ान की शुरूआत नहीं की जा सकी है, जबकि यात्रियों की मांग
लगातार बढ़ते जा रही
है। इससे पहले कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने छत्तीसगढ़ से आपरेशन को लेकर दिलचस्पी दिखाई थी।
राज्य सरकार से मिला है आश्वासन
रन-वे
और एटीसी टावर को मिलाकर कुल आठ स्थानों पर बाउंड्रीवाल नहीं है। प्रबंधन
के सामने सुरक्षा की चुनौती है। रन-वे की जमीन पर बाउंड्रीवाल का मामला
जिला प्रशासन ने छह महीने के भीतर सुलझाने का निर्णय लिया है, वहीं एटीसी
टावर के संबंध में भी राज्य सरकार से आश्वासन मिला है।
-डा. राकेश सहाय
निदेशक, स्वामी विवेकानंद